UP : भारतीय सर्वेक्षण विभाग (ASI) की टीम ने संभल में कल्कि विष्णु मंदिर और कुएं का सर्वेक्षण किया, जानिए दूसरे दिन सर्वें में क्या मिला?
धार्मिक नगरी संभल की पहचान में शामिल 19 कुओं की खोज पूरी हो गई है। अब जिला प्रशासन ने इन सभी कुओं की आयु निर्धारित करने के लिए एएसआई को पत्र लिखा है। इस पत्र के आधार पर एएसआई ने शनिवार को कुल 22 स्थलों का निरीक्षण और सर्वेक्षण किया। एएसआई के मुताबिक इस सर्वेक्षण के नतीजे एक महीने के अंदर जारी कर दिए जाएंगे।
Updated: Dec 21, 2024, 18:59 IST
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ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी संभल की पहचान में शामिल सभी 19 कुएं मिल गए हैं। इसके साथ ही संभल में 6 तीर्थ स्थलों की भी पहचान की गई है। शहर में धार्मिक महत्व के इन स्थलों का सर्वे करने आई एएसआई की टीम ने भले ही सर्वे पूरा होने की घोषणा कर दी हो, लेकिन अभी भी 62 तीर्थ स्थलों की पहचान होनी बाकी है। इसके अलावा उन 36 पुरों और 52 सरायों की भी पहचान होनी बाकी है, जिनके बारे में विभिन्न पौराणिक और उत्तर पौराणिक ग्रंथों में विवरण मिलता है। इस संदर्भ में सबसे पहले उन स्थलों की चर्चा करते हैं, जिन पर एएसआई ने अपनी मुहर लगाई है।READ ALSO:-इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी, सामने आई बड़ी वजह
संभल के जिलाधिकारी ने शनिवार को एक पत्र सार्वजनिक किया है। यह पत्र 14 दिसंबर को एएसआई के निदेशक को लिखा गया। इसमें एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा ने बताया कि संभल में 19 कुएं और 6 तीर्थ स्थलों की पहचान की गई है। एसडीएम के इस पत्र को ध्यान में रखते हुए एएसआई ने रविवार को कल्कि मंदिर समेत 22 स्थानों का सर्वे किया है। सर्वे पूरा होने के बाद एएसआई ने बताया कि अगले एक माह में सर्वे रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी।
इन कुओं की हुई है पहचान
संभल के पहचान में शामिल 19 कुओं में पहला कुआं चतुर्मुख कुआं है। यह कुआं आलम सराय में पानी की टंकी के पास है। दूसरा अमृत कुआं दुर्गा कॉलोनी स्थित कुआं मंदिर में है। तीसरा अशोक कुआं हल्लू सराय मोहल्ले में है। चौथा सप्तसागर कुआं है। यह सरथल चौकी के पास सरथलेश्वर मंदिर में है। पांचवां बाली कुआं पुरानी तहसील के पास कूचे वाली गली में है। इसी तरह छठा कुआं हयातनगर में धर्म कुआं है। सातवां कुआं कोट पूर्वी मोहल्ले के शिव मंदिर में ऋषिकेश कुआं है। इसी तरह आठवां कुआं कल्कि मंदिर के पास परासर कुआं है और नौवां कुआं संभल कोतवाली के सामने अक्रममोचन कुआं है।
संभल के पहचान में शामिल 19 कुओं में पहला कुआं चतुर्मुख कुआं है। यह कुआं आलम सराय में पानी की टंकी के पास है। दूसरा अमृत कुआं दुर्गा कॉलोनी स्थित कुआं मंदिर में है। तीसरा अशोक कुआं हल्लू सराय मोहल्ले में है। चौथा सप्तसागर कुआं है। यह सरथल चौकी के पास सरथलेश्वर मंदिर में है। पांचवां बाली कुआं पुरानी तहसील के पास कूचे वाली गली में है। इसी तरह छठा कुआं हयातनगर में धर्म कुआं है। सातवां कुआं कोट पूर्वी मोहल्ले के शिव मंदिर में ऋषिकेश कुआं है। इसी तरह आठवां कुआं कल्कि मंदिर के पास परासर कुआं है और नौवां कुआं संभल कोतवाली के सामने अक्रममोचन कुआं है।
कल्कि मंदिर में भी मिला कुआं
10वां कुआं जामा मस्जिद चौकी के अंतर्गत धरनी वराह कुआं है। इसी तरह 11वां कुआं एक रात वाली मस्जिद के पास और 12वां प्राचीन कुआं जामा मस्जिद परिसर में है। 13वां कुआं बाल विद्या मंदिर के सामने और 14वां कुआं न्यारियों वाली मस्जिद परिसर में है। 15वां प्राचीन कुआं गद्दियों वाले मोहल्ले में और 16वां कुआं सेठों की गली में है। 17वां प्राचीन कुआं एजेंटी चौक के पास और 18वां कुआं खग्गू सराय मोहल्ले में है। 19वें कुएं की पहचान कल्कि विष्णु मंदिर में स्थित कृष्ण कुएं के रूप में हुई है।
10वां कुआं जामा मस्जिद चौकी के अंतर्गत धरनी वराह कुआं है। इसी तरह 11वां कुआं एक रात वाली मस्जिद के पास और 12वां प्राचीन कुआं जामा मस्जिद परिसर में है। 13वां कुआं बाल विद्या मंदिर के सामने और 14वां कुआं न्यारियों वाली मस्जिद परिसर में है। 15वां प्राचीन कुआं गद्दियों वाले मोहल्ले में और 16वां कुआं सेठों की गली में है। 17वां प्राचीन कुआं एजेंटी चौक के पास और 18वां कुआं खग्गू सराय मोहल्ले में है। 19वें कुएं की पहचान कल्कि विष्णु मंदिर में स्थित कृष्ण कुएं के रूप में हुई है।
इन तीर्थों की भी हुई पहचान
संभल एसडीएम वंदना मिश्रा के अनुसार पौराणिक ग्रंथों में वर्णित 68 तीर्थों में से कुछ की पहचान हो गई है। इनमें पहला तीर्थ हौज भदेसरा स्थित भद्रका आश्रम तीर्थ है। दूसरा तीर्थ जलालपुर मोहम्मदाबाद में स्वर्गदीप तीर्थ के नाम से है। तीसरा तीर्थ जलालपुर में ही चक्रपाणि तीर्थ के नाम से है। चौथा आर्य कोल्ड स्टोरेज के पास है। इसे श्मशान या प्राचीन तीर्थ के रूप में जाना जाता है। इसी तरह कल्कि विष्णु मंदिर यहां के पांचवें तीर्थ के रूप में जाना जाता है।
संभल एसडीएम वंदना मिश्रा के अनुसार पौराणिक ग्रंथों में वर्णित 68 तीर्थों में से कुछ की पहचान हो गई है। इनमें पहला तीर्थ हौज भदेसरा स्थित भद्रका आश्रम तीर्थ है। दूसरा तीर्थ जलालपुर मोहम्मदाबाद में स्वर्गदीप तीर्थ के नाम से है। तीसरा तीर्थ जलालपुर में ही चक्रपाणि तीर्थ के नाम से है। चौथा आर्य कोल्ड स्टोरेज के पास है। इसे श्मशान या प्राचीन तीर्थ के रूप में जाना जाता है। इसी तरह कल्कि विष्णु मंदिर यहां के पांचवें तीर्थ के रूप में जाना जाता है।
इनकी खोज अभी बाकी है पौराणिक ग्रंथों में भगवान नारायण के जन्म स्थान संभल की पहचान बताई गई है। कहा जाता है कि यह 19 कुओं वाला शहर होगा। इसके अलावा यहां 68 तीर्थ और 36 पुर के साथ ही 52 सराय भी होंगी। इसी पौराणिक पहचान के आधार पर संभल में 19 कुओं की खोज पूरी हो चुकी है।
इनमें से कई कुओं को जबरन पाट दिया गया था। इसी तरह जिला प्रशासन और एएसआई की टीम ने पांच तीर्थों की भी पहचान की है। जिला प्रशासन के अनुरोध पर एएसआई की टीम ने इन सभी स्थानों का सर्वे भी कर लिया है। अब यहां 62 तीर्थ, 36 पुर और 52 सरायों की पहचान होनी बाकी है।