UP : एक्सप्रेस-वे-हाईवे किनारे से हटाई जाएंगी शराब की दुकानें, सड़क हादसे रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने दिए ये बड़े आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए स्कूल-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही।
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उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों को रोकने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10 बड़े आदेश जारी किए हैं। एक्सप्रेस-वे और हाईवे के किनारे स्थित शराब की दुकानों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराने और जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया गया है।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नहीं लगाने होंगे चक्कर, मना किया तो अस्पताल पर होगी कार्रवाई, SDM के आदेश की जरूरत नहीं

 

सड़क सुरक्षा के लिए अहम फैसले
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह फूड प्लाजा होता है, उसी तरह एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ अस्पताल होने चाहिए। सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर, एंबुलेंस और प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए। वहीं, एक्सप्रेस-वे और हाईवे के किनारे शराब की दुकानें नहीं होनी चाहिए। साथ ही शराब की दुकानों के साइनेज छोटे किए जाएं।

 


सड़क हादसों पर चिंतन
बैठक में सड़क हादसों के सालाना आंकड़ों पर चर्चा हुई। वर्ष 2024 में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 24,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 34,600 लोग घायल हुए। मुख्यमंत्री ने इसे बेहद चिंताजनक बताया और इसमें कमी लाने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा।

 

सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं किन जिलों में हुईं?
प्रदेश के 20 जिलों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए, जिनमें लखनऊ, मथुरा, आगरा, कानपुर नगर, प्रयागराज, बरेली, मेरठ, गोरखपुर, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर जैसे जिले शामिल हैं। प्रदेश में कुल मौतों में से 42 फीसदी मौतें इन्हीं 20 जिलों में हुई हैं। मुख्यमंत्री ने इन जिलों में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
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नियमों का पालन न करने वालों पर होगी कार्रवाई 
  •  तेज रफ्तार, शराब पीकर वाहन चलाना, गलत साइड में वाहन चलाना, रेड लाइट जंप करना और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना सड़क हादसों का मुख्य कारण है। 
  • बिना परमिट वाली बसें और अवैध वाहन सड़कों पर न चलने दिए जाएं। 
  • अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शा पर रोक लगाई जाए, नाबालिग बच्चों को ई-रिक्शा न चलाने दिया जाए। 
  • सड़क सुरक्षा के लिए और क्या कदम उठाए जाएंगे? 
  • एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाएगी। 
  • प्रदेश में एनएचएआई की 93 सड़कों में से सिर्फ 4 पर कैमरे लगे हैं, सभी सड़कों पर कैमरे लगाने के निर्देश।
  • पुलिस और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन मिलकर सुनिश्चित करें कि लंबी दूरी के वाहनों में दो चालक हों।
  • शहरों में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • अस्पताल, स्कूल और बाजारों के बाहर स्पीड ब्रेकर बनाए जाएंगे।

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