UP: होली को लेकर उत्तर प्रदेश के DGP ने जारी किए दिशा-निर्देश, सोशल मीडिया की 24 घंटे निगरानी, ​​नई परंपराओं पर रोक; अराजक तत्वों पर होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने होली को लेकर पूरे प्रदेश में सख्त पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश जारी किए हैं। सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षकों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के आदेश दिए गए हैं।
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DGP-UP
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने होली के त्योहार को शांतिपूर्वक और सुरक्षित रूप से संपन्न कराने के लिए पूरे प्रदेश में सख्त पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि होली के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो और कानून व्यवस्था बनी रहे। सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के आदेश दिए गए हैं।
मुख्य निर्देश और सुरक्षा व्यवस्था:
  • नई परंपराओं पर रोक: डीजीपी ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि होली के त्योहार के दौरान किसी भी नई परंपरा को शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी कार्यक्रम पूर्व निर्धारित और पारंपरिक तरीके से ही आयोजित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य किसी भी विवाद या अप्रिय घटना को रोकना है जो नई परंपराओं के कारण उत्पन्न हो सकती है।
  • होलिका दहन स्थलों की निगरानी: संवेदनशील क्षेत्रों में स्थित होलिका दहन स्थलों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को स्वयं इन स्थलों का निरीक्षण करने और पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने के लिए कहा गया है। इसके अतिरिक्त, अग्निशमन दस्तों को भी किसी भी आपात स्थिति के लिए अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
  • असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई: पिछले वर्षों में होली के दौरान हुए विवादों और दर्ज मामलों की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। असामाजिक तत्वों को चिह्नित करने और उनके खिलाफ सख्त निरोधात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इसका उद्देश्य त्योहार से पहले ही उपद्रवियों पर नियंत्रण करना है।
  • दंगा नियंत्रण टीमों की तैयारी: किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल की पर्याप्त व्यवस्था करने और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (क्यूआरटी) का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं। इन टीमों को दंगा नियंत्रण उपकरणों से लैस करके संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जाएगा।
  • संवेदनशील स्थानों पर सतर्कता: मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों, जुलूस मार्गों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इन स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से निगरानी करने के लिए कहा गया है।
  • समाज के प्रभावशाली लोगों से संवाद: इस वर्ष होली और शुक्रवार की नमाज एक ही दिन होने के कारण, डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को धार्मिक गुरुओं, आयोजकों और शांति समितियों के साथ बैठकें करने का निर्देश दिया है। इन बैठकों का उद्देश्य संभावित समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करना और आपसी सद्भाव बनाए रखना है।
  • सोशल मीडिया की निगरानी: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चौबीसों घंटे कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी आपत्तिजनक या भ्रामक पोस्ट पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है ताकि अफवाहों और गलत सूचनाओं को फैलने से रोका जा सके।
  • अवैध शराब पर सख्ती: होली के दौरान अवैध और जहरीली शराब के निर्माण और बिक्री को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। आबकारी विभाग के साथ समन्वय स्थापित करके छापेमारी करने और शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
  • अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवाओं को अलर्ट: किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अस्पतालों को अलर्ट पर रखा जाएगा। 108 एम्बुलेंस सेवा को हाई अलर्ट पर रखा जाएगा और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त एम्बुलेंस तैनात की जाएंगी।
  • बाजारों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में गश्त: बाजारों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के आसपास वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में नियमित गश्त की जाएगी ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
  • दंगा नियंत्रण और आपातकालीन व्यवस्था: कमिश्नरेट और जिलों में संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करके जोन/सेक्टर प्लान के तहत पुलिस बल तैनात किया जाएगा। दंगा नियंत्रण योजना का पूर्वाभ्यास करने और दंगा रोधी उपकरणों की गुणवत्ता और उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
संक्षेप में:
डीजीपी के निर्देशों का मुख्य उद्देश्य होली के त्योहार को शांति और सद्भाव के साथ संपन्न कराना है। इसके लिए निवारक उपायों, कड़ी निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया और विभिन्न विभागों के साथ समन्वय पर जोर दिया गया है। किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त न करने की सख्त चेतावनी दी गई है।

 

यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है कि प्रदेश में होली का त्योहार शांतिपूर्वक और सुरक्षित माहौल में मनाया जाए।

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