उत्तर प्रदेश दिवस 2025 : कैसे पूरा हुआ 'संयुक्त प्रांत' (United Province) से 'उत्तर प्रदेश' बनने तक का सफर, 24 जनवरी 1950 को क्या हुआ था?
उत्तर प्रदेश दिवस: समय के साथ उत्तर प्रदेश ने खुद को काफी बदला है। अपनी परंपराओं को सहेजते हुए यह राज्य आधुनिकता के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है। यूपी का जन्म किसी और नाम से हुआ था। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के गठन की कहानी के बारे में।
Jan 22, 2025, 08:55 IST
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उत्तर प्रदेश 24 जनवरी को अपना 76वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध राज्य उत्तर प्रदेश आज देश की राजनीति की दशा और दिशा तय करता है। भगवान राम और कृष्ण की धरती वाले इस राज्य में राम मंदिर और भगवान काशी विश्वनाथ की प्राचीनतम नगरी है। त्रिवेणी का अद्भुत संगम दुनियाभर में मशहूर है। उत्तर प्रदेश के हर कोने में आज भी ब्रिटिश हुकूमत की यादें साफ दिखाई देती हैं। READ ALSO:-बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान अस्पताल से हुए डिस्चार्ज, कहाँ-कहां लगी थी चोट? डिस्चार्ज होते ही वीडियो में मिली ये झल
समय के साथ यूपी ने खुद को काफी बदला है, आज यह राज्य आधुनिकता के साथ लगातार तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा है। क्या आप उत्तर प्रदेश के गठन की कहानी जानते हैं? यूपी ने 2018 से अपना स्थापना दिवस मनाना शुरू किया है। इससे पहले यह आयोजन आयोजित नहीं होता था। 24 जनवरी 1950 को भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्रोविंस ऑर्डर 1950 (नाम परिवर्तन के संबंध में) पारित किया था। इसके बाद यूनाइटेड प्रोविंस का नाम उत्तर प्रदेश हो गया। इतिहास में उल्लेख मिलता है कि 1834 तक यूपी बंगाल प्रांत के अंतर्गत आता था। उस समय तक भारत में केवल 3 प्रांत थे, बंगाल, बॉम्बे और मद्रास। बाद में आगरा के नाम से चौथा प्रांत बना। उस समय प्रांत का मुखिया गवर्नर होता था।
A breathtaking Drone Show to mark 'UP Diwas', Uttar Pradesh's Foundation Day!
— UP Tourism (@uptourismgov) January 21, 2025
Don’t miss the spectacular drone show at Mahakumbh, Prayagraj on 24th January 2025. The skies will tell the story of Uttar Pradesh’s unparalleled heritage!#upday #updiwas #uttarpradeshtourism… pic.twitter.com/DCAW2mahK2
1856 में अवध को चीफ कमिश्नर के अधीन कर दिया गया। सभी जिलों को मिलाकर नॉर्थ वेस्टर्न प्रांत बना दिया गया। 1858 की शुरुआत में तत्कालीन लॉर्ड कैनिंग इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में आकर बस गए, जिसके बाद नॉर्थ वेस्टर्न नाम से प्रांत बना। उस दौरान प्रशासन आगरा से इलाहाबाद स्थानांतरित हो गया। 1877 में इसे नॉर्थ वेस्टर्न और अवध प्रांत के नाम से जाना जाने लगा। इसके बाद 1902 में पूरे राज्य का नाम 'संयुक्त प्रांत आगरा और अवध' रखा गया।
पहली परिषद का गठन 1921में हुआ था
विधान परिषद का पहला चुनाव 1920 में हुआ, जिसके बाद 1921 में लखनऊ में पहली परिषद बनी। उस समय राज्यपाल, मंत्री और राज्यपाल सचिवों को लखनऊ में रहने का आदेश दिया गया था। इसके बाद तत्कालीन गवर्नर हरकोर्ट बटलर इलाहाबाद से लखनऊ चले गए। 1935 तक सभी कार्यालय लखनऊ में शिफ्ट हो गए, जिसके बाद लखनऊ को राजधानी बनाया गया। 1937 में इसका नाम यूनाइटेड प्रोविंस रखा गया। देश आजाद होने के बाद 24 जनवरी 1950 को इसका नाम उत्तर प्रदेश रखा गया।
विधान परिषद का पहला चुनाव 1920 में हुआ, जिसके बाद 1921 में लखनऊ में पहली परिषद बनी। उस समय राज्यपाल, मंत्री और राज्यपाल सचिवों को लखनऊ में रहने का आदेश दिया गया था। इसके बाद तत्कालीन गवर्नर हरकोर्ट बटलर इलाहाबाद से लखनऊ चले गए। 1935 तक सभी कार्यालय लखनऊ में शिफ्ट हो गए, जिसके बाद लखनऊ को राजधानी बनाया गया। 1937 में इसका नाम यूनाइटेड प्रोविंस रखा गया। देश आजाद होने के बाद 24 जनवरी 1950 को इसका नाम उत्तर प्रदेश रखा गया।
इसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाने की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। पहली बार 24 जनवरी 1989 को महाराष्ट्र में रहने वाले यूपी के कुछ लोगों ने स्थापना दिवस मनाना शुरू किया। जब महाराष्ट्र निवासी राम नाइक राज्यपाल बने तो इन लोगों ने उनके समक्ष यूपी का स्थापना दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। राज्यपाल ने इसे तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार के पास भेजा, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली। बाद में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। नाइक ने उन्हें दोबारा प्रस्ताव भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में पहली बार उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस को 'उत्तर प्रदेश दिवस' के रूप में मनाया। तब से यह दिन हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश ने दिए सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री।
आज उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य बन गया है जिसने देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए हैं। कहा जाता है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। जवाहर लाल नेहरू से लेकर लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह और राजीव गांधी, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी तक यूपी से सांसद बनकर पीएम बने। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से सांसद हैं।
उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें और 403 विधानसभा सीटें हैं। उत्तरांचल राज्य के गठन के लिए उत्तर प्रदेश में लंबा आंदोलन चला था। 9 नवंबर 2000 को यूपी के पर्वतीय और गढ़वाल-कुमाऊं मंडल को अलग करके उत्तरांचल (Now Uttarakhand) राज्य का गठन किया गया था। अवध, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के गठन की भी मांग चल रही है।