UP : युवतियों से छेड़छाड़ करने वालों को सबक सिखाएगी ये लिपस्टिक, ITM गोरखपुर के छात्रों ने किया आविष्कार, जानें इसकी तमाम खूबियां
गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, गोरखपुर आईटीएम इंजीनियरिंग कॉलेज गीडा की बीटेक द्वितीय वर्ष की दो छात्राओं, इशरत खान और सृष्टि श्रीवास्तव ने महिला सुरक्षा के लिए एक अनूठी डिवाइस, 'लिपस्टिक गन' बनाई है।
Mar 10, 2025, 07:00 IST
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गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गोरखपुर आईटीएम इंजीनियरिंग कॉलेज गीडा की बीटेक द्वितीय वर्ष की दो छात्राएं इशरत खान और सृष्टि श्रीवास्तव ने मिलकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनूठी 'लिपस्टिक गन' बनाई है। यह खास डिवाइस छेड़छाड़ या किसी आपात स्थिति में महिला की आवाज पहचान सकेगी। यह पुलिस और परिजनों को तत्काल कॉल और लोकेशन भेज सकेगी।READ ALSO:- डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी का BJP नेता को जवाब, मेरठ का नाम नहीं बदला जाएगा, नाम बदलने का सुझाव उचित नहीं
मुख्य विशेषताएं:
- सुरक्षा उपकरण: यह डिवाइस विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- आपातकालीन स्थिति में सहायक: छेड़छाड़ या किसी भी आपात स्थिति में यह डिवाइस महिला की आवाज को पहचान सकता है।
- तत्काल सहायता: यह डिवाइस मुसीबत में फंसी महिला की आवाज पहचान कर तुरंत पुलिस और परिवार के सदस्यों को कॉल कर सकता है और उन्हें महिला की लोकेशन भी भेज सकता है।
- आत्मरक्षा के लिए: इस लिपस्टिक गन में 5 एमएम की बैरल है जिसमें 4 एमएम की प्लास्टिक और लाल मिर्च की गोलियां भरी हुई हैं। जब यह गन फायर की जाती है, तो ये गोलियां अपराधी की आंखों में तेज जलन पैदा करती हैं, जिससे अपराधी कुछ समय के लिए असहाय हो जाता है और महिला को भागने का समय मिल जाता है।
- अलार्म: गन से फायरिंग की तेज आवाज आसपास के लोगों को सतर्क कर देगी, जिससे वे मदद के लिए आगे आ सकते हैं।
- हल्का और कॉम्पैक्ट: यह लिपस्टिक गन विशेष कार्बन फाइबर से बनी है और इसका वजन केवल 50 ग्राम है, जिससे इसे ले जाना आसान है। यह देखने में बिलकुल आम लिपस्टिक जैसी ही लगती है।
- कम लागत: इसे बनाने में लगभग ₹2000 का खर्च आया है।
तकनीकी पहलू:
इसे बनाने में वॉयस मॉड्यूल, 3 वोल्ट की बैटरी, मेटल पाइप, पीसीबी बोर्ड, जींस बटन और माइक जैसे उपकरणों का उपयोग किया गया है।
यह डिवाइस आवाज पहचानने की तकनीक पर काम करता है।
इसे बनाने में वॉयस मॉड्यूल, 3 वोल्ट की बैटरी, मेटल पाइप, पीसीबी बोर्ड, जींस बटन और माइक जैसे उपकरणों का उपयोग किया गया है।
यह डिवाइस आवाज पहचानने की तकनीक पर काम करता है।

प्रेरणा:
सृष्टि श्रीवास्तव ने बताया कि देश और दुनिया में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसक घटनाओं को देखकर उन्होंने यह सुरक्षा डिवाइस तैयार किया है। इसका उद्देश्य महिलाओं को मुसीबत के समय आत्मरक्षा करने और तत्काल सहायता प्राप्त करने में मदद करना है।
इशरत खान और सृष्टि श्रीवास्तव ने बताया कि बंदूक की फायरिंग की तेज आवाज से आसपास के लोग सतर्क हो जाएंगे और वे मदद के लिए आगे आ सकेंगे। लिपस्टिक गन विशेष कार्बन फाइबर से बनी है। इसका वजन मात्र 50 ग्राम है। इसे बनाने में वॉयस मॉड्यूल, 3 वोल्ट की बैटरी, मेटल पाइप, पीसीबी बोर्ड, जींस बटन, माइक आदि का इस्तेमाल किया गया है। इसे बनाने में करीब ₹2000 का खर्च आया है।
प्रतिक्रिया और प्रोत्साहन:
आईटीएम कॉलेज के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने इस इनोवेशन की प्रशंसा करते हुए इसे महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और इस प्रोजेक्ट को और बेहतर बनाने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज का इनोवेशन सेल छात्रों के शोध को आगे बढ़ाने में मदद करता है।
आईटीएम कॉलेज के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने इस इनोवेशन की प्रशंसा करते हुए इसे महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और इस प्रोजेक्ट को और बेहतर बनाने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज का इनोवेशन सेल छात्रों के शोध को आगे बढ़ाने में मदद करता है।
छात्राओं का सुझाव:
छात्राओं ने सरकार से अनुरोध किया है कि जिस तरह छात्रों को टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किए जाते हैं, उसी तरह इस प्रकार के सुरक्षा उपकरणों का भी वितरण किया जाना चाहिए, जिससे छात्रों को काफी लाभ होगा और महिला सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
छात्राओं ने सरकार से अनुरोध किया है कि जिस तरह छात्रों को टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किए जाते हैं, उसी तरह इस प्रकार के सुरक्षा उपकरणों का भी वितरण किया जाना चाहिए, जिससे छात्रों को काफी लाभ होगा और महिला सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
यह 'लिपस्टिक गन' प्रोजेक्ट महिला सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है।