UP: चुनाव से पहले इन 2 जिलों में लागू होगा पुलिस कमिश्नर सिस्टम, जाने कैसे काम करती है आयुक्त प्रणाली

Police Commissionerate System: मौजूदा पुलिस आयुक्त प्रणाली वाले शहरों लखनऊ, नोएडा, वाराणसी व कानपुर से मिल रहे सकारात्मक परिणामों को देखते हुए व मेरठ, गाजियाबाद, प्रयागराज व आगरा में यह व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

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Meerut police
उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में 2 और शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम (Police Commissionerate System) लागू हो सकता है। फिलहाल प्रदेश के Lucknow, kanpur, Noida और varanasi में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है, लेकिन प्रदेश सरकार इसे बढ़ाकर अब 6 करने की तैयारी कर रही है। हालांकि कमिश्नरी प्रणाली की दौड़ में Meerut, Ghaziabad, Agra और Prayagraj शामिल हैं, लेकिन इनमें से किन्हीं 2 जिलों में ही पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किए जाने पर विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले दो शहरों में हर हाल में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो जाएगा।

 

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा है कि दस लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया जाए। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस व्यवस्था के लिए इन चार शहरों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। चारों शहरों की समीक्षा के बाद इन शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो जाएगा। Read Also : Free Laptop: अवकाश के दिन छात्रों को भेजा फॉर्म, भरने के लिए 24 घंटे का समय भी नहीं दिया, ऊपर से फीस जमा करने की शर्त

 

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मौजूदा पुलिस आयुक्त प्रणाली वाले शहरों लखनऊ, नोएडा, वाराणसी व कानपुर से मिल रहे सकारात्मक परिणामों को देखते हुए गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा व मेरठ में यह व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इसी को देखते हुए खुद डीजीपी अब इन चारों शहरों की समीक्षा कर रहे हैं। यहां माना जा रहा है कि चुनाव से पहले इनमें से कम से कम दो शहरों में यह  प्रणाली लागू हो जाएगी। Read Also : सस्ते में घर खरीदने का शानदार मौका, इस दिन Bank Of Baroda करेगा नीलामी, जानें कैसे करें आवेदन

 

इसलिए अहम हैं Meerut और Ghaziabad

माना जा रहा है कि मेरठ और गाजियाबाद में चुनाव से पहले कमिश्नर प्रणाली लागू हो जाएगी। दरअसल दिल्ली व इसके आसपास के अन्य राज्यों के सभी प्रमुख शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है, सिर्फ मेरठ और गाजियाबाद में ही यह प्रणाली लागू नहीं है। मेरठ आबादी के लिहाज से भी बड़ा शहर है और अपराध के मामले में यह संवेदनशील भी है। इसीलिए यहां पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की सबसे ज्यादा जरूरत है।

 

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बता दें कि 13 जनवरी 2020 को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू की थी। हालांकि उस वक्त 5 शहरों में यह व्यवस्था लागू करने पर विचार चल रहा था, लेकिन बाद में लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर को चुना गया। इन दाेनों ही शहरों से बेहतर परिणाम मिलने के बाद कानपुर और वाराणसी में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई। 

 

लागू होंगे ये बदलाव

भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के तहत जिलाधिकारी को भी पुलिस को नियंत्रित करने का अधिकार है। इसी नियम के तहत DM (IAS) के निर्देश के बाद ही पुलिस फैसले ले पाती है, लेकिन पुलिस कमिश्नर प्रणाली में डीएम की कई शक्तियां पुलिस कमिश्नर को मिल जाती हैं, यह एक IPS अफसर होता है। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में पुलिस कमिश्नर सबसे बड़ा पद है, देश के अधिकांश महानगरों में यह व्यवस्था लागू की गई है। CRPC के तहत कई शक्तियां इस पद को मजबूत बनाती हैं। इस व्यवस्था में मजिस्ट्रेट पावर का इस्तेमाल पुलिस क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए करती है।

 

कैसे अलग है Police Commissionerate System?

पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होते ही SDM और ADM को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रियल पावर पुलिस को मिल जाती है। जिसके बाद पुलिस शांति भंग होने के डर से हवालात भेजने से लेकर गैंगस्टर एक्ट और रासुका तक लागू करने के फैसले स्वयं ले सकेगी। पुलिस कमिश्नर को जिले की कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसले लेने का अधिकार होगा। इसके अलावा होटल का लाइसेंस, बार लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस देने का अधिकार भी पुलिस को होगा। यानि पुलिस को डीएम से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।

 

Police Commissione को मिल जाएंगे DM और SDM के कई अधिकार

अभी तक लाठी चार्ज, दंगों को रोकने के लिए फोर्स की संख्या या फिर प्रदर्शन के लिए अनुमति देने का आधिकार डीएम के पास है, लेकिन पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद यह फैसला पुलिस कमिश्नर का होगा। इसके लिए पुलिस को डीएम से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा जमीन की नाप-जोख से लेकर जमीन से जुड़े विवादों के निपटारे तक का अधिकार भी पुलिस को मिल जाएगा। 

 

कैसे काम करता है Police Commissionerate System

शहर में जहां पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था लागू है, वहां पुलिस कमिश्नर कार्यालय बनाया जाता है। पुलिस कमिश्नर के पद पर एडीजी स्तर के वरिष्ठ IPS को तैनात किया जाता हैं। महानगर को कई जोन में बांटा जाता है। हर जोन में DCP की तैनाती होती है। DCP  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के समकक्ष हैं। एक जोन में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी DCP की है। वहीं हर जोन में ACP तैनात किए जाते हैं। इन ACP को 2 से 4 थानों की जिम्मेदारी मिलती है, यानी जनरल पुलिसिंग में सीओ के पद पर रहते हैं।

 

पुलिस आयुक्त प्रणाली में पद

पुलिस आयुक्त
संयुक्त पुलिस आयुक्त – JCP
पुलिस उपायुक्त – DCP
सहायक पुलिस आयुक्त – ACP
पुलिस इंस्पेक्टर – PI
सब इंस्पेक्टर – SI

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