UP : अब इस काम के लिए RTO के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं, घर बैठे मिनटों में आसानी से हो जाएगा ये काम....
वाहन मालिकों के लिए एक और राहत भरी खबर है। अब किसी भी वाहन मालिक को फॉर्म 35 जमा करने के लिए आरटीओ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि यह काम भी अब ऑनलाइन ही होगा।
Dec 12, 2024, 00:00 IST
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वाहन स्वामियों के लिए एक और राहत भरी खबर है। अब किसी भी वाहन स्वामी को फॉर्म 35 जमा करने के लिए आरटीओ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि यह काम भी ऑनलाइन होगा। अभी तक फॉर्म 35 जमा करने और नई आरसी जारी करवाने के लिए आरटीओ दफ्तर जाने की जरूरत पड़ती थी। लेकिन अब यह सेवा भी ऑनलाइन कर दी गई है। READ ALSO:-देशभर में गरमाएगा उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण का मुद्दा, किसानों की तरह लखनऊ समेत कई शहरों में महापंचायत का ऐलान
दरअसल, लोन लेकर खरीदे गए वाहन का रिकॉर्ड उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी पर भी दर्ज होता है। लोन पूरा होने के बाद एनओसी के रूप में नई आरसी मिलती है। इसके लिए बैंक से क्लीयरेंस मिलने के बाद फॉर्म 35 भरकर आरटीओ में जमा करवाना होता है। लेकिन अब इस झंझट से भी मुक्ति मिलने जा रही है।
आवेदक घर बैठे ही फॉर्म 35 भरकर आवेदन कर सकता है और जमा कर सकता है। इसके बाद आरटीओ की ओर से नई आरसी जारी कर दी जाएगी। बुधवार को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ दफ्तर में एक वाहन की आरसी का फॉर्म 35 ऑनलाइन जमा किया गया, जिसका ट्रायल सफल रहा। अब यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।
आपको बता दें कि फॉर्म 35 का इस्तेमाल वाहन से गिरवी हटाने के लिए किया जाता है। इसकी जरूरत तब पड़ती है जब कोई वाहन मालिक आरसी पर लिए गए लोन को चुकाने के बाद अपने वाहन से गिरवी हटाना चाहता है। फॉर्म आरटीओ द्वारा जारी किया जाता है और इसे उस कार्यालय में जमा करना होता है जहां वाहन मूल रूप से पंजीकृत है। इसे भरने के लिए वाहन मालिक को अपना नाम, पता, संपर्क जानकारी और वाहन पंजीकरण संख्या जैसी जानकारियां देनी होती हैं, साथ ही कर्जदाता, लोन की रकम और लोन चुकाने की तारीख के बारे में भी जानकारी देनी होती है।
फॉर्म पर वाहन मालिक और कर्जदाता दोनों के हस्ताक्षर होने चाहिए। इसके बाद वाहन मालिक को फॉर्म 35 लेकर आरटीओ जाना होता है। अब यह व्यवस्था ऑनलाइन भी कर दी गई है। आप घर बैठे ही यह लोन क्लीयरेंस फॉर्म ऑनलाइन भेज सकते हैं।
वहीं, लखनऊ के एआरटीओ (Administration) प्रदीप कुमार सिंह का कहना है कि वाहन मालिकों की सुविधा को देखते हुए यह व्यवस्था लागू की गई है। अब उन्हें आरटीओ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे वाहन मालिकों का कीमती समय भी बचेगा।
