UP : बाइक पर हेलमेट नहीं लगाया और कार में सीट बेल्ट नहीं पहना तो नहीं मिलेगी ऑफिस में एंट्री, UP सरकार का नया आदेश
नियम की सख्ती यह है कि अगर कर्मचारी गलती दोहराते हैं तो उन्हें दफ्तर आने से रोका जा सकता है। कर्मचारी नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी दफ्तरों में सीसीटीवी का इस्तेमाल किया जाएगा।
Updated: Oct 4, 2024, 12:38 IST
|
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए नया आदेश जारी किया है। नए आदेश के मुताबिक सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को दफ्तर आते समय हेलमेट और सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होगा। योगी सरकार ने सड़क सुरक्षा अभियान के तहत यह आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनने वाले कर्मचारियों की अनुपस्थिति दर्ज की जाएगी। READ ALSO:-मेरठ : मंदिर के सेवादार ने ऑनलाइन मंगाया था पनीर रोल, पार्सल में मिला एगरोल, दूसरे संप्रदाय के डिलीवरी बॉय पर धर्मभ्रष्ट करने का आरोप
सरकारी आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी दफ्तरों में नोटिस बोर्ड पर इस आदेश को बताया जाए और कर्मचारियों में जागरूकता पैदा की जाए। इस नियम की सख्ती यह है कि अगर कर्मचारी गलती दोहराते हैं तो वे दफ्तर आना भी बंद कर सकते हैं। कर्मचारी नियम का पालन कर रहे हैं या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी दफ्तरों में सीसीटीवी का इस्तेमाल किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा अभियान आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कल से 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान शुरू हुआ है। जिसके तहत यह आदेश जारी किया गया है। मुख्य सचिव ने एक बयान में कहा कि सड़क हादसों में बढ़ती मौतें सरकार के लिए चिंता का विषय हैं। इसलिए सरकारी कर्मचारियों के लिए भी हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
दुर्घटना संभावित स्थानों की होगी पहचान
मुख्य सचिव ने कहा कि आगामी त्यौहारी सीजन को देखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। हर विभाग को सुरक्षा पखवाड़ा आयोजित करने को कहा गया है। साथ ही कहा गया है कि ऐसे स्थानों की पहचान की जाए जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं, जिसके बाद वहां लाइट और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि आगामी त्यौहारी सीजन को देखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। हर विभाग को सुरक्षा पखवाड़ा आयोजित करने को कहा गया है। साथ ही कहा गया है कि ऐसे स्थानों की पहचान की जाए जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं, जिसके बाद वहां लाइट और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे।