वक्फ बिल पास होते ही एक्शन में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार, 1.32 लाख अवैध संपत्तियां होंगी जब्त
लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ संशोधन बिल पारित होने के बाद, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अवैध रूप से वक्फ घोषित संपत्तियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर 1,32,140 संपत्तियों की पहचान करने और जब्त करने का निर्देश दिया गया है, जिनके वक्फ होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
Apr 4, 2025, 14:05 IST
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लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ संशोधन बिल के पारित होने के तुरंत बाद, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में अवैध रूप से घोषित वक्फ संपत्तियों पर एक बड़ा शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे 1,32,140 ऐसी संपत्तियों की पहचान करें, जिनके वक्फ होने की वैधता संदिग्ध है, और पहचान के बाद उन्हें तत्काल जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करें।READ ALSO:-कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का लोकसभा में वक्फ बिल पर BJP पर हमला, कहा-'सौगात-ए-मोदी' उचित नहीं, मैं भी रामजी का वंशज, मुझे भी राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल करो
राज्य के राजस्व विभाग के आंकड़ों ने वक्फ संपत्तियों को लेकर एक बड़ा अंतर उजागर किया है। राजस्व विभाग के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, पूरे उत्तर प्रदेश में केवल 2,963 वक्फ संपत्तियां ही दर्ज हैं। इसके विपरीत, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 1,24,355 संपत्तियों को वक्फ के रूप में पंजीकृत किया है, जबकि शिया वक्फ बोर्ड ने 7,785 संपत्तियों को इसी श्रेणी में दर्ज किया है। इन पंजीकृत संपत्तियों में से भी, राजस्व अभिलेखों में केवल 2,533 सुन्नी और 430 शिया वक्फ संपत्तियों का ही उल्लेख मिलता है। इस विसंगति का अर्थ है कि पंजीकृत लगभग 98% वक्फ संपत्तियों का कोई सरकारी रिकॉर्ड मौजूद नहीं है, जिससे उनकी वैधता पर गंभीर सवाल उठते हैं।READ ALSO:-मेरठ: कस्तूरबा गांधी छात्रावास से तीन छात्राएं लापता, 18 घंटे बाद भी सुराग नहीं
सरकार का स्पष्ट आरोप है कि बड़ी संख्या में खलिहान, तालाब, पोखर और अन्य प्रकार की ग्राम समाज और सरकारी संपत्तियों को मनमाने ढंग से वक्फ घोषित कर दिया गया है। सरकार का तर्क है कि यह कार्रवाई नियमों के खिलाफ है, क्योंकि कानूनन केवल उन्हीं संपत्तियों को वक्फ माना जा सकता है जो वैध रूप से दान की गई हों। सरकार का मानना है कि इस तरह से सरकारी और सामुदायिक जमीनों पर अवैध कब्जों को बढ़ावा दिया गया है।
इस विशेष अभियान को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए, राज्य सरकार ने कुछ जिलों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं। इनमें बाराबंकी, सीतापुर, बरेली, जौनपुर, सहारनपुर, बिजनौर, बलरामपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद और रामपुर जैसे जिले शामिल हैं। इन जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे तेजी से संदिग्ध वक्फ संपत्तियों की पहचान करें और अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके शासन को सौंपें। इन रिपोर्टों के आधार पर ही आगे की जब्ती और अन्य कानूनी कार्रवाइयां की जाएंगी।
गौरतलब है कि पीलीभीत जिले में एक तालाब को वक्फ संपत्ति घोषित किए जाने का एक मामला वर्तमान में उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इस मामले के संदर्भ में, राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में एक व्यापक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कितनी ऐसी संपत्तियां हैं जिन्हें नियमों का उल्लंघन करके वक्फ घोषित किया गया है।
योगी सरकार ने अवैध वक्फ संपत्तियों के मामले में "ज़ीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाने का स्पष्ट संदेश दिया है। सरकार का कहना है कि जिन संपत्तियों के पास कोई वैध दस्तावेज या दान का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है, उन्हें किसी भी कीमत पर वक्फ नहीं माना जाएगा। ऐसे सभी मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन जमीनों को राज्य सरकार के पूर्ण नियंत्रण में ले लिया जाएगा। इस कदम से राज्य में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और स्वामित्व को लेकर एक नई बहस छिड़ने की संभावना है।
