UP : संभल के चंदौसी में भी मिला एक मंदिर; मुस्लिम बाहुल्य इलाके में डेढ़ सौ साल पुराना खंडहरनुमा बांके बिहारी मंदिर मिलने का दावा
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट 46 साल बाद खुलने के बाद अब यहां लगातार मंदिर मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। दावा किया गया है कि चंदौसी के मुस्लिम बहुल इलाके में एक और खंडहर मंदिर मिला है।
Updated: Dec 19, 2024, 00:10 IST
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उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी मुस्लिम बाहुल्य इलाकेमें कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट 46 साल बाद खुलने के बाद अब यहां लगातार मंदिर मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। दावा किया गया है कि चंदौसी के मुस्लिम बहुल इलाके में एक और खंडहर मंदिर मिला है। बताया जा रहा है कि यह मंदिर करीब 150 साल पुराना है। मुस्लिम आबादी से घिरा होने और मंदिर का रख-रखाव न होने के कारण आज इसका अस्तित्व खतरे में है। READ ALSO:-गाजियाबाद : 20 करोड़ की संपत्ति देख लड़की को फंसाया, धर्म छिपाया और ड्रग्स देकर करता रहा रेप, धर्म परिवर्तन कराने पर युवती ने दे दी जान, आरोपी फराज गिरफ्तार
बता दें कि संभल हिंसा के बाद प्रशासन ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के इलाके खग्गू सराय में 46 साल से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खोल दिए थे। अब दावा किया गया है कि चंदौसी के लक्ष्मण गंज मोहल्ले में एक खंडहर मंदिर मिला है। यह मंदिर 150 साल से भी ज्यादा पुराना बताया जा रहा है। मुस्लिम बहुल इलाके में मिले मंदिर का नाम बांके बिहारी मंदिर बताया जा रहा है।
Yet another closed Temple Discovered in the Mu$l!m-Majority Area of Laxmanganj, in Chandausi, Sambhal (Uttar Pradesh) 🛕
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 18, 2024
The temple is in a dilapidated state, and religious fanatics have vandalized the idols inside the temple!
It has become essential to carry out a campaign… pic.twitter.com/BmUZFlNE3D
Uttar Pradesh: After the discovery of an ancient temple in Sambhal, a 152-year-old Banke Bihari temple has now been found in Laxman Gunj, Chandausi. The temple is currently in a dilapidated condition pic.twitter.com/R06MC26a54
— IANS (@ians_india) December 18, 2024
बताया जा रहा है कि 25 साल पहले चंदौसी में हिंदू बड़ी संख्या में रहा करते थे। लेकिन, कुछ समय बाद यहां मुसलमानों की संख्या बढ़ती चली गई। हिंदुओं की आबादी कम होने के कारण वे धीरे-धीरे यहां से पलायन करने लगे। बताया जाता है कि 2010 तक यहां पूजा-अर्चना होती थी। लेकिन, 2010 में उपद्रवियों ने मंदिर में भगवान बांके बिहारी की मूर्ति और शिवलिंग समेत अन्य मूर्तियां खंडित कर दिया था।
यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि उस समय पुलिस से भी शिकायत की गई थी। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई। अब जिस तरह से संभल में 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुले हैं, अब यहां के लोगों को उम्मीद है कि भगवान बांके बिहारी के मंदिर का भी जीर्णोद्धार होगा।