शर्मनाक! मासूमों के भविष्य पर शराब का साया! अमरोहा में क्लासरूम में जाम छलकाते 'गुरुजी', VIDEO देख डीएम का माथा ठनका,किया सस्पेंड!
शिक्षा के मंदिर को बनाया मयखाना, ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाकर किया पर्दाफाश, डीएम के आदेश पर तत्काल कार्रवाई, शिक्षा विभाग में हड़कंप!
May 14, 2025, 17:16 IST
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अमरोहा: सोचिए, जिस क्लासरूम में बच्चे अपनी ज़िंदगी की पहली सीढ़ी चढ़ते हैं, जहाँ उन्हें अनुशासन, संस्कार और ज्ञान की बातें सिखाई जाती हैं, अगर उसी जगह पर 'गुरुजी' शराब के नशे में धुत मिलें तो क्या होगा? उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से एक ऐसा ही दिल तोड़ देने वाला और शिक्षा के पेशे को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ दो सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक, बच्चों की संभावित मौजूदगी में या कम से कम उस पवित्र स्थल पर, सरेआम शराब पीते हुए कैमरे में कैद हो गए। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और जिम्मेदार अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों प्रधानाध्यापकों को निलंबित कर दिया है।READ ALSO:-
विद्या के मंदिर में 'बदनामी' का पाठ:
यह स्तब्ध कर देने वाली घटना अमरोहा जिले के हसनपुर ब्लॉक के फैयाजनगर गाँव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय की है। इस स्कूल के प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार, अपने एक साथी, पास के सुतारी गाँव के सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक अनुपाल के साथ मिलकर, स्कूल के ही एक क्लासरूम में बैठकर शराब पी रहे थे। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे एक मेज पर बोतल और गिलास रखे हैं और दोनों बेफिक्र होकर शराब का सेवन कर रहे हैं। यह कृत्य न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि उस भरोसे का भी गला घोंटता है जो समाज शिक्षकों पर करता है।
बच्चों के सामने ये कैसी हरकत!:
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि घटना के वक्त क्लासरूम में बच्चे मौजूद थे या नहीं, लेकिन यह सोचना भी भयावह है कि अगर बच्चे वहाँ रहे होंगे तो उन पर इसका क्या असर पड़ा होगा। एक प्रधानाध्यापक, जो बच्चों के लिए आदर्श होना चाहिए, यदि वही इस तरह का आचरण करेगा तो बच्चों को क्या शिक्षा मिलेगी? ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ये दोनों प्रधानाध्यापक अक्सर स्कूल टाइम में ही शराब पीते थे और कई बार बच्चों के सामने भी ऐसी हरकतें कर चुके थे।
#WATCH | Amroha, Uttar Pradesh | DM Amroha Nidhi Gupta Vats says, "We got information about a video doing the rounds on social media, in which some people were seen consuming alcohol in a school premises. During the investigation, it was found that the school incharge Anupal… pic.twitter.com/j14kvNJyZN
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 14, 2025
सबूत के तौर पर वायरल वीडियो:
प्रधानाध्यापकों की इस गिरी हुई हरकत से गाँव वाले लंबे समय से परेशान थे। उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत करने की सोची होगी, लेकिन शायद सबूत की कमी या कार्रवाई न होने के डर से वे हिचकिचा रहे थे। इस बार कुछ जागरूक और साहसी ग्रामीणों ने इस पूरे घटनाक्रम का अपने मोबाइल फोन में वीडियो बना लिया। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करते ही यह वायरल हो गया और प्रशासन तक पहुँच गया, जिसने इन प्रधानाध्यापकों की पोल खोल दी।
@khabreelal_newsशर्मनाक! गुरुजी क्लासरूम में लगा रहे थे जाम, बच्चों के भविष्य से खिलवाड़! अमरोहा में दो हेडमास्टरों का शराब पीते वीडियो वायरल, DM ने किया सस्पेंड!
— MK Vashisth (@vadhisth) May 14, 2025
शिक्षा के मंदिर को बनाया मयखाना, ग्रामीणों ने किया पर्दाफाश, DM के आदेश पर तत्काल कार्रवाई, शिक्षा विभाग में हड़कंप! pic.twitter.com/9N6xBvwtmT
डीएम का त्वरित और सख्त एक्शन:
वायरल वीडियो और ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी अमरोहा, सुश्री निधि गुप्ता वत्स ने तत्काल और सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। वीडियो की गंभीरता को देखते हुए, खंड शिक्षा अधिकारी को मामले की प्रारंभिक जांच सौंपी गई। जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने के बाद, जिलाधिकारी ने बिना देर किए दोनों प्रधानाध्यापकों, अरविंद कुमार और अनुपाल, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस त्वरित कार्रवाई से यह संदेश गया है कि अनुशासनहीनता और अनैतिकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, खासकर जब मामला बच्चों की शिक्षा और भविष्य से जुड़ा हो।
ग्रामीणों का आक्रोश और पुरानी शिकायतें:
इस घटना ने ग्रामीणों के गुस्से को और बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि वे लंबे समय से इन प्रधानाध्यापकों के आचरण से परेशान थे और कई बार स्थानीय स्तर पर शिकायतें भी की थीं, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई थी। इस बार वीडियो ने उनके आरोपों को साबित कर दिया और उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
जांच के बाद और भी गिर सकती है गाज:
निलंबन के बाद, अब दोनों प्रधानाध्यापकों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। यह जांच उनके पूरे कार्यकाल के दौरान के आचरण, उपस्थिति और अन्य अनियमितताओं पर केंद्रित हो सकती है। यदि जांच में और गंभीर आरोप सही पाए जाते हैं, तो उन पर सेवा समाप्ति जैसी और भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
यह घटना पूरे प्रदेश के शिक्षा विभाग के लिए एक वेक-अप कॉल है। यह दिखाता है कि अभी भी कुछ ऐसे तत्व हैं जो शिक्षा जैसे पवित्र पेशे की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं। ज़रूरी है कि ऐसे मामलों में सिर्फ कार्रवाई ही न हो, बल्कि शिक्षकों की नियमित निगरानी और उनके आचरण पर नज़र रखने की एक प्रभावी प्रणाली विकसित की जाए, ताकि हर बच्चा एक सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके।
