सपा सांसद रामजी लाल सुमन की राणा सांगा पर टिप्पणी के बाद माफी, हिंदू महासभा ने किया उग्र विरोध

 राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के बयान पर क्षत्रिय समाज और हिंदूवादी संगठन आक्रोशित, जीभ काटने वाले को लाखों का इनाम देने की घोषणा।
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समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा को "गद्दार" कहे जाने के बाद पूरे प्रदेश में विवाद खड़ा हो गया है। इस टिप्पणी के बाद हिंदूवादी संगठनों, विशेष रूप से अखिल भारतीय हिंदू महासभा, ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सपा सांसद का पुतला जलाते हुए प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी की और राणा सांगा को लेकर की गई टिप्पणी को हिंदू समाज का अपमान बताया।READ ALSO:-मेरठ सौरभ हत्याकांड: जेल में बंद मुस्कान ने मांगा सरकारी वकील, नशे की आदत का चल रहा इलाज, प्रेग्नेंसी पर नया खुलासा

 

हिंदू महासभा का विरोध
आगरा में प्रदर्शन करते हुए, हिंदू महासभा के महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर ने कहा कि जो भी रामजी लाल सुमन की जीभ काटकर लाएगा, उसे एक लाख रुपये इनाम दिए जाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सांसद का डीएनए टेस्ट कराया जाना चाहिए। इसके अलावा, हिंदू महासभा ने थाना हरी पर्वत में सपा सांसद के खिलाफ तहरीर दी है और 24 घंटे के भीतर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

 

सपा सांसद ने दी माफी
सपा सांसद रामजी लाल सुमन बैकफुट पर आ गए और उन्होंने एक वीडियो जारी कर माफी मांगी। सुमन ने कहा, "मेरा मकसद किसी की भावना को आहत करना नहीं था, मैंने केवल इतिहास के तथ्यों को सामने रखा।" उन्होंने यह भी कहा कि उनका बयान कोई व्यक्तिगत हमला नहीं था, बल्कि वे केवल इतिहास पर चर्चा कर रहे थे।

 


सपा सांसद का बयान
रामजी लाल सुमन ने शनिवार को राज्यसभा में कहा था, "यदि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है, तो हिंदुओं में राणा सांगा का डीएनए है, और राणा सांगा ने बाबर को भारत में बुलाया था।" सुमन ने यह भी कहा था कि बाबर की आलोचना होती है, लेकिन राणा सांगा की नहीं। इस बयान के बाद सपा सांसद पर हिंदू समाज और राजपूत समुदाय के लोगों का गुस्सा भड़क गया था।

 

अखिलेश यादव का बचाव
इस पूरे विवाद पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि भाजपा वाले "इतिहास के पन्ने पलट रहे हैं।" उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता यदि इतिहास के पन्ने पलटने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि जब छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक होना था तो उन्हें तिलक नहीं दिया गया था। अखिलेश ने सवाल किया कि क्या भाजपा इस पर माफी मांगेगी?

 


पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की प्रतिक्रिया
पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने भी सपा सांसद के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "रामजी लाल सुमन ने तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर दीं और महान वीर राणा सांगा को गद्दार कहा। यह राजपूत समाज और समस्त हिंदू समाज का घोर अपमान है।" बालियान ने सपा से पूरे देश से माफी मांगने की मांग की।

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कौन हैं रामजी लाल सुमन?
रामजी लाल सुमन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद हैं। 25 जुलाई 1950 को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में जन्मे सुमन ने राजनीति में अपने करियर की शुरुआत जनता पार्टी से की थी और बाद में समाजवादी पार्टी से जुड़े। वे मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी रहे हैं और 1996 से लगातार सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद पर कार्यरत हैं।

 

सुमन की राणा सांगा पर की गई टिप्पणी ने विवाद को जन्म दिया और अब इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई और सपा की प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें हैं।
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