जैविक ऊर्जा को प्रोत्साहन : उत्तर प्रदेश में अब मिलेगा बायो डीजल और पेट्रोल; यूपीनेडा ने 21 निवेश प्रस्तावों को दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में जैव ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। इससे जुड़े निवेश प्रस्तावों को लगातार मंजूरी दे रही है। अब नवीन एवं नवीकरणीय विभाग की 21 परियोजनाओं को राज्य स्तरीय समिति की मंजूरी मिल गई है। इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा जैव ऊर्जा से जुड़ी कुल 53 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल निवेश लागत 2525 करोड़ रुपये है।
Oct 24, 2024, 09:00 IST
|

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में जैव ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। इससे जुड़े निवेश प्रस्तावों को लगातार मंजूरी दे रही है। अब नवीन एवं नवीकरणीय विभाग की 21 परियोजनाओं को राज्य स्तरीय समिति की मंजूरी मिल गई है। इस प्रकार जैव ऊर्जा से जुड़ी कुल 53 परियोजनाओं को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है, जिनकी कुल निवेश लागत 2525 करोड़ रुपये है।READ ALSO:-UP : दिवाली पर सरकारी छुट्टी 31 या 1 तारीख को, कब मनाई जाएगी दीपावली, जानें योगी सरकार ने कौन-कौन सी छुट्टियां घोषित की हैं....
प्रमुख सचिव अपर ऊर्जा स्रोत विभाग नरेंद्र भूषण ने बताया कि यूपीनेडा को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में करीब सात लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसमें से करीब 57 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 के तहत जैव ऊर्जा क्षेत्र के हैं। इसी क्रम में यूपीनेडा ने कंप्रेस्ड बायोगैस, बायो डीजल और बायोकोल के प्लांट लगाने के 198 प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
कंप्रेस्ड (Compressed) बायोगैस उत्पादन में UP देश में नंबर वन
प्रमुख सचिव अपर ऊर्जा स्रोत विभाग नरेंद्र भूषण की अध्यक्षता में गठित समिति ने एक दिन पहले 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी। बैठक में परियोजनाओं के लिए भूमि, बैंक ऋण, फीड स्टॉक की उपलब्धता और उठाव से संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद मंजूरी दी गई। 736.80 करोड़ रुपये की लागत वाली इन 21 परियोजनाओं में संपीड़ित बायोगैस, बायो पेलेट, बायो डीजल के उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
प्रमुख सचिव अपर ऊर्जा स्रोत विभाग नरेंद्र भूषण की अध्यक्षता में गठित समिति ने एक दिन पहले 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी। बैठक में परियोजनाओं के लिए भूमि, बैंक ऋण, फीड स्टॉक की उपलब्धता और उठाव से संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद मंजूरी दी गई। 736.80 करोड़ रुपये की लागत वाली इन 21 परियोजनाओं में संपीड़ित बायोगैस, बायो पेलेट, बायो डीजल के उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
इनमें सबसे ज्यादा 722.68 करोड़ रुपये की 16 परियोजनाएं सीबीजी से संबंधित हैं। इसी तरह 9.22 करोड़ रुपये की 2 परियोजनाएं बायोडीजल और 4.90 करोड़ रुपये की 3 परियोजनाएं बायोकोल से संबंधित हैं। सीबीजी के उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है, जिसकी उत्पादन क्षमता 210 टन प्रतिदिन है। इन 21 परियोजनाओं से प्रतिदिन 110 टन सीबीजी, 92 टन बायो पेलेट और 100 लीटर बायोडीजल का उत्पादन होगा।
बैठक में बताया गया कि निवेशकों ने प्लांट के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए आवश्यक भूमि और पर्याप्त बायोमास की उपलब्धता मौके पर सुनिश्चित कर ली है। वित्तपोषण के लिए विभिन्न बैंकों से स्वीकृति भी मिल गई है। इन संयंत्रों से उत्पादित उत्पादों की बिक्री के लिए विभिन्न संगठनों के साथ अनुबंध भी किए गए हैं।
