उत्तर प्रदेश में सर्वोदय विद्यालयों की संख्या बढ़कर 100 हुई, NEET-JEE की तैयारी के लिए मिलेगी मुफ्त कोचिंग
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम उठाया है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग द्वारा संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों की संख्या 94 से बढ़कर 100 हो गई है।
Oct 30, 2024, 10:00 IST
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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग द्वारा संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों की संख्या 94 से बढ़कर 100 हो गई है। इन विद्यालयों में जरूरतमंद विद्यार्थियों को छात्रावास, अध्ययन सामग्री और यूनिफॉर्म की सुविधा के साथ उच्च गुणवत्ता वाली आवासीय निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। READ ALSO:-TRAI New Rule: 1 नवंबर से बदल जाएंगे कॉलिंग नियम, Jio, Airtel, Vi और BSNL ग्राहकों की टेंशन होगी कम!
विज्ञप्ति के अनुसार, जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में 60 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों के लिए, 25 प्रतिशत सीटें ओबीसी विद्यार्थियों के लिए तथा 15 प्रतिशत सीटें सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित हैं। इस समावेशी नीति के कारण सभी वर्गों के गरीब परिवारों के बच्चों को समान अवसर मिल रहे हैं। बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग विद्यालयों की व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें सुरक्षित एवं प्रभावी वातावरण में पढ़ने का मौका मिले। वर्तमान में 58 जिलों में कुल 100 सर्वोदय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 31 सर्वोदय बालिका विद्यालय एवं 69 सर्वोदय बाल विद्यालय शामिल हैं। इनमें से 45 विद्यालयों में आवासीय सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है।
सरकारी प्रयासों के परिणामस्वरूप लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई:-
वर्ष | लाभार्थी छात्रों की संख्या |
2018-19 | 32,429 |
2019-20 | 32,466 |
2020-21 | 33,388 |
2021-22 | 35,068 |
2022-23 | 35,089 |
2023-24 | 33,253 |
2024-25 | 35,000 से अधिक |
नीट-जेईई की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग की सुविधा
जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदेश के सर्वोदय विद्यालयों में पढ़ने वाली प्रतिभाशाली छात्राओं को अब नीट और जेईई की निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इसके तहत मिर्जापुर जिले के मड़िहान में विशेष रूप से कोचिंग सेंटर शुरू किया गया है, जहां 40 मेधावी छात्राओं को निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। सर्वोदय विद्यालयों में न केवल शिक्षा बल्कि अध्ययन सामग्री, यूनिफॉर्म और खेलकूद की भी पूरी व्यवस्था योगी सरकार द्वारा छात्रों को निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदेश के सर्वोदय विद्यालयों में पढ़ने वाली प्रतिभाशाली छात्राओं को अब नीट और जेईई की निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इसके तहत मिर्जापुर जिले के मड़िहान में विशेष रूप से कोचिंग सेंटर शुरू किया गया है, जहां 40 मेधावी छात्राओं को निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। सर्वोदय विद्यालयों में न केवल शिक्षा बल्कि अध्ययन सामग्री, यूनिफॉर्म और खेलकूद की भी पूरी व्यवस्था योगी सरकार द्वारा छात्रों को निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
इस व्यवस्था का उद्देश्य छात्रों को न केवल शैक्षिक रूप से बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी सशक्त बनाना है। इन विद्यालयों में राज्य सरकार की सेवा से सेवानिवृत्त 570 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी की जा रही है, ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जा सके। इन शिक्षकों में कक्षा 6 से 10 तक पढ़ाने वाले टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) के लिए मानदेय 34,125 रुपये और कक्षा 11 से 12 तक पढ़ाने वाले पीजीटी (स्नातकोत्तर शिक्षक) के लिए 35,700 रुपये मानदेय निर्धारित किया गया है।
सर्वोदय विद्यालय एक महत्वपूर्ण माध्यम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के अनुसार सर्वोदय विद्यालय गरीब और वंचित वर्ग के होनहार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। सीएम योगी का उद्देश्य है कि समाज के गरीब तबके के बच्चे आर्थिक कठिनाइयों के कारण शिक्षा से वंचित न रहें। इन आवासीय विद्यालयों के माध्यम से ऐसे विद्यार्थियों के लिए एक सशक्त मंच तैयार किया गया है, जहां वे निःशुल्क आवास, भोजन एवं अन्य शैक्षणिक संसाधनों के साथ अध्ययन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के अनुसार सर्वोदय विद्यालय गरीब और वंचित वर्ग के होनहार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। सीएम योगी का उद्देश्य है कि समाज के गरीब तबके के बच्चे आर्थिक कठिनाइयों के कारण शिक्षा से वंचित न रहें। इन आवासीय विद्यालयों के माध्यम से ऐसे विद्यार्थियों के लिए एक सशक्त मंच तैयार किया गया है, जहां वे निःशुल्क आवास, भोजन एवं अन्य शैक्षणिक संसाधनों के साथ अध्ययन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी का मानना है कि हर बच्चा अपनी मेहनत से समाज में कुछ न कुछ हासिल कर सकता है। बशर्ते उसे सही अवसर और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। ऐसे में सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा के इस मंच तक पहुंचाना है। इसके लिए राज्य सरकार ने न केवल नए विद्यालय खोलने पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि इन विद्यालयों की सुविधाओं का विस्तार भी किया है।