अब जल्द ही आप किसी भी जिले में बनवा सकेंगे अपना ड्राइविंग लाइसेंस, परिवहन विभाग देने जा रहा है ये सुविधा

उत्तर प्रदेश के लोगों को बहुत जल्द परिवहन विभाग एक बड़ी सुविधा देने जा रहा है। अगर किसी आवेदक ने अपने जिले से ही लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है तो वह किसी भी जिले में अपना परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकता है। यानी अगर कोई व्यक्ति मेरठ का रहने वाला है और लखनऊ में रहता है, उसने मेरठ से लर्निंग लाइसेंस बनवाया है और वह लखनऊ से परमानेंट लाइसेंस बनवाना चाहता है तो जल्द ही उत्तर प्रदेश के लोगों को यह सुविधा मिलने वाली है।
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उत्तर प्रदेश के लोगों को परिवहन विभाग जल्द ही एक बड़ी सुविधा देने जा रहा है। अगर किसी आवेदक ने अपने ही जिले से लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है तो वह किसी भी जिले में अपना परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकता है। यानी अगर कोई व्यक्ति मेरठ का रहने वाला है और लखनऊ में रहता है, उसने मेरठ से लर्निंग लाइसेंस बनवाया है और वह लखनऊ से परमानेंट लाइसेंस बनवाना चाहता है तो जल्द ही उत्तर प्रदेश के लोगों को यह सुविधा मिलने जा रही है। इससे आवेदक का समय के साथ-साथ पैसा भी बचेगा। अभी तक यह व्यवस्था आधिकारिक तौर पर लागू नहीं हुई है। READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में बनेगा देश का सबसे बड़ा रेलवे ब्रिज, एक साथ चलेंगी ट्रेनें और कारें, जानें क्या होगी ब्रिज की खासियत

 

उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के दौरान आती है, जब उन्हें परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अपना अतिरिक्त समय और पैसा दोनों बेवजह खर्च करना पड़ता है। लर्नर लाइसेंस की फेसलेस व्यवस्था के बाद अब कोई भी व्यक्ति कहीं भी बैठकर अपने आधार कार्ड पर दर्ज पते से लर्नर लाइसेंस बनवा सकता है। 

 

लेकिन अगर कोई किसी भी जिले से परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहता है तो ऐसी सुविधा नहीं मिलती। जबकि एनआईसी के सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा है और फीस भी कट रही है। लेकिन आरटीओ कार्यालय के अधिकारी यह कहकर स्थायी लाइसेंस जारी करने से मना कर देते हैं कि लर्निंग लाइसेंस उसी जिले से बना है, जहां का आधार कार्ड इस्तेमाल हुआ है। स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस उसी जिले से जारी हो सकता है। 

 

इससे घर से दूर किसी दूसरे जिले में नौकरी करने वाले लोगों को अपने जिले में जाकर स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए समय और पैसा खर्च करना पड़ता है। आवेदकों की इस समस्या पर अब परिवहन विभाग ने ध्यान दिया है। जिससे वे स्थायी डीएल के लिए अपने जिले के आरटीओ कार्यालय जाने के बजाय प्रदेश के किसी भी जिले के आरटीओ कार्यालय में अपना डीएल बनवा सकेंगे। 

 

लर्निंग लाइसेंस के लिए सिर्फ आधार ही विकल्प: आरटीओ कार्यालय में स्थायी डीएल के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले आवेदक उस समय निराश हो जाते हैं, जब उन्हें पता चलता है कि संबंधित जिले का स्थानीय पता होने के बावजूद उनका ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन सकता। कार्यालय के अधिकारी आधिकारिक आदेश न होने का हवाला देकर इसे स्वीकार नहीं करते। 

 

पहले आरटीओ कार्यालय में एड्रेस प्रूफ के लिए आधार कार्ड के अलावा दूसरे विकल्प भी स्वीकार किए जाते थे। लेकिन चूंकि लर्निंग लाइसेंस के लिए आधार को ही एकमात्र विकल्प माना गया, इसलिए अन्य विकल्प खत्म कर दिए गए, जबकि पहले पांच विकल्प थे। इसके बाद नई व्यवस्था ने आवेदकों के लिए परेशानी खड़ी हो गई हैं। 

 

परिवहन विभाग ने एक जून 2022 से आधार प्रमाणीकरण के जरिए घर बैठे ऑनलाइन लर्निंग डीएल बनवाने की व्यवस्था की तो स्थायी डीएल के लिए नई शर्त ने आवेदकों को परेशानी में डाल दिया है। लर्निंग तो कहीं से भी ऑनलाइन बनवाया जा सकता है, लेकिन स्थायी डीएल के लिए आवेदक को अपने आधार में दर्ज जिले में जाना होगा। 

 

एक जून को लर्निंग लाइसेंस बनवाने वाले लोगों को एक महीने बाद अपने आधार पते वाले जिले में स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। मसलन, आप हरदोई, गोंडा, बाराबंकी या गोरखपुर से बने आधार के जरिए लखनऊ में डीएल बनवाना चाहते हैं और भले ही आप सरकारी नौकरी में हों, लेकिन फिलहाल यह संभव नहीं है। 

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रोजाना दर्जनों आवेदक पहुंच रहे 
आरटीओ स्थायी डीएल के लिए पते के तौर पर अन्य विकल्प खत्म होने से आवेदकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय के अफसरों ने बताया कि आधार के अलावा पते के प्रमाण के तौर पर संस्था का पहचान पत्र, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, रजिस्ट्री प्रमाण पत्र और बीमा रसीद मान्य थी। जब से आधार प्रमाणीकरण के जरिए लर्निंग डीएल आवेदन की व्यवस्था शुरू हुई है, तब से रोजाना दर्जनों आवेदक पते के प्रमाण के तौर पर दूसरा विकल्प मांगने पहुंच रहे हैं। 

 

इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। आवेदकों को इस सुविधा से काफी फायदा होगा। धीरे-धीरे सारी व्यवस्थाएं ऑनलाइन की जा रही हैं। सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस को आधार से लिंक किया गया और लोगों को ऑनलाइन लाइसेंस बनवाने की सुविधा मिली। इसी तरह उम्मीद है कि एनआईसी आठ से 10 दिन के अंदर काम पूरा कर लेगी और इसके बाद कोई भी व्यक्ति किसी भी जिले में अपना परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकेगा। - चंद्र भूषण सिंह, परिवहन आयुक्त - उत्तर प्रदेश
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