अब प्राइवेट स्कूल होंगे फेल! यूपी के इन जिलों में मेरठ समेत खुल रही सरकारी शिक्षा की 'सुपर चेन', फीस की चिंता होगी खत्म
योगी सरकार का मास्टरस्ट्रोक! मेरठ समेत 18 जिलों में बनेंगे 'सीएम मॉडल कंपोजिट स्कूल'। प्री-नर्सरी से 12वीं तक मिलेगी स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी और वर्ल्ड-क्लास स्पोर्ट्स सुविधाओं वाली शिक्षा।
Jun 18, 2025, 01:05 IST
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उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्रांति की नींव रखी जा रही है। राज्य सरकार ने महंगी फीस वाले प्राइवेट स्कूलों को सीधी टक्कर देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया है। "मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूल" नाम की इस पहल के तहत, प्रदेश के 18 जिलों में ऐसे अत्याधुनिक सरकारी स्कूल बनाए जाएंगे, जिनका लक्ष्य सिर्फ शिक्षा देना नहीं, बल्कि बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है। यह कदम उन लाखों अभिभावकों के लिए एक बड़ी सौगात है, जो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा तो देना चाहते हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूलों की भारी-भरकम फीस का बोझ नहीं उठा सकते।READ ALSO:-🏛️मेरठ आबूलेन व्यापार संघ ने सीईओ कैंट बोर्ड से की मुलाकात: सेंट्रल पार्किंग बहाली की मांग, कई मुद्दों पर बनी सहमति
कैसा होगा इन मॉडल स्कूलों का स्वरूप?
ये स्कूल किसी आम सरकारी स्कूल की तरह नहीं होंगे, बल्कि इन्हें एक ऐसे विज़न के साथ तैयार किया जा रहा है, जहाँ हर छात्र को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलेगा।
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एक ही छत के नीचे पूरी स्कूली शिक्षा: इन स्कूलों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ बच्चे को प्री-प्राइमरी (नर्सरी) में दाखिला मिलेगा और वह 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई एक ही कैंपस में पूरी कर सकेगा। इससे अभिभावकों को बार-बार स्कूल बदलने की झंझट से मुक्ति मिलेगी।
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विशाल कैंपस और क्षमता: प्रत्येक स्कूल लगभग 1500 छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होगा। इसके लिए 30 आधुनिक और हवादार क्लासरूम बनाए जाएंगे।
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सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, कौशल भी: इन स्कूलों में कौशल विकास (Skill Development) पर विशेष जोर दिया जाएगा, ताकि छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद भविष्य की चुनौतियों और रोजगार के लिए तैयार हो सकें।
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खेलों से स्वर्णिम भविष्य: शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए विशाल खेल के मैदान और आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी होगी।
सुविधाएं, जो प्राइवेट स्कूलों को देंगी मात
इन स्कूलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जो कई नामी-गिरामी प्राइवेट स्कूलों में भी देखने को नहीं मिलतीं।
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स्मार्ट क्लासरूम: चॉक और ब्लैकबोर्ड की जगह इंटरैक्टिव स्मार्ट बोर्ड होंगे, जहाँ ऑडियो-विजुअल माध्यम से पढ़ाई को रोचक और आसान बनाया जाएगा।
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डिजिटल लाइब्रेरी: छात्रों के लिए एक विशाल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी, जहाँ वे देश-दुनिया की हजारों किताबें और रिसर्च पेपर ऑनलाइन पढ़ सकेंगे।
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अत्याधुनिक लैब: विज्ञान के छात्रों के लिए मॉडर्न फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी लैब होंगी, ताकि वे थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी हासिल कर सकें।
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विषय चुनने की आजादी: 10वीं के बाद छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार विज्ञान (Science), वाणिज्य (Commerce) और कला (Arts) में से किसी भी स्ट्रीम को चुनने का पूरा अवसर मिलेगा।
मेरठ को मिली सौगात, इन जिलों में भी चमकेंगे सितारे
इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत के लिए मेरठ जिले में जमीन भी चिन्हित कर ली गई है। मेरठ के सरूरपुर ब्लॉक स्थित कक्केपुर गांव में यह मॉडल स्कूल बनेगा, जिसके लिए कार्ययोजना शासन को भेज दी गई है।
मेरठ के अलावा इन जिलों को भी चुना गया है: आगरा, सहारनपुर, प्रयागराज, बरेली, वाराणसी, लखनऊ, गोरखपुर, गोंडा, झांसी, बांदा, बस्ती, कानपुर, मिर्जापुर, और अलीगढ़ समेत कुल 18 जिलों में ये स्कूल शिक्षा की नई सुबह लेकर आएंगे।
यह पहल न केवल सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर लोगों के भरोसे को फिर से स्थापित करेगी, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि उत्तर प्रदेश का हर बच्चा, चाहे उसकी आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, बेहतरीन शिक्षा हासिल कर अपने सपनों को साकार कर सके।
