उत्तर प्रदेश के मरीजों के लिए नई सुविधा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हाथ से लिखी रिपोर्ट का ख़त्म होगा झंझट
मरीजों को हाथ से लिखी जांच रिपोर्ट प्राप्त करने के झंझट से मुक्ति मिल गई है, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेवाओं में सुधार के लिए कम्प्यूटरीकृत जांच रिपोर्ट शुरू की गई है।
Oct 22, 2024, 09:25 IST
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उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को अब जांच रिपोर्ट के लिए हाथ से लिखी रिपोर्ट के झंझट से पूरी तरह मुक्ति मिल गई है। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक अहम कदम उठाया गया है। READ ALSO:-UP : भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा को क्यों मांगनी पड़ी सार्वजनिक माफी, बहराइच में रामगोपाल की हत्या पर बयान देना पड़ा भारी
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परासरथी सेन के निर्देश पर अब प्रदेश के अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में मरीजों को कंप्यूटरीकृत जांच रिपोर्ट दी जा रही है, जिससे उन्हें इलाज कराना और भी आसान हो गया है।
अब हाथ से लिखी रिपोर्ट की जगह डिजिटल रिपोर्ट
अभी तक मरीजों को हाथ से लिखी जांच रिपोर्ट दी जाती थी, लेकिन इस प्रक्रिया में कई तरह की दिक्कतें आती थीं। अक्सर हाथ से लिखी रिपोर्ट दूसरे केंद्रों या अस्पतालों में मान्य नहीं होती थी, जिसके कारण मरीजों को दोबारा जांच करानी पड़ती थी। इस दिक्कत को दूर करने के लिए अब कंप्यूटरीकृत रिपोर्ट जारी की जा रही है, जिससे रिपोर्ट की विश्वसनीयता और सटीकता बढ़ी है।
अभी तक मरीजों को हाथ से लिखी जांच रिपोर्ट दी जाती थी, लेकिन इस प्रक्रिया में कई तरह की दिक्कतें आती थीं। अक्सर हाथ से लिखी रिपोर्ट दूसरे केंद्रों या अस्पतालों में मान्य नहीं होती थी, जिसके कारण मरीजों को दोबारा जांच करानी पड़ती थी। इस दिक्कत को दूर करने के लिए अब कंप्यूटरीकृत रिपोर्ट जारी की जा रही है, जिससे रिपोर्ट की विश्वसनीयता और सटीकता बढ़ी है।
पहले चरण में 300 स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू हुई सुविधा
पहले चरण के तहत लखनऊ में 300 से ज्यादा सीएचसी और पीएचसी में यह सुविधा शुरू की गई है। इस कदम से मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता का स्तर बढ़ा है। डिजिटल रिपोर्ट से मरीज आसानी से इलाज के लिए दूसरे अस्पताल या डॉक्टर के पास जा सकते हैं, जिससे उनकी चिकित्सा प्रक्रिया तेज और सटीक हो जाती है।
पहले चरण के तहत लखनऊ में 300 से ज्यादा सीएचसी और पीएचसी में यह सुविधा शुरू की गई है। इस कदम से मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता का स्तर बढ़ा है। डिजिटल रिपोर्ट से मरीज आसानी से इलाज के लिए दूसरे अस्पताल या डॉक्टर के पास जा सकते हैं, जिससे उनकी चिकित्सा प्रक्रिया तेज और सटीक हो जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को मिलेगी सबसे ज्यादा राहत
प्रमुख सचिव पारसार्थी सेन ने निर्देश दिया है कि अगले कुछ महीनों में प्रदेश के सभी सीएचसी और पीएचसी में 100 फीसदी कंप्यूटरीकृत जांच रिपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को होगा, जिन्हें आमतौर पर जांच और इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, अब उन्हें हस्तलिखित रिपोर्ट की पहचान न होने के कारण इलाज के लिए बार-बार भटकना नहीं पड़ेगा।
प्रमुख सचिव पारसार्थी सेन ने निर्देश दिया है कि अगले कुछ महीनों में प्रदेश के सभी सीएचसी और पीएचसी में 100 फीसदी कंप्यूटरीकृत जांच रिपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को होगा, जिन्हें आमतौर पर जांच और इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, अब उन्हें हस्तलिखित रिपोर्ट की पहचान न होने के कारण इलाज के लिए बार-बार भटकना नहीं पड़ेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेवाओं को बेहतर और डिजिटल बनाने की दिशा में यह कदम एक बड़ी सफलता है। स्वास्थ्य केंद्रों पर कंप्यूटरीकृत जांच रिपोर्ट की सुविधा से न सिर्फ मरीजों का समय बचेगा, बल्कि जांच रिपोर्ट की सटीकता भी सुनिश्चित होगी, जिससे इलाज की प्रक्रिया सरल और तेज होगी।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेवाओं को बेहतर और डिजिटल बनाने की दिशा में यह कदम एक बड़ी सफलता है। स्वास्थ्य केंद्रों पर कंप्यूटरीकृत जांच रिपोर्ट की सुविधा से न सिर्फ मरीजों का समय बचेगा, बल्कि जांच रिपोर्ट की सटीकता भी सुनिश्चित होगी, जिससे इलाज की प्रक्रिया सरल और तेज होगी।