यूपी में मानसून की दस्तक: कहीं राहत की फुहारें तो कहीं आफत की बारिश, 64 जिलों में 'वज्रपात' का अलर्ट
बिहार के रास्ते उत्तर प्रदेश में मानसून का प्रवेश लगभग तय। भीषण गर्मी से झुलस रहे प्रदेश को जल्द मिलेगी राहत, लेकिन भारी बारिश और आकाशीय बिजली ने कई जिलों में बरपाया कहर। मथुरा-बनारस पानी-पानी, मिर्जापुर में 7 लोग झुलसे।
Jun 18, 2025, 13:34 IST
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आग उगलते सूरज और जानलेवा लू के थपेड़ों से बेहाल उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। करोड़ों लोगों का मानसून का लंबा इंतजार अब खत्म होने की कगार पर है। पड़ोसी राज्य बिहार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के बाद, दक्षिण-पश्चिम मानसून अब उत्तर प्रदेश की दहलीज पर खड़ा है और अगले 24 घंटों के भीतर पूर्वी यूपी के रास्ते प्रदेश में दाखिल हो सकता है। पिछले दो दिनों से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही प्री-मानसून बारिश और आंधी-तूफान इसी मानसून के आगमन का स्पष्ट संकेत दे रहे हैं।READ ALSO:-💔"कलयुग का रिश्ता: रिश्ते की बहन को ही भगा ले गया युवक, थाने पहुंचकर मांगी शादी की अनुमति" पुलिस ने किया गिरफ्तार
राहत की बौछारें: जब गर्मी से मिली निजात
मंगलवार को हुई बारिश ने प्रदेशवासियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। लखनऊ से लेकर बनारस तक, बादलों ने आसमान में डेरा डाला और ठंडी हवाओं के झोंकों ने मौसम को खुशनुमा बना दिया। राजधानी लखनऊ में दिन भर उमस के बाद शाम को चली तेज हवाओं ने लोगों को बड़ी राहत दी। वहीं, वाराणसी में हुई झमाझम बारिश ने भीषण गर्मी का असर एक झटके में खत्म कर दिया। प्रदेश का सबसे गर्म जिला रहा बांदा भी 40.2 डिग्री सेल्सियस पर सिमट गया, जबकि गोरखपुर में न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के बदलते मिजाज को बयां करता है।
आफत की बारिश: जब सड़कें बनीं तालाब, शहर हुए बेहाल
यह राहत हालांकि हर किसी के लिए सुकून लेकर नहीं आई। "कृष्ण की नगरी" मथुरा में प्री-मानसून बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी और शहरवासियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। शहर के प्रमुख चौराहे और सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। भूतेश्वर चौराहे और बीएसए रोड पर तो 4 फीट तक पानी भर गया, जिसमें ट्रैक्टर और दोपहिया वाहन फंस गए। जलभराव के कारण एक बस अनियंत्रित होकर फ्लाईओवर से टकरा गई। शहर की कई कॉलोनियां पानी में डूबी रहीं, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
कुदरत का कहर: आंधी और बिजली ने बरपाया कहर
एक ओर जहां बारिश राहत थी, तो दूसरी ओर आकाशीय बिजली और आंधी ने प्रदेश के कई हिस्सों में कहर बरपाया।
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मिर्जापुर में वज्रपात का तांडव: मिर्जापुर के अलग-अलग गांवों में बिजली गिरने से 3 महिलाओं समेत 7 लोग बुरी तरह झुलस गए। एक 10 वर्षीय बच्चा भी इसकी चपेट में आ गया। यही नहीं, बिजली गिरने से दो भैंसों की भी मौके पर ही मौत हो गई। एक अन्य घटना में, छत पर मोबाइल चला रही एक किशोरी बिजली की चपेट में आने से झुलस गई। गनीमत रही कि सभी घायलों का इलाज चल रहा है और वे खतरे से बाहर हैं।
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फर्रुखाबाद में तूफान का खौफ: फर्रुखाबाद में देर रात आई तेज आंधी ने पुलिस लाइन में नवनिर्मित भवन को भारी नुकसान पहुँचाया। तूफान के कारण बहुमंजिला भवन की खिड़कियों के शीशे टूटकर नीचे सो रहे प्रशिक्षु रिक्रूटों पर गिर गए, जिससे पांच रिक्रूट घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मौसम विभाग की सबसे बड़ी चेतावनी: 13 जिलों में भारी बारिश, 64 जिलों पर बिजली गिरने का खतरा
मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले 24 घंटों के लिए एक बड़ा अलर्ट जारी किया है।
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भारी बारिश का अलर्ट: सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और श्रावस्ती समेत 13 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
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आकाशीय बिजली का अलर्ट: प्रदेश के 64 से अधिक जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की प्रबल संभावना जताई गई है, जिसमें लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, आगरा, मेरठ, गोरखपुर और बरेली जैसे सभी प्रमुख शहर शामिल हैं। प्रशासन ने लोगों से खराब मौसम में पेड़ों के नीचे या खुले में खड़े न होने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ पूरी तरह अनुकूल हैं और जल्द ही पूरा प्रदेश मानसूनी बारिश से तरबतर हो जाएगा।
