यूपी में शिक्षक भर्ती की नियमावली में बड़ा फेरबदल: 4512 एडेड स्कूलों में TGT-PGT की भर्ती अब राजकीय विद्यालयों की तरह होगी
100 साल पुराने इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम की जगह राजकीय स्कूलों की संशोधित नियमावली होगी लागू, यूपी बोर्ड ने शासन को भेजा प्रस्ताव, भर्तियों में एकरूपता लाने और विवाद खत्म करने की कवायद
Apr 12, 2025, 13:01 IST
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लखनऊ/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में एक बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव की तैयारी है। प्रदेश के 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) हाईस्कूलों और इंटर कॉलेजों में प्रशिक्षित स्नातक (TGT) और प्रवक्ता (PGT) के पदों पर होने वाली भर्ती अब राजकीय इंटर कॉलेजों (GIC) में लागू सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) और प्रवक्ता भर्ती की नियमावली के अनुसार ही की जाएगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया में एकरूपता लाना और वर्षों से चले आ रहे विवादों को समाप्त करना है।READ ALSO:-सौरभ हत्याकांड में नया मोड़: आरोपी पत्नी मुस्कान 7 हफ्ते की गर्भवती, सवाल - बच्चा पति सौरभ का या प्रेमी साहिल का?
क्यों पड़ी बदलाव की जरूरत? वर्तमान में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (जो अब नए शिक्षा सेवा आयोग में समाहित हो गया है) और लोक सेवा आयोग द्वारा क्रमशः एडेड और राजकीय स्कूलों के लिए शिक्षकों का चयन किया जाता था। विडंबना यह थी कि एक ही यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त और लगभग समान पाठ्यक्रम वाले इन दोनों प्रकार के संस्थानों में शिक्षकों के चयन के लिए शैक्षिक योग्यता और भर्ती प्रक्रिया अलग-अलग थी। इससे अक्सर अभ्यर्थियों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा होती थी और योग्यता को लेकर विवाद होते थे, जो कई बार न्यायालय तक पहुँच जाते थे। इस विसंगति को दूर करने के लिए ही यूपी बोर्ड ने 100 साल पुराने इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 के संबंधित प्रावधानों को बदलते हुए एडेड स्कूलों में भी राजकीय स्कूलों वाली भर्ती नियमावली अपनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
प्रस्ताव में क्या है? यूपी बोर्ड के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि चूंकि राजकीय विद्यालयों की एलटी ग्रेड और प्रवक्ता भर्ती नियमावली में आवश्यक संशोधन पहले ही किए जा चुके हैं, इसलिए इन्हीं संशोधित नियमावलियों को एडेड स्कूलों की TGT और PGT भर्ती के लिए भी लागू करने का प्रस्ताव शासन की मंजूरी के लिए भेजा गया है। शासन से हरी झंडी मिलते ही, भविष्य में होने वाली भर्तियां इन्हीं नए नियमों के तहत होंगी।
हजारों पदों पर भर्ती का इंतजार: यह बदलाव ऐसे समय में प्रस्तावित है जब दोनों तरह के स्कूलों में हजारों पद रिक्त हैं:
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राजकीय विद्यालय: माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 2460 राजकीय हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों में कुल 9043 रिक्त पदों का अधियाचन (सूचना) उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को भेज दिया है। इनमें एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) के 7385 पद (4860 पुरुष, 2525 महिला) और प्रवक्ता के 1658 पद शामिल हैं। इन पर भर्ती प्रक्रिया UPPSC द्वारा मौजूदा नियमावली के तहत की जाएगी।
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सहायता प्राप्त विद्यालय: एडेड माध्यमिक विद्यालयों में भी प्रशिक्षित स्नातक (TGT) के 3539 और प्रवक्ता (PGT) के 624, यानी कुल 4163 पदों पर भर्ती होनी है। यह भर्ती नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग (UPESC) द्वारा की जाएगी, लेकिन यह प्रक्रिया शासन द्वारा नियमावली संशोधन को मंजूरी दिए जाने के बाद ही शुरू हो पाएगी।
पुराने विवादों से सबक: पूर्व में एडेड स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया में अपारदर्शिता और विषयों की अर्हता को लेकर कई विवाद सामने आए थे। उदाहरण के तौर पर, हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान विषय न होने के बावजूद TGT जीव विज्ञान शिक्षकों की भर्ती निकाली गई, जिसे लेकर बेरोजगार अभ्यर्थियों ने सैकड़ों याचिकाएं कोर्ट में दायर की थीं। 2016 में भी नियमावली संशोधन का प्रयास किया गया था, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ सका था। नए प्रस्ताव से उम्मीद है कि ऐसे विवादों पर अंकुश लगेगा।
आगे क्या? अब सभी की निगाहें शासन के फैसले पर टिकी हैं। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसे उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग को भेजा जाएगा, ताकि आयोग एडेड स्कूलों के 4163 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया नई और एकीकृत नियमावली के अनुसार शुरू कर सके। इस बदलाव से लाखों अभ्यर्थियों को स्पष्टता मिलेगी और भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होने की उम्मीद है।
