UP के लाखों स्कूली छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की अब 'डिजिटल हाजिरी', 2025-26 सत्र से लागू होगी नई व्यवस्था
फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम, शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम; स्पेशल सॉफ्टवेयर तैयार
May 5, 2025, 15:08 IST
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उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा परिषद से जुड़े स्कूलों में पढ़ाई करने वाले करोड़ों छात्र-छात्राओं और उन्हें पढ़ाने वाले लाखों शिक्षकों के लिए एक बड़ी खबर है। प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है। अब इन स्कूलों में मैनुअल अटेंडेंस का जमाना खत्म होने वाला है और इसकी जगह हाई-टेक ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम लेगा। यह नई व्यवस्था आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होने की उम्मीद है।READ ALSO:-मेरठ: रिश्वत की महिला 'दारोगा' पर गिरी गाज! 20 हजार के लालच में गई वर्दी, 7 साल की सज़ा के बाद अब 'बर्खास्त'
स्पेशल सॉफ्टवेयर हो रहा तैयार
माध्यमिक शिक्षा विभाग इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार करवा रहा है। इस सॉफ्टवेयर की खासियत यह होगी कि इसके माध्यम से स्कूलों में रोजाना छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की उपस्थिति की जानकारी सीधे उत्तर प्रदेश बोर्ड मुख्यालय को प्राप्त हो जाएगी। बताया जा रहा है कि यह दैनिक रिपोर्ट सुबह 11 बजे तक बोर्ड मुख्यालय पहुंच जाएगी, जिससे रियल-टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी।
लाखों शिक्षक और करोड़ों छात्र होंगे कवर
यह व्यापक प्रणाली प्रदेश के करीब 28,000 माध्यमिक स्कूलों को कवर करेगी। इससे लगभग 5 लाख शिक्षकों और 1 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को ट्रैक किया जा सकेगा। यह देश में अपनी तरह की सबसे बड़ी शैक्षिक अटेंडेंस प्रणालियों में से एक होगी।
कैसे काम करेगा सिस्टम?
इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एक विशेष लॉग इन आईडी और पासवर्ड प्रदान किया जाएगा। उपस्थिति दर्ज करते समय फोटो खींचना और जियो टैगिंग (स्थान की सटीक जानकारी) अनिवार्य होगी। सॉफ्टवेयर इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि स्कूल परिसर से 200 मीटर के दायरे से बाहर रहकर उपस्थिति दर्ज करना संभव नहीं होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उपस्थिति स्कूल परिसर के भीतर से ही भेजी जा रही है।
त्रिस्तरीय होगी निगरानी
ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम की निगरानी सिर्फ बोर्ड मुख्यालय स्तर पर ही नहीं होगी, बल्कि इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग जिला, मंडल और राज्य स्तर पर भी की जाएगी। यह त्रिस्तरीय निगरानी व्यवस्था अटेंडेंस प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने में मदद करेगी। गौरतलब है कि प्रदेश के लगभग 2500 माध्यमिक स्कूलों में पहले से ही बायोमेट्रिक अटेंडेंस की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन नई प्रणाली इसे और अधिक व्यापक और केंद्रीकृत बनाएगी।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस के फायदे
शिक्षा विभाग का मानना है कि बायोमेट्रिक और ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम लागू होने से शिक्षा की गुणवत्ता में significant सुधार आएगा। यह तकनीक पहले प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान successfully इस्तेमाल की जा चुकी है और इसके positive परिणाम सामने आए थे। इस व्यवस्था का प्राथमिक उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं दोनों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करना है।
फर्जी स्कूलों पर लगेगी लगाम, गुणवत्ता सुधरेगी
लंबे समय से यूपी बोर्ड को ऐसे स्कूलों के बारे में शिकायतें मिलती रही हैं जो केवल कागजों पर चल रहे हैं और जिनकी सक्रियता सिर्फ परीक्षा के समय ही दिखाई देती है। नई ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली ऐसे फर्जी या निष्क्रिय स्कूलों पर कड़ा शिकंजा कसने में अत्यंत प्रभावी होगी। जब हर दिन छात्र और शिक्षकों की भौतिक उपस्थिति दर्ज होगी और उसकी ऑनलाइन निगरानी होगी, तो ऐसे स्कूलों का संचालन मुश्किल हो जाएगा। इससे न केवल फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी, बल्कि नियमित रूप से कक्षाएं संचालित होंगी और शिक्षा की गुणवत्ता में भी अपेक्षित सुधार देखने को मिलेगा। शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी पहले से ही जारी है, और अब छात्रों को भी इसमें शामिल करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग का यह कदम राज्य में स्कूली शिक्षा को और अधिक transparent, accountable और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक revolutionary change लाने की क्षमता रखता है।