मातम में बदलीं बारात की खुशियाँ: बस की खिड़की से झाँकना 11 साल के मासूम बच्चे के लिए बना काल, सिर धड़ से अलग
हाथरस: पिता ने जब सड़क से उठाया जिगर के टुकड़े का कटा सिर, कांप उठीं सबकी रूहें; शहनाइयों की गूंज के बीच शादी के घर में पसरा सन्नाटा, चालक हिरासत में।
Updated: Jun 22, 2025, 23:16 IST
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हाथरस: रविवार का दिन... हवा में शहनाइयों की गूंज और दिलों में खुशियों का सैलाब था। अलीगढ़ के मगदूम नगर से दो चचेरे भाइयों की बारात बड़े ही धूमधाम से हाथरस के मेवली गाँव के लिए रवाना हुई थी। बारात की बस में बच्चे, बड़े और जवान सभी उत्सव के माहौल में डूबे हुए थे। इसी बस में खिड़की के पास 11 साल का मासूम अली भी बैठा था, जिसकी आँखों में अपने भाइयों की शादी देखने की चमक थी। उसे क्या पता था कि यह सफर उसकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा और खुशियों का यह कारवां एक पल में मातम में तब्दील हो जाएगा।READ ALSO:-लग्ज़री लाइफस्टाइल और कर्ज का बोझ: महिला फिजियोथेरेपिस्ट ने प्रेमी से कराई पति की हत्या, ₹10 लाख का ऑफर और शादी का वादा!
एक पल की शरारत और मौत का खौफनाक मंजर
बस अभी हाथरस जंक्शन कोतवाली क्षेत्र में जलेसर रोड पर रेलवे फाटक के पास निर्माणाधीन पुल के संकरे रास्ते से गुजर ही रही थी। गाड़ियाँ धीमी गति से चल रही थीं। बच्चों की तरह चंचल अली ने उत्सुकतावश अपना सिर बस की खिड़की से बाहर निकाला। तभी, सामने से आ रही एक मेटाडोर (टाटा 407) बस के बेहद करीब से गुजरी। किसी को कुछ समझने का मौका मिलता, इससे पहले ही एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। मेटाडोर की चपेट में आते ही अली का सिर उसके धड़ से कटकर सड़क पर जा गिरा।
बस के अंदर का दृश्य किसी भी पत्थर दिल इंसान को कंपा देने वाला था। अली का बेजान धड़ कुछ देर तक सीट पर छटपटाता रहा, और फिर शांत हो गया। यह खौफनाक मंजर देखकर बस में चीख-पुकार मच गई। किसी ने हिम्मत करके बस रुकवाई।
जब पिता ने उठाया बेटे का कटा हुआ सिर
बारात में आगे चल रही कार में बैठे अली के पिता आस मोहम्मद को जब इस अनहोनी की खबर मिली, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। वह बदहवास हालत में बस की ओर भागे। उन्होंने जो देखा, वह शायद दुनिया के किसी भी पिता के लिए सबसे दर्दनाक दृश्य था। उनका बेटा खून से लथपथ था और उसका सिर सड़क पर पड़ा था।
दिल पर पत्थर रखकर आस मोहम्मद ने अपने जिगर के टुकड़े के कटे हुए सिर को सड़क से उठाया। वह कभी उसके बेजान चेहरे को देखते, तो कभी उस पर लगी मिट्टी को साफ करने की नाकाम कोशिश करते। ऐसा लग रहा था मानो वह यकीन ही नहीं कर पा रहे थे कि उनका हँसता-खेलता बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। बच्चे के चाचा ने रोते-बिलखते हुए अपने गमछे से अली के सिर को ढका। यह दृश्य इतना हृदयविदारक था कि वहाँ मौजूद हर किसी की आँखें नम हो गईं।
पुलिस की कार्रवाई और मातम के बीच निकाह
सूचना मिलते ही हाथरस जंक्शन कोतवाली पुलिस मौके पर पहुँची। कोतवाली निरीक्षक सतेंद्र सिंह राघव ने बताया कि दोनों वाहन बहुत धीरे चल रहे थे, लेकिन बच्चे द्वारा अचानक गर्दन बाहर निकालने से यह भीषण हादसा हो गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बस और मेटाडोर, दोनों के चालकों को हिरासत में ले लिया और बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जिस घर में शादी की खुशियाँ मनाई जा रही थीं, वहाँ अब मौत का सन्नाटा पसर गया था। जहाँ कुछ देर पहले मंगल गीत गाए जा रहे थे, वहाँ अब रोने-बिलखने की आवाजें थीं। क्योंकि निकाह टाला नहीं जा सकता था, इसलिए परिवार ने चंद लोगों की मौजूदगी में बेहद सादगी से निकाह की रस्म पूरी की। खुशियों से सजा घर एक झटके में मातम का गवाह बन गया। यह घटना एक दर्दनाक सबक भी है कि वाहनों में सफर के दौरान की गई एक छोटी सी लापरवाही कितनी घातक हो सकती है।
