UP में अब 'हेलमेट' नहीं, 'BIS मार्क वाला हेलमेट' ही बचाएगा! नकली पहना तो होगी FIR, योगी सरकार ले रही 'फर्जी सुरक्षा' पर कड़ा एक्शन
राज्य में भयावह सड़क हादसों और 24 हजार मौतों के बाद सरकार का कड़ा रुख; उद्योग जगत ने सराहा, जागरूकता को भी बताया अहम
May 6, 2025, 09:10 IST
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उत्तर प्रदेश की सड़कों पर अब सिर्फ हेलमेट पहनना काफी नहीं होगा, बल्कि यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका हेलमेट असली और प्रमाणित (BIS मार्क वाला) हो। राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक अत्यंत कड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। अब यदि कोई व्यक्ति नकली या भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा अप्रमाणित (Non-BIS) हेलमेट पहने हुए पाया गया, तो उसे केवल आर्थिक दंड (चालान) ही नहीं भुगतना पड़ेगा, बल्कि उसके खिलाफ सीधे तौर पर आपराधिक मुकदमा दर्ज (FIR) कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।READ ALSO:-वॉट्सऐप पर 'फ्री ब्रॉडकास्ट' के दिन हो सकते हैं खत्म! स्पैम रोकने के लिए मैसेज भेजने पर लगेगी लगाम
सरकार का यह सख्त रुख राज्य में सड़क दुर्घटनाओं और उनके कारण होने वाली मौतों के भयावह आंकड़ों का सीधा परिणाम है। वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश में कुल 46,000 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 24,000 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि किस तरह मामूली लापरवाही और सुरक्षा उपकरणों से समझौता जानलेवा साबित हो सकता है। सरकार का मानना है कि नकली हेलमेट पहनना खुद को और दूसरों को खतरे में डालना है, और इस पर तभी रोक लग सकती है जब कानून बेहद कठोर हो।
जानलेवा दिखावा है नकली हेलमेट, सरकार का सीधा प्रहार
नकली या गैर-मानक हेलमेट अक्सर सस्ते दामों पर उपलब्ध होते हैं, लेकिन दुर्घटना के समय ये सिर को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह विफल रहते हैं। ये एक तरह का 'जानलेवा दिखावा' हैं जो लोगों को सुरक्षा का झूठा दिलासा देते हैं। यूपी सरकार का यह कदम सीधे तौर पर इन असुरक्षित हेलमेट्स के निर्माण, बिक्री और उपयोग के गोरखधंधे पर प्रहार है।
टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (2WHMA) के अध्यक्ष और स्टीलबर्ड हेलमेट्स के प्रबंध निदेशक, राजीव कपूर ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय को "ऐतिहासिक" और जीवन बचाने वाला बताया है। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार ने फर्जी और खराब गुणवत्ता वाले हेलमेट के उपयोग को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। ये हेलमेट सड़कों पर होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण थे। यह साहसिक निर्णय न केवल अनमोल मानव जीवन की रक्षा करेगा, बल्कि घटिया उत्पाद बनाने वाले निर्माताओं और गुणवत्ता से समझौता करने वालों को भी एक स्पष्ट और कड़ा संदेश देगा।"
राजीव कपूर ने विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन आयुक्त बी.एन. सिंह के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है। उन्होंने नकली और घटिया हेलमेट्स को एक बार फिर "खामोश हत्यारे" करार दिया, जो देखने में तो हेलमेट जैसे लगते हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर सुरक्षा नहीं देते। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूपी सरकार का यह कड़ा रुख सिर्फ अवैध निर्माताओं के लिए ही चेतावनी नहीं है, बल्कि यह उपभोक्ताओं को भी यह संदेश देता है कि सड़कों पर केवल BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) द्वारा प्रमाणित हेलमेट ही आपकी सुरक्षा के लिए विश्वसनीय हैं और वही कानूनी रूप से मान्य हैं।
सख्ती के साथ जागरूकता भी जरूरी
राजीव कपूर और 2WHMA जैसे संगठन काफी समय से निम्न गुणवत्ता वाले और अप्रमाणित हेलमेट्स से होने वाले खतरों के प्रति समाज और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं। राजीव कपूर का मानना है कि सरकार द्वारा कानून को सख्त बनाना एक निहायत जरूरी कदम है, लेकिन इसके साथ-साथ लोगों को यह भी गहराई से समझना होगा कि असली हेलमेट खरीदना उनकी अपनी सुरक्षा के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए, कानून के सख्ती से पालन के साथ-साथ सार्वजनिक जागरूकता अभियान भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य की सड़कों को सुरक्षित बनाने और दोपहिया वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को प्रभावी ढंग से कम करने की दिशा में एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। यह सुनिश्चित करेगा कि हर दोपहिया चालक अपने सिर पर सुरक्षा का असली कवच पहने, न कि सिर्फ एक दिखावा।
