वंदे भारत में 'गुंडागर्दी': बीजेपी विधायक राजीव सिंह पारीछा के सामने यात्री से मारपीट, पार्टी हाईकमान ने मांगा जवाब!
झांसी की बबीना सीट के विधायक मुश्किल में, वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ी मुसीबत
Jun 24, 2025, 01:05 IST
|

झांसी के बबीना से बीजेपी विधायक राजीव सिंह पारीछा एक गंभीर विवाद में घिर गए हैं. मामला वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी प्रतिष्ठित ट्रेन में एक यात्री के साथ मारपीट का है, जिसमें विधायक के आधा दर्जन समर्थक और एक सुरक्षाकर्मी शामिल बताए जा रहे हैं. घटना का वीडियो सामने आने के बाद यह मुद्दा अब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच गया है, जिसने विधायक से इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है.READ ALSO:-सांसद चंद्रशेखर आजाद पर यौन उत्पीड़न का आरोप: राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज, डॉ. रोहिणी घावरी ने शुरू की कानूनी लड़ाई
ट्रेन में हुई 'खाकी' के संरक्षण में मारपीट?
यह चौंकाने वाली घटना 19 जून को हुई. आरोप है कि विधायक राजीव सिंह पारीछा के समर्थकों ने चलती ट्रेन में एक यात्री के साथ बदसलूकी की और मारपीट की. वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि एक शख्स ने पीड़ित यात्री का बैग उठाया और उसे कोच के दरवाजे पर रख दिया, जबकि अन्य लोग कथित तौर पर मारपीट कर रहे थे. सबसे बड़ी बात यह है कि इस दौरान विधायक राजीव सिंह पारीछा खुद घटनास्थल पर खड़े दिखाई दे रहे हैं, जिससे उनकी मौजूदगी में हुई इस घटना पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
pic.twitter.com/QX2sZEDjtF 🚨 Passenger Safety is a Joke in Railways
— Ravisutanjani_ (@Drhouse06) June 23, 2025
Group of People Linked To BJP MLA in Jhansi Beat a Passenger Inside Vande Bharat
Why? He Simply Refused To Change His Seat
पीड़ित और आरोपी, दोनों पक्षों की ओर से इस मामले में केस दर्ज करा दिया गया है, और पुलिस इस घटना की जांच कर रही है.
पार्टी की साख पर सवाल: क्या होगी कार्रवाई?
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब बीजेपी अपनी 'अनुशासन और सुशासन' की छवि को मजबूत करने में लगी है. ऐसे में एक विधायक पर इस तरह के गंभीर आरोप लगना पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गया है. घटना के तूल पकड़ने और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद, बीजेपी आलाकमान ने तुरंत संज्ञान लिया और विधायक राजीव सिंह पारीछा से पूरे मामले पर जवाब तलब किया है.
अब देखना यह होगा कि पार्टी इस मामले में क्या कदम उठाती है. क्या विधायक को सिर्फ स्पष्टीकरण देकर छोड़ दिया जाएगा, या पार्टी अपनी छवि बचाने के लिए कोई कठोर कार्रवाई करेगी?
