अयोध्या में ऐतिहासिक क्षण: रामलला के बाद अब संपूर्ण राम दरबार के दिव्य दर्शन होंगे सुलभ!

 शीर्षक: सिर्फ 10 दिनों का इंतजार! ट्रस्ट ने दर्शन की विशेष योजना बनाई, प्रतिदिन केवल 750 भाग्यशाली भक्तों को पास के जरिए मिलेगा प्रवेश। मंदिर परिसर में पंचवटी और दुर्लभ ग्रंथों के संरक्षण का कार्य भी अंतिम चरण में।
 | 
Ram Darbar Ayodhya Ram Temple
अयोध्या। भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या एक और ऐतिहासिक अध्याय लिखने को तैयार है। भव्य मंदिर के गर्भगृह में रामलला के विराजने के बाद अब भक्तों का दशकों पुराना सपना साकार होने जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर के प्रथम तल पर निर्मित भव्य 'राम दरबार' को आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने की तैयारी पूरी कर ली है। सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो अगले 10 दिनों के भीतर ही भक्तगण अपने आराध्य प्रभु श्री राम को पूरे परिवार के साथ निहार सकेंगे।READ ALSO:-🔴देवरिया में बकरीद पर खूनी इबारत: 60 वर्षीय शख्स ने बकरे की जगह खुद को कुर्बान किया, सनसनीखेज सुसाइड नोट बरामद

 

ऐसी होगी दर्शन की विशेष व्यवस्था
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दर्शन की एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है।

 

  • पास से मिलेगा प्रवेश: राम दरबार के दर्शन के लिए ट्रस्ट द्वारा एक विशेष पास जारी किया जाएगा। यह व्यवस्था भीड़ को नियंत्रित करने और सभी को सुगमता से दर्शन कराने के लिए की गई है।
  • सीमित संख्या, सुगम दर्शन: दर्शन की दिव्यता और शांति बनाए रखने के लिए प्रतिदिन केवल 750 पास ही जारी किए जाएंगे। इसका अर्थ है कि औसतन हर घंटे लगभग 50 भाग्यशाली भक्तों को ही राम दरबार में प्रवेश की अनुमति मिलेगी।
  • तकनीकी सहयोग: दर्शन की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) के विशेषज्ञों से भी चर्चा की जा रही है, ताकि भक्तों का अनुभव अविस्मरणीय बन सके।

 OMEGA

सिर्फ मंदिर नहीं, एक संपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र का निर्माण
राम मंदिर का निर्माण केवल एक भवन के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे जीवंत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में किया जा रहा है, जो प्रकृति और ज्ञान का भी सम्मान करता हो।

 

  • ज्ञान का भंडार - द्वितीय तल: मंदिर के भूतल पर रामलला और प्रथम तल पर राम दरबार के बाद, द्वितीय तल को ज्ञान का केंद्र बनाया जाएगा। यहां भगवान राम से संबंधित सभी दुर्लभ और प्राचीन ग्रंथों को संरक्षित किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां इस विरासत से जुड़ सकें।
  • प्रकृति के बीच 'पंचवटी': मंदिर परिसर में 'पंचवटी' का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे बनाते समय प्रकृति के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। यथास्थिति को बनाए रखते हुए ऐसे पौधे लगाए जा रहे हैं, जो पशु-पक्षियों के लिए भी अनुकूल हों। एक महीने के भीतर इसका मास्टर प्लान तैयार हो जाएगा।
  • पुष्करणी कुंड: परिसर में सप्त ऋषि मूर्तियों के बीच स्थित 'पुष्करणी कुंड' का निर्माण भी अपने अंतिम चरण में है, जो परिसर की सुंदरता में चार चांद लगा देगा।

 

मंदिर के उत्तरी हिस्से का निर्माण कार्य 15 अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके बाद यह भव्य राम मंदिर अपने संपूर्ण स्वरूप में भक्तों के स्वागत के लिए तैयार होगा। यह न केवल एक पूजा स्थल होगा, बल्कि आस्था, संस्कृति, ज्ञान और प्रकृति का एक अनूठा संगम बनेगा।
SONU

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।