शिक्षा के 'पंचतत्व' से सजेगा गोरखपुर: सीएम योगी ने किया पांचवें अनूठे विश्वविद्यालय का ऐलान, वानिकी और बागवानी पर होगा फोकस
डीडीयू के हीरक जयंती समारोह में मुख्यमंत्री ने दी सौगात, बताया कुशीनगर में भी बन रहा है नया कृषि विश्वविद्यालय, पूर्वांचल को मिलेगा उच्च शिक्षा का बूस्ट
May 1, 2025, 12:06 IST
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गोरखपुर: उत्तर प्रदेश का गोरखपुर जिला, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र भी है, शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। इसी क्रम में, बुधवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) के 75वें स्थापना दिवस यानी हीरक जयंती समारोह के अवसर पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले को एक और बड़ी शैक्षिक सौगात देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में जल्द ही एक पांचवें और विशिष्ट विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जो वानिकी (Forestry) और उद्यान (Horticulture) विज्ञान पर केंद्रित होगा। यह फैसला इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेषज्ञता और शोध को बढ़ावा देने की दिशा में एक गेम चेंजर साबित हो सकता है।READ ALSO:-"योगी सरकार का संवेदनशील कदम: ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा सम्मानजनक जीवन, वृद्धाश्रम की विशेष सुविधा शुरू"
हीरक जयंती समारोह में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणा
डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में आयोजित गरिमापूर्ण हीरक जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की 75 वर्षों की यात्रा की सराहना की। उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर पर गोरखपुर और पूरे पूर्वांचल के शैक्षिक विकास को लेकर सरकार की योजनाओं को साझा किया। इसी दौरान उन्होंने गोरखपुर में पांचवें विश्वविद्यालय की स्थापना की बहुप्रतीक्षित घोषणा की, जिससे छात्रों, शोधार्थियों और संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों में उत्साह की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री ने शिक्षा और शोध के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सरकार गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
वानिकी एवं उद्यान विश्वविद्यालय: एक विशिष्ट पहचान
प्रस्तावित पांचवां विश्वविद्यालय वानिकी एवं उद्यान विज्ञान जैसे विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह उत्तर भारत में अपनी तरह का एक अनूठा संस्थान हो सकता है, जो वनों के संरक्षण, प्रबंधन और उद्यानिकी फसलों के विकास में विशेषज्ञता प्रदान करेगा। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से इन क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, नई तकनीकें विकसित होंगी और प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण और कृषि अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ पहुंचेगा। यह स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।
गोरखपुर: चार से पांच विश्वविद्यालयों का सफर
वर्तमान में, गोरखपुर जिला पहले से ही चार प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों का घर है:
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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU): प्रदेश के सबसे पुराने और प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक, जो कला, विज्ञान, वाणिज्य, शिक्षा और अन्य पारंपरिक एवं आधुनिक विषयों में उच्च शिक्षा प्रदान करता है।
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मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT): इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त यह विश्वविद्यालय तकनीकी शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र है।
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महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय: यह एक निजी विश्वविद्यालय है जो विभिन्न व्यावसायिक और पारंपरिक पाठ्यक्रमों का संचालन करता है।
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महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय: राज्य का पहला आयुष विश्वविद्यालय, जो आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी और योग जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की शिक्षा और शोध पर केंद्रित है।
अब वानिकी एवं उद्यान विश्वविद्यालय के जुड़ने से गोरखपुर का शैक्षिक प्रोफाइल और भी समृद्ध होगा।
कुशीनगर भी बन रहा शिक्षा का नया केंद्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर बताया कि केवल गोरखपुर ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल का एक और महत्वपूर्ण जिला कुशीनगर भी शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुशीनगर में भगवान महात्मा बुद्ध के नाम पर एक भव्य कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य जोरों पर है। यह विश्वविद्यालय कृषि नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा और पूरे क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।
डीडीयू के अमृत काल का विजन
डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय को उसके 'अमृत काल' यानी अगले 25 वर्षों के लिए एक स्पष्ट और महत्वाकांक्षी कार्ययोजना बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा कि वे ऐसी रणनीति बनाएं जिससे डीडीयू राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना सके और वैश्विक रैंकिंग में सुधार कर सके। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में बेहतर हुई कनेक्टिविटी (रोड, रेल और एयर) का जिक्र करते हुए कहा कि अब विश्वविद्यालय को भी इन सुविधाओं का लाभ उठाते हुए आधुनिक दौर की आवश्यकताओं के अनुरूप खुद को ढालना चाहिए और ज्ञान तथा नवाचार के केंद्र के रूप में विकसित होना चाहिए।
कुल मिलाकर, गोरखपुर में पांचवें विश्वविद्यालय की घोषणा और पूर्वांचल के अन्य जिलों में शैक्षिक संस्थानों के विकास की योजनाएं इस क्षेत्र को उच्च शिक्षा और शोध के एक महत्वपूर्ण हब के रूप में स्थापित करने की योगी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिससे युवाओं के लिए उज्ज्वल भविष्य के द्वार खुलेंगे।
