उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों के लिए खुशखबरी, अब ये खास सुविधाएं देना होगा जरूरी
उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए राहत की बड़ी खबर है। राज्य सरकार ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि निजी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों को कुशल श्रमिकों के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम मानदेय नहीं दिया जाएगा।
Feb 28, 2025, 12:58 IST
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उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए राहत की बड़ी खबर है। राज्य सरकार ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि निजी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों को कुशल श्रमिकों के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम मानदेय नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और जीवन बीमा की सुविधा देना भी अनिवार्य होगा।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में मार्च से होंगे ये बड़े बदलाव, सरकारी छुट्टियों से लेकर सैलरी और राशन कार्ड तक पर पड़ेगा असर
EPF या बीमा जैसी सुविधाओं से वंचित थे शिक्षक
शिक्षा विभाग के मुताबिक, प्रदेश के कई निजी स्कूलों में शिक्षकों को ये सुविधाएं नहीं दी जा रही थीं। कई मामलों में वेतन का भुगतान नकद किया जा रहा था और शिक्षकों को ईपीएफ या बीमा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा था। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों में निजी स्कूलों की जांच के आदेश दिए हैं।
शिक्षा विभाग के मुताबिक, प्रदेश के कई निजी स्कूलों में शिक्षकों को ये सुविधाएं नहीं दी जा रही थीं। कई मामलों में वेतन का भुगतान नकद किया जा रहा था और शिक्षकों को ईपीएफ या बीमा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा था। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों में निजी स्कूलों की जांच के आदेश दिए हैं।
निजी स्कूलों के शिक्षकों को लेकर सख्त निर्देश
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार को पत्र लिखकर निजी स्कूलों में शिक्षकों के शोषण की जानकारी दी थी। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने 10 अगस्त 2001 के एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कुशल श्रमिकों को 13,186 रुपये से कम वेतन नहीं दिया जा सकता है और यह नियम शिक्षकों पर भी लागू होगा।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार को पत्र लिखकर निजी स्कूलों में शिक्षकों के शोषण की जानकारी दी थी। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने 10 अगस्त 2001 के एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कुशल श्रमिकों को 13,186 रुपये से कम वेतन नहीं दिया जा सकता है और यह नियम शिक्षकों पर भी लागू होगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (Chandel group) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि निजी स्कूलों में शिक्षकों का शोषण रोकने के लिए यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि अगर जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हैं तो इससे शिक्षकों को राहत मिलेगी और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।