बिजनौर में अवैध खनन का 'साम्राज्य' ध्वस्त: रात के अंधेरे में फलते-फूलते कारोबार पर पड़ी रेड, 37 माफिया सलाखों के पीछे

 नगीना देहात क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा था अवैध खनन, पट्टे की आड़ में हो रही थी काली कमाई
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BIJNOR
बिजनौर: धरती का सीना चीरकर चोरी-छिपे 'सम्पत्ति' निकालने का अवैध कारोबार बिजनौर के नगीना देहात क्षेत्र में प्रशासन की सख्ताई के आगे ध्वस्त हो गया। मौजा फजलपुर पहाड़ा में धड़ल्ले से चल रहे अवैध खनन पर सोमवार रात सटीक सूचना के आधार पर की गई बड़ी कार्रवाई में 33 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को ज़ब्त किया गया और अवैध रूप से खनन कर रहे तथा इसमें सहयोग कर रहे 37 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस बड़ी कार्रवाई से खनन माफियाओं में भूचाल आ गया है।READ ALSO:-मेरठ: 'सफेद कपड़े में बांध देंगे', “गुलाब के पेड़ पर अपराध का संदेश” छात्र को मिली मौत की धमकी

 

यह पूरा मामला मौजा फजलपुर पहाड़ा से जुड़ा है, जहाँ एमपीएस इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर सतीश कुमार सैनी को नियमानुसार खनन पट्टा आवंटित है। लेकिन, आरोप है कि इस वैध पट्टे की आड़ में खनन माफिया रात के अँधेरे का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर निर्धारित सीमा से बाहर और बिना अनुमति के खनन कर रहे थे। यह अवैध धंधा क्षेत्र में लंबे समय से पैर पसारे हुए था, जिससे सरकारी राजस्व को चूना लग रहा था और पर्यावरण को भी नुकसान पहुँच रहा था।

 

अवैध खनन के इसी काले कारोबार को लेकर क्षेत्र के दो पक्षों, टीकम सिंह (निवासी गांव टांडा साहू वाला) और अंकित कुमार (निवासी गांव टांडा माईदास) बनाम धन सिंह (निवासी रानीपुर सोपति), गुरमीत सिंह (निवासी गांव लखी वाला) व रोहित (निवासी लकीवाला) के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही थी। खनन क्षेत्र पर वर्चस्व और अवैध कमाई के बँटवारे को लेकर हुए विवाद ने सोमवार रात उस समय तूल पकड़ लिया जब दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना दे दी।

 

प्रशासन की त्वरित और कठोर कार्रवाई
मामले की गंभीरता को समझते हुए, एसडीएम आशुतोष जैसवाल और सीओ अंजनी कुमार चतुर्वेदी ने तनिक भी देर न करते हुए भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर धावा बोल दिया। प्रशासन की संयुक्त टीम जब सतीश कुमार सैनी के पट्टे पर पहुंची, तो वहाँ अवैध खनन का काला चिठ्ठा खुलकर सामने आ गया। टीम ने मौके से ही अवैध खनन करते और करवाते हुए दोनों पक्षों के कुल 37 लोगों को धर दबोचा। इसके अलावा, खनन स्थल पर अवैध रूप से मिट्टी/रेत से भरी खड़ी 33 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भी प्रशासन ने अपने कब्ज़े में लेकर सीज करने की कार्रवाई की।

 

इस संबंध में हल्का लेखपाल विजय प्रताप की ओर से पुलिस को लिखित तहरीर दी गई, जिसके आधार पर सभी 37 आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर लिया गया। प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार ने बताया कि सभी गिरफ्तार आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

 

अवैध खनन का पुराना है 'नाता'
गौरतलब है कि बिजनौर, विशेष रूप से नजीबाबाद और नगीना तहसील क्षेत्र, अवैध खनन के लिए कुख्यात रहा है। यहाँ नदियों और पहाड़ों के सीने को चीरकर खनन सामग्री निकालने का काम बेरोकटोक चलता रहा है। निर्धारित मात्रा से अधिक खनन और ओवरलोड वाहनों का परिचालन यहाँ आम बात है, जिसके कारण सड़कों को भी नुकसान पहुँचता है। क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर पहले भी कई बार बड़े विवाद और झड़पें हो चुकी हैं।

 

यह भी उल्लेखनीय है कि करीब एक साल पहले नजीबाबाद के तत्कालीन एसडीएम जब खनन गतिविधियों का जायजा लेने गए थे, तो खनन माफिया ने उनकी सरकारी गाड़ी को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त करने का दुस्साहस किया था, जिसने पूरे प्रशासन को सकते में डाल दिया था। हाल ही में नजीबाबाद के वीरूवाला क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर अवैध खनन पकड़े जाने का मामला सामने आया था।

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प्रशासन की इस ताज़ा और बड़ी कार्रवाई ने एक संदेश दिया है कि अवैध खनन के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और अवैध खनन के सिंडिकेट को पूरी तरह ध्वस्त किया जाएगा।
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