UP में महंगी हो सकती है बिजली, नए नियमों से उपभोक्ताओं को लगेगा बड़ा झटका, उपभोक्ता परिषद ने जताया विरोध, पुराने मानकों को बनाए रखने की मांग
उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ सकती हैं। नए टैरिफ नियम लागू होने से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध करते हुए पुराने मानक ही बनाए रखने की मांग की है। आइए जानते हैं क्या हैं पुराने मानक..
Jan 18, 2025, 15:42 IST
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उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी की संभावना है। इसकी वजह टैरिफ निर्धारण के लिए नए मानकों का लागू होना है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इन प्रस्तावित नए नियमों का कड़ा विरोध किया है। परिषद का कहना है कि नए मानकों से उपभोक्ताओं को नुकसान होगा, जबकि निजी कंपनियों को इसका सीधा फायदा होगा। READ ALSO:-बिजनौर की नई जिलाधिकारी जसजीत कौर का पदभार ग्रहण समारोह, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत
नए मानकों पर विवाद पांच साल के लिए तैयार बहुवर्षीय वितरण टैरिफ नियमावली की अवधि समाप्त होने के बाद उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को 56 पन्नों का मसौदा जारी किया है। इस मसौदे के तहत नए नियमों पर 15 फरवरी तक आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। 19 फरवरी को इन पर सुनवाई होगी और फिर इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा।
उपभोक्ताओं को बिजली चोरी का खामियाजा भुगतना पड़ेगा परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि इन नए नियमों के लागू होने से बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन और डिस्कॉम के निजीकरण के लिए कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। बिजली चोरी से होने वाले नुकसान का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने की कोशिश की जा रही है, जिससे बिजली महंगी हो जाएगी।
पुराने मानकों को बनाए रखने की मांग
परिषद ने आयोग से अपील की है कि पुराने नियमों को बरकरार रखा जाए, क्योंकि वे उपभोक्ताओं के हित में हैं। पुराने नियमों पर अपीलीय न्यायाधिकरण में मामला चल रहा है और आयोग को बिना किसी दबाव के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
परिषद ने आयोग से अपील की है कि पुराने नियमों को बरकरार रखा जाए, क्योंकि वे उपभोक्ताओं के हित में हैं। पुराने नियमों पर अपीलीय न्यायाधिकरण में मामला चल रहा है और आयोग को बिना किसी दबाव के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
जल्दबाजी में तैयार किए गए नियम
वर्मा ने कहा कि नए नियम जल्दबाजी में तैयार किए गए हैं और इनसे बिजली कंपनियों का 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस खत्म हो जाएगा, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
वर्मा ने कहा कि नए नियम जल्दबाजी में तैयार किए गए हैं और इनसे बिजली कंपनियों का 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस खत्म हो जाएगा, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
1 अप्रैल से लागू नहीं होंगी नई बिजली दरें
परिषद ने कहा कि आयोग ने भरोसा दिलाया है कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा। हालांकि, नए नियमों को अंतिम रूप देने में लगने वाले समय के कारण अब 1 अप्रैल से नई बिजली दरें लागू होने की संभावना कम है।
परिषद ने कहा कि आयोग ने भरोसा दिलाया है कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा। हालांकि, नए नियमों को अंतिम रूप देने में लगने वाले समय के कारण अब 1 अप्रैल से नई बिजली दरें लागू होने की संभावना कम है।
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की मांग
परिषद ने जोर देकर कहा कि अगर नए मानक लागू किए गए तो उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। उपभोक्ता परिषद ने सरकार और आयोग से अपील की है कि उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी न की जाए और पुराने नियमों को यथावत रखा जाए।
परिषद ने जोर देकर कहा कि अगर नए मानक लागू किए गए तो उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। उपभोक्ता परिषद ने सरकार और आयोग से अपील की है कि उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी न की जाए और पुराने नियमों को यथावत रखा जाए।