मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीधे जुड़ें! जानें WhatsApp, हेल्पलाइन और ऐप से कैसे पहुंचाएं अपनी शिकायत और सुझाव

 उत्तर प्रदेश में 'योगी मॉडल' की गूंज, अब जनता की शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री तक; जानें मोबाइल नंबर और ऐप से कैसे पाएं त्वरित समाधान
 | 
YOGI
लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की जनता ने दूसरी बार मुख्यमंत्री की कमान योगी आदित्यनाथ को सौंपी है, जिसकी एक बड़ी वजह उनका प्रभावी 'योगी मॉडल' है – चाहे वो कानून-व्यवस्था हो या विकास के काम। इस मॉडल की तारीफ अब पूरे देश में हो रही है। अच्छी खबर यह है कि अब आम नागरिक भी अपनी समस्याओं और सुझावों को सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकते हैं और उनसे आसानी से मिल सकते हैं।READ ALSO:-गाजियाबाद-नोएडा में कोविड के बाद मेरठ भी अलर्ट पर: सीएमओ ने जारी किए निर्देश, अस्पतालों को तैयार रहने को कहा

 

सीएम योगी से शिकायत करने के सीधे तरीके:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क साधना अब पहले से कहीं ज़्यादा सुलभ हो गया है। कोई भी व्यक्ति इन माध्यमों का उपयोग कर सकता है:

 

  •  WhatsApp: मुख्यमंत्री का मोबाइल नंबर 9454404444 सोशल मीडिया पर साझा किया गया है। आप अपनी राय, सुझाव और शिकायतें सीधे इस नंबर पर भेज सकते हैं।
  • सीएम हेल्पलाइन नंबर 1076: यह एक टोल-फ्री नंबर है, जिस पर कॉल करके आप अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
  • आधिकारिक वेबसाइट: yogiadityanath.in पर जाकर भी आप मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं और अपनी बात रख सकते हैं।
  • 'सीएम योगी आदित्यनाथ संपर्क' ऐप: यह ऐप Google Play Store पर उपलब्ध है। इसे डाउनलोड करके आप मुख्यमंत्री के कार्यालय से जुड़ सकते हैं और शिकायतें, फीडबैक या सुझाव आसानी से साझा कर सकते हैं।

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद यह आश्वासन दिया है कि शिकायत दर्ज होने के 3-4 दिनों के अंदर उस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि शिकायतकर्ता का निवारण नहीं होता है, तो संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता को दर्शाता है।

 OMEGA

सीएम योगी आदित्यनाथ: एक संक्षिप्त परिचय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूर्व नाम अजीत सिंह बिष्ट है। उनका जन्म 5 जून 1972 को देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री है। 1993 में एसएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने गोरखनाथ पर रिसर्च करने का निर्णय लिया। इसी दौरान गोरखनाथ मंदिर के महंत श्री वैद्यनाथ जी से उनकी मुलाकात हुई, जिनसे दीक्षा लेकर उन्होंने 1994 में संन्यास ग्रहण कर लिया और योगी आदित्यनाथ कहलाए।

 

यह पहल निश्चित रूप से जनता और सरकार के बीच की दूरी को कम करेगी, जिससे आम लोगों की समस्याओं का समाधान तेज़ी से हो पाएगा।
SONU

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।