सस्ती दवाओं का महाअभियान: जन औषधि केंद्र खोलकर जुड़ें और पाएं सरकारी सहायता, जानें आवेदन से लेकर कमाई तक सब कुछ!

 लाखों कमाएं और पुण्य भी पाएं: सरकार दे रही है जन औषधि केंद्र खोलने का शानदार मौका; ड्रग्स इंस्पेक्टर ने बताया हर पहलू
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Jan Aushadhi Kendra
अगर आप एक ऐसा व्यवसाय शुरू करने का सपना देख रहे हैं जो न केवल आपको आर्थिक मजबूती दे, बल्कि समाज सेवा का संतोष भी प्रदान करे, तो भारत सरकार की 'प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना' (PMBJP) आपके लिए एक सुनहरा द्वार खोल रही है। यह परियोजना देश के हर नागरिक तक उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं किफायती दामों पर पहुंचाने के नेक मकसद के साथ शुरू की गई है। बहुत से इच्छुक उद्यमी जानकारी के अभाव में इस अवसर का लाभ नहीं उठा पाते। ऐसे लोगों की मदद के लिए, खाद्य एवं सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के ड्रग्स इंस्पेक्टर संदेश मौर्या ने जन औषधि केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया, इसके लिए आवश्यक लाइसेंस, सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला है।READ ALSO:-राजनीतिक और सामाजिक रसूख वाला नेता दुष्कर्म के आरोप में फरार: मुंबई में केस दर्ज, बिजनौर तक पहुंची तलाश की आंच!

 

क्यों खोलें जन औषधि केंद्र? सस्ता इलाज, सेवा और कमाई का संगम
ड्रग्स इंस्पेक्टर संदेश मौर्या बताते हैं कि भारत जेनेरिक दवाइयों का एक प्रमुख वैश्विक निर्यातक है। बावजूद इसके, देश के भीतर ब्रांडेड जेनेरिक दवाइयां अक्सर काफी महंगी बिकती हैं, जबकि नियमित जेनेरिक दवाइयों का चिकित्सीय असर उनके बराबर ही होता है। दवाओं पर होने वाले बेतहाशा खर्च को कम करने के लिए भारत सरकार का औषध विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। जन औषधि केंद्र इसी प्रयास का हिस्सा हैं, जहां ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 90% तक सस्ती दवाएं उपलब्ध होती हैं। एक जन औषधि केंद्र खोलकर आप:

 

  • लाखों लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराकर समाज सेवा कर सकते हैं।
  • दवा बिक्री पर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं (सरकार प्रोत्साहन देती है)।
  • एक स्थायी और प्रतिष्ठित व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं जिसे सरकार का संरक्षण प्राप्त है।

 

पात्रता और योग्यता: कौन ले सकता है इस अवसर का लाभ?
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने पात्रता के कुछ मापदंड निर्धारित किए हैं ताकि सही व्यक्ति या संस्थाएं ही इस जिम्मेदारी को संभालें।

 

  • व्यक्तिगत आवेदक: कोई भी भारतीय नागरिक जन औषधि केंद्र के लिए आवेदन कर सकता है, बशर्ते उसके पास फार्मास्युटिकल क्षेत्र की डी.फार्मा (D.Pharma) या बी.फार्मा (B.Pharma) की वैध डिग्री हो। यदि आवेदक के पास स्वयं डिग्री नहीं है, तो वह किसी डी.फार्मा/बी.फार्मा डिग्री धारक पंजीकृत फार्मासिस्ट को नियुक्त कर सकता है। आवेदन जमा करते समय या अंतिम स्वीकृति के समय डिग्री या नियुक्ति का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
  • संस्थागत आवेदक:
    • मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों के प्रबंधन द्वारा चयनित प्रतिष्ठित एजेंसियां।
    • प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठन (NGO) या धर्मार्थ संगठन।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में कवरेज बढ़ाने के लिए प्राइमेरी ऐग्रिकल्चर क्रेडिट सोसायटी (PACS) के अंतर्गत सहकारी-क्षेत्र भी आवेदन कर सकते हैं।

 

सरकार का दमदार सपोर्ट: वित्तीय सहायता, प्रोत्साहन और छूट
जन औषधि केंद्र संचालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई स्तरों पर सहायता प्रदान करती है:

 

  1. मासिक प्रोत्साहन राशि: केंद्र संचालकों को दवाओं की मासिक खरीद (purchase) पर 20% की दर से प्रोत्साहन राशि मिलती है। यह राशि अधिकतम 20,000 रुपए प्रति माह तक हो सकती है। यह प्रोत्साहन राशि दवाओं की न्यूनतम आवश्यक स्टॉक बनाए रखने से जुड़ी हुई है।
  2. ₹2 लाख की अतिरिक्त सहायता: कुछ विशेष श्रेणियों के आवेदकों को केंद्र के IT सेटअप और इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्चों की भरपाई के लिए एक मुश्त (one-time) 2.00 लाख रुपए की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाती है। यह सहायता प्रतिपूर्ति (reimbursement) के रूप में मिलती है। इस श्रेणी में शामिल हैं:
    • महिला उद्यमी
    • दिव्यांग व्यक्ति
    • अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के आवेदक
    • भूतपूर्व सैनिक
    • आकांक्षी जिले (Aspirational Districts) में केंद्र खोलने वाले
    • उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालय पर्वतीय क्षेत्रों और द्वीप समूहों में केंद्र खोलने वाले इस सहायता का लाभ लेने के लिए आवेदन करते समय वैध प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
  3. आवेदन शुल्क में छूट: आवेदन करने का सामान्य शुल्क 5,000 रुपए है, जो वापस नहीं होता है। हालाँकि, ऊपर बताई गई विशेष श्रेणियों (महिला उद्यमी, दिव्यांग, SC/ST, भूतपूर्व सैनिक, आकांक्षी जिले, उत्तर-पूर्वी राज्य, हिमालय पर्वतीय क्षेत्र, द्वीप समूह में अधिसूचित आवेदक) के आवेदकों को आवेदन शुल्क में पूर्ण छूट दी गई है। शुल्क छूट पाने के लिए भी वैध प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है। एक बार आवेदन में चुनी गई श्रेणी को बाद में बदला नहीं जा सकता।

 

आवेदन की राह: ऑनलाइन प्रक्रिया और अनिवार्य दस्तावेज
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिससे यह इच्छुक व्यक्तियों के लिए सुलभ हो गई है।

 

  • कैसे करें आवेदन: आवेदन करने के लिए आपको प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की आधिकारिक वेबसाइट http://janaushadhi.gov.in/ पर जाना होगा और ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना होगा।
  • अनिवार्य दस्तावेज: आवेदन के साथ आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने होंगे। इनमें शामिल हैं:
    • आधार कार्ड
    • पैन कार्ड
    • बैंक स्टेटमेंट (पिछले कुछ महीनों का)
    • केंद्र खोलने के लिए प्रस्तावित जगह का मालिकाना हक प्रमाण (जैसे हाउस टैक्स की रसीद या रजिस्ट्री कॉपी) यदि जगह आपकी अपनी है।
    • किराए का एग्रीमेंट (यदि जगह किराए पर ली गई है)।
    • पंजीकृत फार्मासिस्ट का पंजीकरण प्रमाण पत्र (आपका या आपके द्वारा नियुक्त फार्मासिस्ट का)।
    • विशेष श्रेणी से संबंधित होने का वैध प्रमाण पत्र (यदि आप शुल्क छूट या अतिरिक्त वित्तीय सहायता का लाभ लेना चाहते हैं)।

 

केंद्र स्थापित करने के लिए आवश्यकताएं: जगह और फार्मासिस्ट
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए कुछ भौतिक और मानव संसाधन संबंधी आवश्यकताएं पूरी करनी होती हैं:
  • आवश्यक जगह: केंद्र स्थापित करने के लिए कम से कम 120 वर्ग फुट (Sq Ft) की जगह उपलब्ध होनी चाहिए। यह जगह आवेदक की अपनी हो सकती है या किराए पर ली गई हो सकती है।
  • जगह की व्यवस्था: केंद्र के लिए उपयुक्त जगह की व्यवस्था आवेदक को स्वयं ही करनी होती है। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना कार्यान्वयन ब्यूरो (PMBI) इसमें सीधा हस्तक्षेप नहीं करता है।
  • फार्मासिस्ट की उपस्थिति: केंद्र में बिक्री के लिए एक पंजीकृत फार्मासिस्ट का होना अनिवार्य है। यह या तो आवेदक स्वयं हो सकता है (यदि उसके पास डिग्री है) या उसके द्वारा नियुक्त कोई अन्य व्यक्ति। फार्मासिस्ट पंजीकरण प्रमाण पत्र आवेदन के साथ जमा करना होता है।

 

उत्पादों का विशाल भंडार: क्या मिलेगा जन औषधि केंद्र में?
जन औषधि केंद्र सिर्फ दवाओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यहां स्वास्थ्य से जुड़े कई अन्य उत्पाद भी उपलब्ध होते हैं।

 

  • ड्रग्स इंस्पेक्टर संदेश मौर्या के अनुसार, वर्तमान में परियोजना के अंतर्गत 2110 प्रकार की उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध हैं।
  • दवाओं के साथ-साथ 315 प्रकार के शल्य चिकित्सा उपकरण (Surgical Equipment) भी मिलते हैं।
  • ग्राहकों के लिए न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद भी शामिल हैं, जैसे प्रोटीन पाउडर, माल्ट-बेस्ड फूड सप्लीमेंट्स आदि।
  • कुछ लोकप्रिय आयुर्वेदिक उत्पाद जैसे च्यवनप्राश, त्रिफला और शिलाजीत भी जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध हैं।
  • परियोजना का लक्ष्य NLEM (National List of Essential Medicines) में शामिल सभी जेनेरिक दवाओं (प्रयोगशाला अभिकर्मकों को छोड़कर) को उपलब्ध कराना है।
  • PMBI FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) के तहत विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी खाद्य उत्पादों और कुछ अन्य आयुर्वेदिक उत्पादों को भी श्रृंखला में जोड़ने पर काम कर रहा है।
  • सबसे बड़ी खासियत इन उत्पादों के दाम हैं, जो ब्रांडेड के मुकाबले बेहद कम होते हैं।

 

मजबूत सप्लाई चेन: दवाएं आप तक कैसे पहुंचती हैं?
गुणवत्ता और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए परियोजना ने एक मजबूत खरीद और वितरण प्रणाली विकसित की है।

 

  • जन औषधि केंद्रों पर बेची जाने वाली दवाएं केवल डब्लूएचओ-जीएमपी (WHO-GMP) सर्टिफाइड दवा निर्माता कंपनियों से ही खरीदी जाती हैं, जो दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।
  • देश के हर हिस्से में समय पर दवाएं पहुंचाने के लिए एक कुशल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क काम करता है।
  • परियोजना का एक मुख्य केंद्रीय गोदाम गुरुग्राम में है, जो डब्लूएचओ गाइडलाइंस के अनुसार संचालित होता है।
  • इसके अलावा, तीन बड़े क्षेत्रीय गोदाम गुवाहाटी (उत्तर-पूर्व), चेन्नई (दक्षिण) और सूरत/बेंगलुरू (पश्चिम/दक्षिण-पश्चिम) में हैं, जिनका कुल भंडारण क्षेत्र लगभग 2,15,000 वर्ग फुट है।
  • इन केंद्रीय और क्षेत्रीय गोदामों से पूरे देश के जन औषधि केंद्रों तक दवाएं पहुंचाने के लिए 36 डिस्ट्रीब्यूटरों की भी नियुक्ति की गई है।
  • पूरी सप्लाई चेन टेक्नोलॉजी से जुड़ी है। केंद्रीय गोदाम, क्षेत्रीय गोदाम, डिस्ट्रीब्यूटर और सभी जन औषधि केंद्र एसएपी (SAP) आधारित सॉफ्टवेयर से एकीकृत हैं। साथ ही, सभी केंद्रों पर पॉइंट ऑफ सेल (PoS) सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन भी लगाया गया है, जो दवाओं की इन्वेंट्री और बिक्री प्रबंधन को सुचारू बनाता है।

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मिशन 2027: विस्तार की योजना और आसान हुए नियम
सरकार इस परियोजना का तेजी से विस्तार कर रही है ताकि अधिक से अधिक लोगों तक सस्ती दवाएं पहुंच सकें।

 

  • सरकार ने 31 मार्च 2027 तक पूरे देश में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का ambitious लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • अधिक केंद्रों की स्थापना को सुविधाजनक बनाने के लिए, दो जन औषधि केंद्रों के बीच की न्यूनतम दूरी की अनिवार्यता को 1.5 किलोमीटर से घटाकर अब 1 किलोमीटर कर दिया गया है।

 

निष्कर्ष के तौर पर, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलना एक बहुआयामी अवसर है जो सेवा, सुरक्षा (सरकारी समर्थन), और आर्थिक लाभ का संगम प्रदान करता है। यदि आप पात्रता पूरी करते हैं और आवश्यक व्यवस्थाएं कर सकते हैं, तो यह आपके और समाज दोनों के लिए एक सुनहरा भविष्य खोल सकता है।

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