बुलंदशहर: महिला SDO का नाम लेकर फिल्मी गाना गाना JE को पड़ा महंगा, विभाग ने किया सस्पेंड
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक जूनियर इंजीनियर (JE) को महिला SDO का नाम लेकर फिल्मी गाना गाना महंगा पड़ गया। वीडियो वायरल होने के बाद महिला अधिकारी की शिकायत पर जेई संजीव कुमार को विभाग ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। मामला बिजली विभाग से जुड़ा है, जहां निजीकरण के विरोध में कर्मचारी लखनऊ जा रहे थे।
Updated: Apr 27, 2025, 18:40 IST
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बुलंदशहर: सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक वीडियो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बिजली विभाग के एक जूनियर इंजीनियर (जेई) के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। एक निजी बस में सहकर्मियों के साथ यात्रा के दौरान एक फिल्मी गाने पर डांस करते हुए विभाग की एक महिला अधिकारी का नाम अनुचित ढंग से लेने के आरोप में विभाग ने जेई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।READ ALSO:-मेरठ: आतंकी हमले के बाद वीजा विवाद में फंसी महिला, बच्चों को अकेले पाक भेजने से किया इनकार
घटना तब हुई जब जूनियर इंजीनियरों का एक समूह बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बुलंदशहर से राजधानी लखनऊ जा रहा था। बताया गया है कि रात की यह यात्रा बस द्वारा की जा रही थी। यात्रा के दौरान कुछ जूनियर इंजीनियर बस के अंदर गाने बजाकर मौज-मस्ती कर रहे थे और डांस कर रहे थे।
इसी बीच, एक वीडियो रिकॉर्ड किया गया जिसमें जेई संजीव कुमार (जिनकी तैनाती बिजली घर नंबर दो पर बताई गई है) बॉलीवुड के मशहूर गाने 'दे दे प्यार दे...' की धुन पर डांस करते नजर आ रहे हैं। आरोप है कि डांस और हंसी-मजाक के इसी माहौल में उन्होंने विभाग में कार्यरत एक महिला सब-डिविजनल ऑफिसर (SDO) का नाम लिया, जिसे वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने कैद कर लिया।
यह वीडियो जल्द ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो गया। जब यह वीडियो संबंधित महिला एसडीओ तक पहुंचा, तो उन्होंने इसे अपने प्रति आपत्तिजनक और अशोभनीय मानते हुए इस पर कड़ी नाराजगी जताई। महिला एसडीओ ने तुरंत इस मामले की शिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की।
वायरल वीडियो और महिला अधिकारी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए, बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बिना देरी किए कार्रवाई की। उन्होंने तत्काल प्रभाव से जेई संजीव कुमार को निलंबित करने का आदेश जारी किया।
विभाग ने इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कार्यस्थल पर या उससे संबंधित किसी भी गतिविधि के दौरान सहकर्मियों, खासकर महिला सहकर्मियों के प्रति अनुचित व्यवहार या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह घटना इस बात का भी संकेत है कि सोशल मीडिया के इस दौर में कर्मचारियों का आचरण हमेशा निगरानी में रहता है और मर्यादा का उल्लंघन महंगा पड़ सकता है।
