BREAKING: मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को 2 साल की जेल! हेट स्पीच मामले में MP/MLA कोर्ट का बड़ा फैसला, विधायकी पर खतरा!
मऊ MP/MLA कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, चुनाव एजेंट भी दोषी; सियासी भविष्य पर मंडराया संकट
May 31, 2025, 14:58 IST
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मऊ, उत्तर प्रदेश: माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को आज एक बड़े झटके का सामना करना पड़ा है। मऊ की MP/MLA कोर्ट ने उन्हें हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) मामले में 2 साल की कारावास की सजा सुनाई है। इस फैसले से अब्बास अंसारी के राजनीतिक भविष्य पर तलवार लटक गई है, क्योंकि 2 साल या उससे अधिक की सजा होने पर उनकी विधायकी रद्द हो सकती है। कोर्ट ने अब्बास के साथ ही उनके चुनाव एजेंट मंसूर को भी 2 साल की सजा और दोनों पर 2-2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।READ ALSO:-UP: मैनपुरी में भाजपा नेत्री के अय्याश बेटे का '130 वीडियो' कांड! सोशल मीडिया पर अश्लीलता का सैलाब, मचा सियासी भूचाल
क्या था 'हिसाब-किताब' वाला हेट स्पीच मामला?
यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। 3 मार्च, 2022 को मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक चुनावी रैली के दौरान अब्बास अंसारी ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, "यहां पर जो आज डंडा चला रहे हैं। अगले मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया से कहकर आया हूं। सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला और तैनाती नहीं होगी। जो हैं, वह यहीं रहेगा। जिस-जिस के साथ जो-जो किया है, उसका हिसाब किताब यहां देना पड़ेगा।"
#UPDATE | Mau, Uttar Pradesh: MP/MLA Court sentenced Suheldev Bharatiya Samaj Party MLA Abbas Ansari to 2 years of imprisonment in connection with the hate speech case.
— ANI (@ANI) May 31, 2025
Abbas Ansari's close aide, Mansoor Ansari, sentenced to 6 months of imprisonment https://t.co/szyOhwTBPV
इस बयान को अधिकारियों को धमकाने और चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने के रूप में देखा गया था। चुनाव आयोग ने तब अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक उनके प्रचार पर रोक लगा दी थी।
FIR और धाराएं:
4 अप्रैल 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें अब्बास अंसारी, उनके छोटे भाई उमर अंसारी (जिन्हें आज बरी कर दिया गया) और चुनाव एजेंट मंसूर के अलावा 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था।
इन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं- 506 (धमकी), 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा), 186 (लोक सेवक को बाधित करना), 189 (लोक सेवक को धमकाना), 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य) और 120B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं।
कोर्ट का फैसला और सुरक्षा घेरा:
आज सुबह साढ़े 11 बजे कोर्ट ने अब्बास अंसारी और मंसूर को दोषी करार दिया था, जबकि अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया गया। सजा के ऐलान के बाद कोर्ट परिसर को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस के साथ-साथ एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) के जवान भी भारी संख्या में तैनात किए गए हैं।
कोर्ट में पेशी से पहले अब्बास के एक समर्थक ने जबरन कोर्ट में घुसने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया। अब्बास अंसारी ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) से विधायक हैं। वह अपने छोटे भाई उमर अंसारी और समर्थकों के साथ शनिवार सुबह 8 बजे कोर्ट पहुंचे थे और उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन भी किया।
जेल से रिहाई और फिर सजा: अब्बास का कानूनी सफर
यह फैसला अब्बास अंसारी के लिए एक और कानूनी झटका है। वह मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट मामले में 21 मार्च को ही 2 साल 8 महीने बाद जेल से रिहा हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 7 मार्च को जमानत दे दी थी, जिसके 15 दिन बाद उनकी रिहाई का परवाना कासगंज जेल पहुंचा था। अब्बास को नवंबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हिरासत में लिया था। उन पर आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा होने और अवैध तरीके से धन इकट्ठा करने का आरोप था।
पत्नी निखत अंसारी भी जा चुकी हैं जेल:
अब्बास अंसारी से जुड़े एक और विवाद में उनकी पत्नी निखत अंसारी को भी जेल जाना पड़ा था। 11 फरवरी, 2023 को निखत बिना अनुमति के चित्रकूट जेल में बंद अब्बास से मिलने पहुंची थीं। वह जेलर के कमरे में अब्बास से मुलाकात कर रही थीं, तभी एसपी और डीएम ने अचानक छापा मारा। हालांकि, अब्बास को छापेमारी से थोड़ी देर पहले ही जेल कर्मियों ने कमरे से निकाल दिया था। इस मामले के बाद अब्बास को चित्रकूट से कासगंज जेल ट्रांसफर कर दिया गया था, जबकि निखत को लगभग 154 दिन जेल में रहने के बाद रिहा किया गया था।
इस ताजा फैसले के बाद अब्बास अंसारी की विधायकी पर क्या असर होगा और मऊ की राजनीति में क्या बदलाव आएंगे, यह देखना अहम होगा।
