BREAKING: मऊ विधायक अब्बास अंसारी हेट स्पीच केस में दोषी करार! खतरे में विधायकी, क्या छिनेगी सियासी विरासत?

 अफसरों को धमकाने के मामले में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, मऊ की सियासत में भूचाल, मुख्तार अंसारी के बेटे का भविष्य अधर में
 | 
Mau MLA Abbas Ansari
मऊ, उत्तर प्रदेश: माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को आज सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट ने एक बेहद अहम मामले में दोषी करार दे दिया है। यह फैसला अब्बास अंसारी के राजनीतिक करियर के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है और इसने मऊ की सियासत में भूचाल ला दिया है। सबकी निगाहें अब सजा के ऐलान पर टिकी हैं, क्योंकि यह सीधे तौर पर उनकी विधानसभा सदस्यता को प्रभावित कर सकता है।READ ALSO:-यूपी में फिर बढ़ रही कोरोना की रफ्तार: गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में बढ़े सक्रिय मामले, प्रशासन अलर्ट पर

 

2022 विधानसभा चुनाव और 'हिसाब-किताब' की धमकी: मामला क्या था?
यह मामला 3 मार्च, 2022 का है, जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव चल रहे थे। मऊ में आयोजित एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने मंच से खुलेआम "सरकार बनने के बाद अफसरों से हिसाब-किताब बराबर" करने की धमकी दी थी। उनके इस बयान पर खूब बवाल मचा था और इसे सीधे तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों को डराने-धमकाने के तौर पर देखा गया था।

 


कोतवाली थाने में अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और तीन अन्य लोगों के खिलाफ चुनाव प्रचार के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को "देख लेने" की धमकी देने का आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज किया गया था। आज इसी मामले में कोर्ट ने अब्बास को दोषी ठहराया है।

 

न्यायालय परिसर में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था
फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए आज मऊ न्यायालय परिसर में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था और कोर्ट परिसर के अंदर जाने वाले हर व्यक्ति की सघन तलाशी ली जा रही थी। सीजेएम डॉ. केपी सिंह ने मामले में सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद आज यानी 31 मई को फैसले की तारीख तय की थी।

 

मऊ सदर की सियासत: मुख्तार अंसारी की विरासत के दावेदार
अब्बास अंसारी मऊ सदर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी-सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सपा-सुभासपा) गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर इस सीट से जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी के अशोक सिंह को 38,116 वोटों के भारी अंतर से हराया था।

 

यह जानना महत्वपूर्ण है कि अब्बास के दिवंगत पिता, कुख्यात गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी, भी इसी मऊ सीट से रिकॉर्ड 5 बार विधायक रह चुके थे। इसी वजह से मऊ क्षेत्र में अंसारी परिवार का गहरा राजनीतिक प्रभाव माना जाता है और अब्बास को इस विरासत का सबसे बड़ा दावेदार माना जाता रहा है।

 OMEGA

अब आगे क्या? क्या जाएगी विधायकी?
इस मामले में सजा का ऐलान अभी बाकी है, लेकिन अब्बास अंसारी के दोषी करार दिए जाने के बाद मऊ की सियासत में हलचल तेज हो गई है। अब्बास के राजनीतिक करियर पर इसका सीधा असर पड़ेगा। यदि उन्हें दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उनकी विधानसभा सदस्यता (विधायकी) स्वतः रद्द हो जाएगी। ऐसी स्थिति में मऊ सदर सीट पर उपचुनाव कराना पड़ सकता है।

 

यह देखना बेहद अहम होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या सजा सुनाता है और इसका अब्बास अंसारी के राजनीतिक भविष्य और मऊ की सियासी समीकरणों पर क्या दूरगामी प्रभाव पड़ता है। क्या अंसारी परिवार की सियासी विरासत खतरे में पड़ गई है?
SONU

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।