PM आवास योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा: सिविल इंजीनियर ने बिना वेरिफिकेशन अपलोड किए 1177 आवेदन, सेवा समाप्त, FIR दर्ज

 मिशन 2.0 के शुरुआती चरण में सामने आया बड़ा घोटाला, 9 अप्रैल को समीक्षा के लिए शासन ने तलब की रिपोर्ट
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PM AWAS YOJNA
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के मिशन 2.0 के शुरुआती चरण में एक बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस योजना के तहत कार्यरत एक सिविल इंजीनियर ने बिना किसी सत्यापन के ही 1177 आवेदनों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर दिया था। इस गड़बड़ी का पता चलने के बाद, न केवल उन सभी आवेदनों को पोर्टल से हटा दिया गया है, बल्कि आरोपी इंजीनियर की सेवा भी समाप्त कर दी गई है। इसके साथ ही इंजीनियर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।READ ALSO:-अमरोहा में रिश्ते हुए शर्मसार: बुआ ने ही बेची 12 साल की भतीजी, अधेड़ से 9 लाख में सौदा; बुजुर्ग पिता की गुहार पर पुलिस हरकत में

 

शासन द्वारा हाल ही में शुरू किए गए प्रधानमंत्री आवास योजना के मिशन 2.0 का लाभ उठाने के लिए पात्र नागरिकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। आवेदनों की निगरानी और सत्यापन के लिए जिलाधिकारी की देखरेख में एक कमेटी भी गठित की गई थी। इस प्रक्रिया में तब अनियमितता पाई गई जब परियोजना के तहत कार्यरत सिविल इंजीनियर (सीएलटीसी) अविनाश मिश्रा ने कमेटी से जांच और सत्यापन कराए बिना ही 1177 आवेदनों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर दिया।

 

जब प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) लखनऊ के मिशन निदेशालय के कार्यक्रम अधिकारी को इस बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत पोर्टल पर अपलोड किए गए आवेदनों को हटाने और आरोपी इंजीनियर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया। परियोजना अधिकारी की तहरीर पर इंजीनियर अविनाश मिश्रा के खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

 

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, उत्तर प्रदेश विधान परिषद की विनिमयन समीक्षा समिति ने शासन से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है। समिति आगामी 9 अप्रैल को प्रदेश भर में चल रही शहरी गरीब आवास योजना की स्थिति और मरम्मत की योजनाओं पर समीक्षा करेगी। समिति की मांग पर उप सचिव शासन लाल मणि यादव ने निदेशक नगर निकाय निदेशालय अनुज झा से रिपोर्ट मांगी है। 1 अप्रैल को मांगी गई रिपोर्ट के आधार पर निदेशक नगर निकाय ने सभी नगर आयुक्तों और मुख्य अधिशासी अधिकारियों को संबंधित सूचना और दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। नगर निगम के अपर नगर आयुक्त दीपेंद्र यादव ने बताया कि आवास योजना से संबंधित जो भी रिपोर्ट होगी, उसे समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इस घटना ने योजना की पारदर्शिता और कार्यान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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