उत्तर प्रदेश में शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर, महंगी हो सकती है शराब, प्रदेश में 29 हजार शराब की दुकानें, लागू होंगे ये नए नियम
उत्तर प्रदेश में शराब महंगी हो सकती है। योगी सरकार अगले वित्तीय वर्ष में नई आबकारी नीति ला सकती है। सूत्रों की मानें तो सरकार पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण को मंजूरी दे सकती है।
Feb 3, 2025, 09:00 IST
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उत्तर प्रदेश में शराब महंगी हो सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार कैबिनेट बैठक में इससे जुड़ा बड़ा फैसला ले सकती है। विभाग ने इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है। ऐसे में सरकार नई आबकारी नीति ला सकती है। आइए जानते हैं कि नई आबकारी नीति आने पर शराब कारोबारियों पर इसका कितना असर होगा? READ ALSO:-UP : आंखें फोड़ दी, हड्डियां तोड़ दी, हाथ-पैर बांधकर गैंगरेप कर की हत्या, दलित लड़की के नग्न शव की हालत देख महिलाएं हुई बेहोश
सूत्रों की मानें तो सरकार शराब कारोबारियों को राहत देने के लिए नई नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेगी। इसके अलावा सरकार पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण को मंजूरी दे सकती है। प्रदेश स्तर पर शराब कारोबारी लाइसेंस नवीनीकरण की मांग कर रहे हैं।
ये बदलाव हो सकते हैं
उत्तर प्रदेश सरकार के आबकारी विभाग ने राजस्व बढ़ाने के लिए पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण की जगह ई-टेंडरिंग की तैयारी की थी। नई नीति का मसौदा देर से तैयार होने के कारण पुरानी नीति में मामूली बदलाव करके नई नीति लाई जा सकती है। अगर इस नीति को मंजूरी मिलती है तो शराब के दाम बढ़ सकते हैं और अवैध शराब की बिक्री पर सख्त रोक लग सकती है। इस बार आंशिक संशोधनों के साथ पुरानी नीति को ही पेश किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार के आबकारी विभाग ने राजस्व बढ़ाने के लिए पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण की जगह ई-टेंडरिंग की तैयारी की थी। नई नीति का मसौदा देर से तैयार होने के कारण पुरानी नीति में मामूली बदलाव करके नई नीति लाई जा सकती है। अगर इस नीति को मंजूरी मिलती है तो शराब के दाम बढ़ सकते हैं और अवैध शराब की बिक्री पर सख्त रोक लग सकती है। इस बार आंशिक संशोधनों के साथ पुरानी नीति को ही पेश किया जा सकता है।
महाकुंभ के कारण हुई देरी
सरकार नई आबकारी नीति दिसंबर या जनवरी माह में लाती रही है। इस बार महाकुंभ की व्यस्तता के कारण अभी तक आबकारी नीति पेश नहीं की जा सकी है। ऐसे में सरकार नई आबकारी नीति में कोई बड़ा बदलाव किए बिना ही पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण को मंजूरी दे सकती है।
सरकार नई आबकारी नीति दिसंबर या जनवरी माह में लाती रही है। इस बार महाकुंभ की व्यस्तता के कारण अभी तक आबकारी नीति पेश नहीं की जा सकी है। ऐसे में सरकार नई आबकारी नीति में कोई बड़ा बदलाव किए बिना ही पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण को मंजूरी दे सकती है।
उत्तर प्रदेश में 29 हजार शराब की दुकानें
बता दें कि चालू वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग की ओर से 29 हजार शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस दिए गए थे। इनमें 6700 अंग्रेजी, 16400 देशी और 5900 बीयर की दुकानें शामिल हैं। सरकार ने विभाग को 58 हजार करोड़ का राजस्व जुटाने का लक्ष्य दिया है। विभाग को वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है।
बता दें कि चालू वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग की ओर से 29 हजार शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस दिए गए थे। इनमें 6700 अंग्रेजी, 16400 देशी और 5900 बीयर की दुकानें शामिल हैं। सरकार ने विभाग को 58 हजार करोड़ का राजस्व जुटाने का लक्ष्य दिया है। विभाग को वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है।