मऊ से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म: हेट स्पीच केस में सजा के बाद सियासी हलचल तेज

 अब्बास को 2 साल की सजा, सीट हुई रिक्त; मऊ सदर में उपचुनाव की संभावना, अब्बास हाईकोर्ट जाने की तैयारी में
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ABBAS ANSARI
मऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ी खबर सामने आई है। मऊ सदर विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई है। यह फैसला एक हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) मामले में शनिवार को मऊ कोर्ट द्वारा उन्हें दोषी करार दिए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद आया है। इस घटनाक्रम के बाद मऊ सदर विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होने की संभावना है।READ ALSO:-🌪️उत्तर प्रदेश में मौसम का 'त्राहिमाम'! गर्मी, आंधी और बारिश का 'ट्रिपल अलर्ट' जारी!

 

हेट स्पीच केस में 2 साल की सजा, चाचा को भी मिली सजा
मऊ कोर्ट ने शनिवार को 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए हेट स्पीच मामले में सुनवाई करते हुए अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया। कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई और 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में उनके चाचा मंसूर अंसारी को भी छह महीने की सजा सुनाई गई है।

 

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत गई विधायकी
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी विधानसभा या संसद सदस्यता स्वतः ही समाप्त हो जाती है। अब्बास अंसारी को दो साल की सजा मिलने के साथ ही, उनकी विधानसभा सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो गई है। कोर्ट के फैसले की कॉपी जल्द ही विधानसभा सचिवालय को भेजी जाएगी। हालांकि, सजा सुनाए जाने के साथ ही उनकी विधायकी समाप्त मानी जा रही है, और अब सभी की निगाहें यूपी विधानसभा सचिवालय पर टिकी हैं।

 


कब होगा मऊ सदर सीट पर उपचुनाव?
विधानसभा सचिवालय जल्द ही अब्बास अंसारी की मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित करेगा। इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय की ओर से भारत निर्वाचन आयोग को दी जाएगी। माना जा रहा है कि सोमवार को यूपी विधानसभा सचिवालय की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा हो सकती है। भारत निर्वाचन आयोग नियमानुसार, खाली हुई सीट को भरने के लिए छह महीने के भीतर उपचुनाव कराएगा। ऐसे में मऊ सदर में सियासी सरगर्मी तेज़ होने की उम्मीद है।

 

हाईकोर्ट जाने की तैयारी में अब्बास अंसारी, अफजाल अंसारी का उदाहरण
खबर है कि अब्बास अंसारी अब इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। हालांकि, वह सीधे तौर पर अपनी विधानसभा सदस्यता जाने को चुनौती नहीं दे सकते हैं। वह हेट स्पीच केस में सुनाई गई दो साल की सजा पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे। अब्बास के वकील का दावा है कि वे जल्द ही इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाएंगे और उनकी कोशिश कोर्ट के फैसले पर रोक लगाकर विधानसभा सदस्यता दोबारा बहाल कराने की होगी।

 OMEGA

यहां गाजीपुर से सांसद रहे उनके चाचा अफजाल अंसारी का उदाहरण सामने है। पिछले कार्यकाल के दौरान उन्हें मुख्तार अंसारी के साथ एक गैंगस्टर केस में चार साल की सजा हुई थी, जिसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी, जहां से राहत मिलने के बाद उनकी सांसदी बहाल हो गई थी। अब्बास अंसारी भी इसी तर्ज पर कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी में हैं।

 

यह देखना दिलचस्प होगा कि अब्बास अंसारी की कानूनी लड़ाई उन्हें कितनी राहत दिला पाती है, और मऊ सदर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का ऊंट किस करवट बैठता है।
SONU

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