उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्ट्रीट डॉग की मौत से दुखी लड़की पानी की टंकी से कूदी, आहत बच्ची की सदमे से हो गई मौत .....

समाज में ऐसे लोग भी हैं जिनसे जानवरों का दर्द नहीं देखा जाता। ऐसा ही एक मामला मेरठ में सामने आया है, जहां स्ट्रीट डॉग की मौत से एक बच्ची इतनी आहत हुई कि उसने पानी की टंकी से कूदकर आत्महत्या कर ली। 
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street dog
समाज में ऐसे लोग हैं जिनसे जानवरों का दर्द नहीं देखा जाता। ऐसा ही एक मामला मेरठ में सामने आया है, जहां स्ट्रीट डॉग की मौत से एक बच्ची इतनी आहत हुई कि उसने पानी की टंकी से कूदकर आत्महत्या कर ली। मूल रूप से सरधना के गांव काकेपुर निवासी संजय त्यागी कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी फेज-2 में रहते हैं। परिवार में मां सरोज त्यागी, पत्नी बबली, बेटा सार्थक और बेटी गौरी (19) शामिल हैं। संजय त्यागी गेल गैस कंपनी में कार्यरत हैं, पुत्र सार्थक इंजीनियर हैं। बेटी गौरी ने हाल ही में नीट पास की थी। शुक्रवार की सुबह गौरी ने घर से कुछ दूरी पर स्थित पानी की टंकी से छलांग लगा दी। खून बहने की हालत में परिजनों ने उसे मंगलपांडे नगर के अस्पताल में भर्ती कराया। देर शाम उसकी मौत हो गई। लोगों ने बताया कि गौरी को जानवरों से बहुत लगाव था। वह गाय, गली के कुत्ते की बहुत सेवा करती थी। गुरुवार को कार की टक्कर में एक स्ट्रीट डॉग की मौत हो गई, जिससे वह सदमे में थी।Read Also:-Video : बाइक को टक्कर मार 1 किमी तक घसीटकर ले गया कार चालक; चिंगारी निकलती रही, लेकिन नहीं रुका

 

जानवरों की सेवा और पढाई में ही गुजरता था गौरी का पूरा दिन
गौरी पढ़ाई में बहुत होशियार थी। उसका ज्यादातर समय पढ़ाई में या जानवरों की सेवा में बीतता था। नीट पास करने के बाद उनकी आगे की यात्रा शुरू होनी थी लेकिन उससे पहले ही यात्रा थम गई। देर शाम परिजन बेटी का शव लेकर गांव गए। श्रद्धापुरी निवासी संजय त्यागी गेल गैस में सुरक्षा अधिकारी हैं। परिवार में मां सरोज त्यागी के अलावा पत्नी बबली, बेटा सार्थक और बेटी गौरी (19) ही । उन्होंने अपने बेटे को इंजीनियर की शिक्षा दिलवाई और अपनी बेटी गौरी को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था।

 

गौरी पढ़ाई के अलावा जानवरों की सेवा करती थीं। उसने कई स्ट्रीट डॉग पाल रखे थे, जिन्हें वह रोज दूध और रोटी खिलाटी थी। गौरी के पिता परिवार से अलग से रोज पांच लीटर दूध लाते थे। वह यह दूध गली स्ट्रीट डॉग के नन्हे पिल्ले को देती थी। उसकी आवाज सुनते ही कुत्ते भी दौड़ पड़ते थे। इसी साल सीबीएसई से 12वीं की परीक्षा पास की और फिर नीट की परीक्षा दी। गौरी ने पहले ही प्रयास में नीट पास कर ली। इस महीने उन्हें मेडिकल काउंसलिंग में शामिल होना था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

 

वहीं मोहनपुरी निवासी निधि पशु प्रेमी है और असहाय बेजुबान आवारा पशुओं की सेवा करती है। गौरी के इस कदम से वह बहुत दुखी हैं। कहा कि गौरी को कुत्ते को टक्कर मारने वाले कार चालक को सजा दिलवानी चाहिए थी। उसने यह क्यों नहीं सोचा कि भविष्य में इन बेजुबानों की मदद अब कौन करेगा? इस घटना से एनिमल केयर सोसायटी की सचिव अंशुमली वशिष्ठ भी सदमे में हैं। वे कहते हैं कि मासूम जानवरों से इतना प्यार किया जा सकता है कि उनके लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल सकते हैं।

 

स्ट्रीट डॉग को कार से टकराते देखा था 
परिजनों के मुताबिक गुरुवार को गौरी स्ट्रीट डॉग को खाना खिला रही थी। तभी एक कुत्ता कार से टकरा गया। उसने जाकर देखा तो कुत्ता बुरी तरह जख्मी हो गया था । गौरी ने उसका इलाज भी करवाया। शुक्रवार की सुबह गौरी को कुत्ते की मौत की सूचना मिली और वह पानी की टंकी में कूद गई।
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