बिजनौर: मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर बीसी सखियों का प्रदर्शन, बोलीं–सरकार माफ करे 75 हजार रुपए

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गुरुवार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों के लिए काम करने वाली बैंक सखियों ने धरना प्रदर्शन किया।
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उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गुरुवार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों के लिए काम करने वाली बैंक सखियों ने धरना प्रदर्शन किया। विशिष्ठ कोरेसपोंडेंट महिला उत्थान समिति के तत्वाधान में जिले के डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए इन सखियों ने मानदेय बढ़ाने, सरकार द्वारा दिए गए 75 हजार रुपए माफ करने और उन्हें उन्हें नियमित करने की मांग की।Read Also:-उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना 2022 युवाओं, शिल्पकारों को करेगी नौकरी के अवसर प्रदान, सरकार देगी सब्सिडी

 

दरअसल रुपये के लेन-देन के लिए ग्रामीणों को शहर का रुख नहीं करना पड़ेगा इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने प्रदेश के ग्राम सचिवालयों में बैंकिग सुविधाएं उपलब्ध कराई थी। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा गया था। जिसकी सदस्याओं को बीसी (बैंकिग कारेस्पांडेंट) सखी के रूप में तैनात किया गया था। इस पूरी कवायद में शासन द्वारा सखी के खाते में शासन ने 75-75 हजार रुपये की रकम भी भेजी गई थी, ताकि वे डिवाइस इत्यादि खरीद सकें। ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने की एवज में इन्हे कमीशन दिया जा रहा है। 

लेकिन कुछ दिन बाद ही यह व्यवस्था गड़बड़ा गई, जिसके चलते अब बीसी सखी परेशान हैं। सखी मीतू शर्मा ने बताया कि उन्हें काम करने में बहुत समस्याएं आ रही हैं। उन्हें न तो समय पर मानदेय मिलता है और न ही उनके बैठने की व्यवस्था शासन के आदेश अनुसार की गई है। इतना ही नहीं पार्टनर बैंककर्मी उनसे बहुत खराब तरीके से व्यवहार करते हैं। जिला अध्यक्ष दीपा पाल ने बताया कि सरकार द्वारा दिया जाने वाला मानदेय 4000 रुपए मानदेय बेहद कम है। और यह समय पर भी नहीं आता, इतने कम मानदेय में काम करने के साथ ही खुद का खर्च निकलना भी मुश्किल है। ऐसे में सरकार को मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपए चाहिए। वहीं किसी तरह की कोई बचत नहीं होने के कारण बीसी साखियां सरकार द्वारा दिया गया 75 हजार रुपया लौटाने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में सरकार को यह राशि माफ कर देना चाहिए।

 


इस दौरान सभी ने मुख्यमंत्री के नाम एक मांग ज्ञापन भी अधिकारियों को सौंपा। यहां दीपा पाल, फाकरा सहित सोभा सिंह सोनिया सिंह जसवीर कौर  व अन्य पदाधिकारियों सहित मीतू शर्मा  सरिता कुमारी रूमा हेमा वंदना आदि मौजूद रहीं।

 

यह है प्रमुख मांगें

  • बीसी सखियों के काम के लिए सभी शासनादेश जनपद स्तर पर लागू किए जाएं।
  • बीसी सखियों को शासनादेश के अनुसार ग्राम सचिवालय में बैठने की व्यवस्था लागू हो।
  • बीसी सखियों का शासनादेश के अनुसार ओडी अकाउंट या सेटलमेंट अकाउंट स्थानीय राष्ट्रीय बैंको में खुलवाया जाये।
  • पाटर्नर बैंक द्वारा डिवाइस सर्विस सेंटरो को बैंक के पास खोता जाए।
  • बीसी सखियो के काम पूरा कमीशन उन्हें दिया जाए। उसमे की जा रही 25% कटौती बंद हो।
  • 6 पार्टनर बैंककर्मचारियो एवं एमआरएसएस कर्मचारियों द्वारा सभी से व्यवहार पूर्ण तरीके से बात की जाए।
  • मनरेगा योजना के अंतर्गत श्रमिकों का भुगतान हम बीसी सखियों से कराने की व्यवस्था की जाए।
  • शासन द्वारा निर्धारित मानदेय समय अनुसार हम सभी को दिया जाए।

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