उत्तर प्रदेश में 2.75 लाख मीटरों की गुणवत्ता खराब, चाइनीज पार्ट्स, मीटर रीडिंग हो रही गड़बड़ी, UPPCL ने 2 कंपनियों से मांगा जवाब

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का ठेका जिन कंपनियों को दिया है, वे बड़ा खेल कर रही हैं। कंपनियों ने लाखों उपभोक्ताओं के घरों में घटिया क्वालिटी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा दिए हैं। पावर कॉरपोरेशन की एक उच्च स्तरीय कमेटी की जांच में इसका खुलासा हुआ है।
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SMART METER
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (UP Power Corporation) ने जिन कंपनियों को उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का ठेका दिया है, वे बड़ा खेल कर रही हैं। कंपनियों ने लाखों उपभोक्ताओं के यहां घटिया क्वालिटी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा दिए हैं। पावर कॉरपोरेशन की उच्च स्तरीय कमेटी की जांच में इसका खुलासा हुआ है। अब पावर कॉरपोरेशन ने तीन कंपनियों के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। READ ALSO:-महिला की सांड से फाइट का दिल दहला देने वाला वीडियो वायरल, कर रहा था अटैक, फिर ऐसे सिखाया सबक

 

पावर कॉरपोरेशन के उच्च सूत्रों की मानें तो तीन में से दो कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जा सकता है। अब तक इन कंपनियों ने उत्तर प्रदेश के करीब दो लाख 75 हजार उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा दिए हैं।

 

उपभोक्ता परिषद ने लगाए आरोप
पावर कॉरपोरेशन के निदेशक वाणिज्य निधि कुमार नारंग की ओर से स्मार्ट मीटर सप्लाई करने वाली दो कंपनियों के सीईओ को नोटिस जारी किया गया है। उनसे जांच में मिली खामियों को दूर करने को कहा गया है। अब पावर कॉरपोरेशन की तकनीकी जांच में इसका खुलासा हुआ है। घटिया क्वालिटी के मीटर लगाने का खामियाजा उत्तर प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा।

 

घटिया क्वालिटी को लेकर कई बार उठे सवाल 
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि उपभोक्ता परिषद लंबे समय से पावर कॉरपोरेशन और नियामक आयोग के अधिकारियों के सामने इन मुद्दों को उठाती रही है। मीटर की गुणवत्ता को लेकर कई बार सवाल उठाए गए, शिकायतें भी की गईं, लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियां पावर कॉरपोरेशन अधिकारियों के ढुलमुल रवैये का फायदा उठाती रहीं। अब पावर कॉरपोरेशन को समझ में आ गया है कि अगर पहले ही ठोस कदम उठाए गए होते तो सवा तीन लाख उपभोक्ताओं के घरों पर घटिया क्वालिटी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं लगे होते। अवधेश वर्मा ने मांग की है कि इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाए।

 

क्या तकनीकी खामियां सामने आईं
उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में पावर फैक्टर की गलत रिकॉर्डिंग और आरसीटी में तकनीकी खामियां यह साबित करने के लिए काफी हैं कि मीटर घटिया क्वालिटी के हैं। जांच में जो खामियां सामने आई हैं, उनमें दो घंटे में आरटीसी ट्रिपिंग, पावर फैक्टर की गलत रिकॉर्डिंग, रिसीवर का गलत फैक्टर शामिल हैं। इन खामियों के कारण स्मार्ट प्रीपेड मीटर रीडिंग, लोड और समय को गलत दर्ज करेगा, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा। अगर पावर कॉरपोरेशन इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है, तभी कुछ सुधार हो पाएगा।

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अब क्या बोले अधिकारी
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के निदेशक वाणिज्य निधि कुमार नारंग ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की जांच पावर कॉरपोरेशन की तकनीकी टीम ने की थी। जांच में मीटर में कुछ खामियां सामने आई हैं। इसके लिए दो कंपनियों के सीईओ को नोटिस भेजा गया है। मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है।
SONU

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