UP में 10 लाख लोगों को मिलेगा AI का प्रशिक्षण, प्रदेश को बनाया जाएगा 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब'
दिसंबर तक प्रशिक्षण पूरा करने का लक्ष्य, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल समेत कई बड़ी कंपनियां बनीं भागीदार; सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, डॉक्टर, किसान होंगे प्रशिक्षित
Updated: Apr 26, 2025, 12:19 IST
|

लखनऊ: उत्तर प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के क्षेत्र में अग्रणी बनाने और युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में योगी सरकार ने एक बड़ी योजना तैयार की है। इसके तहत प्रदेश में 10 लाख लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना को इसी साल दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।READ ALSO:-पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में बिजनौर कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए वैश्विक स्तर की कई दिग्गज आइटी कंपनियों को सरकार से जोड़ा गया है। इनमें माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, गुवी, एचसीएल, वाधवानी और वन एम वन बी (वन मिलियन वन बिलियन) जैसी कंपनियां शामिल हैं, जो लोगों को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। वन मिलियन वन बिलियन कंपनी विशेष रूप से आइबीएम, ओप्पो और मेटा के सहयोग से प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस पहल के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार का प्राथमिक लक्ष्य युवाओं को रोजगार के लिए सक्षम बनाना है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण राज्य के प्रशासनिक ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआइ के अनुप्रयोग को बढ़ाने में भी सहायक होगा। सरकार की मंशा है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिक भी डिजिटल और तकनीकी कौशल में दक्ष बनें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का दायरा काफी व्यापक रखा गया है। इसमें केवल युवाओं को ही नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, डॉक्टरों, नर्सों, तकनीकी पेशेवरों और किसानों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि समाज के हर वर्ग को एआइ तकनीक का लाभ मिल सके।
प्रशिक्षण के तरीकों को लेकर भी खास योजना है। गुवी कंपनी द्वारा 3500 से ज्यादा प्रशिक्षित प्रशिक्षकों के माध्यम से ऑफलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए पहले इन प्रशिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। वाधवानी कंपनी वरिष्ठ शिक्षकों को ऑफलाइन माध्यम से प्रशिक्षित करेगी, जबकि कनिष्ठ शिक्षकों और छात्रों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी, जिसके लिए 'गुरुमित्र एलएमएस प्लेटफार्म' का उपयोग किया जाएगा।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में मशीन लर्निंग, डाटा विश्लेषण जैसे विषयों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कारोबार, खेती और शासन-प्रशासन में एआइ के उपयोग के व्यावहारिक पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
योजना के क्रियान्वयन के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित की गई है। शुरुआती दो महीने प्रशिक्षकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार करने में लगाए जाएंगे। इसके बाद, तीसरे महीने से पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की जाएगी और बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होगा।
इस योजना के संबंध में आइटी विभाग की विशेष सचिव नेहा जैन ने शुक्रवार को सभी संबंधित विभागों के प्रमुखों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं, जिससे इसके प्रभावी क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
