नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में 50% तक की भारी कटौती: क्या है नया नियम और किसे मिलेगा फायदा?
पुल, सुरंग और फ्लाईओवर वाले रास्तों पर अब 50% तक कम लगेगा टोल; जानें आपको कैसे होगा फायदा
Jul 5, 2025, 12:22 IST
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राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। सरकार ने उन नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में 50 प्रतिशत तक की भारी कटौती कर दी है, जिन पर विशेष संरचनाएं जैसे कि पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड स्ट्रेच बने हुए हैं। इस फैसले से इन मार्गों पर यात्रा करने वाले लोगों की जेब पर बोझ कम होगा और सफर की लागत में significant कमी आएगी। आइए जानते हैं इस बदलाव से आपको किस प्रकार फायदा होगा।READ ALSO;-यूपी में मानसून का कहर: 5 दिन और भारी बारिश का अलर्ट, 48 जिलों में बिजली गिरने की आशंका
टोल टैक्स को लेकर क्या बदला? अब आपको कितना देना होगा?
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के उच्च अधिकारियों के अनुसार, पहले के नियमों में किसी भी विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर वाले हिस्से पर प्रति किलोमीटर सामान्य टोल फीस का दस गुना तक चार्ज किया जाता था। यह अतिरिक्त शुल्क उस इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की लागत वसूलने के लिए लगाया जाता था। हालांकि, अब सरकार ने इस नियम में बदलाव करते हुए टोल टैक्स को लगभग 50% तक घटा दिया है, जिससे यात्रियों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ मिलेगा।
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के उच्च अधिकारियों के अनुसार, पहले के नियमों में किसी भी विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर वाले हिस्से पर प्रति किलोमीटर सामान्य टोल फीस का दस गुना तक चार्ज किया जाता था। यह अतिरिक्त शुल्क उस इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की लागत वसूलने के लिए लगाया जाता था। हालांकि, अब सरकार ने इस नियम में बदलाव करते हुए टोल टैक्स को लगभग 50% तक घटा दिया है, जिससे यात्रियों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ मिलेगा।
टोल की गणना का नया तरीका क्या होगा?
अब टोल टैक्स की गणना के लिए एक नया और अधिक तर्कसंगत तरीका अपनाया जाएगा। नए नियमों के मुताबिक, टोल की राशि दो तरह से कैलकुलेट की जाएगी, और इनमें से जो भी कम होगा, वही वसूला जाएगा:
अब टोल टैक्स की गणना के लिए एक नया और अधिक तर्कसंगत तरीका अपनाया जाएगा। नए नियमों के मुताबिक, टोल की राशि दो तरह से कैलकुलेट की जाएगी, और इनमें से जो भी कम होगा, वही वसूला जाएगा:
- यदि राजमार्ग का कोई हिस्सा पुल या सुरंग जैसी विशेष संरचना है, तो उस संरचना की लंबाई को सामान्य सड़क की लंबाई में 10 गुना करके जोड़ा जाएगा और फिर टोल की गणना होगी।
- वैकल्पिक रूप से, पूरे राजमार्ग के उस विशेष हिस्से की लंबाई को सीधे 5 गुना किया जाएगा और उस आधार पर टोल निकाला जाएगा।
इन दोनों विधियों से जो भी टोल राशि कम आएगी, यात्रियों को वही चुकानी होगी।
इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा किसे मिलेगा?
इस नई नीति का सबसे बड़ा लाभ उन यात्रियों को मिलेगा जो ऐसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर नियमित रूप से सफर करते हैं, जिनमें 50% से अधिक भाग पुल, सुरंग या फ्लाईओवर जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर से निर्मित है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली के आसपास बने द्वारका एक्सप्रेसवे पर पहले टोल की राशि ₹317 तक थी, जो अब नए नियमों के अनुसार घटकर लगभग ₹153 हो सकती है। यह कमी आम यात्रियों के साथ-साथ व्यावसायिक वाहन चालकों के लिए भी एक बड़ी राहत लेकर आएगी।
इस नई नीति का सबसे बड़ा लाभ उन यात्रियों को मिलेगा जो ऐसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर नियमित रूप से सफर करते हैं, जिनमें 50% से अधिक भाग पुल, सुरंग या फ्लाईओवर जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर से निर्मित है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली के आसपास बने द्वारका एक्सप्रेसवे पर पहले टोल की राशि ₹317 तक थी, जो अब नए नियमों के अनुसार घटकर लगभग ₹153 हो सकती है। यह कमी आम यात्रियों के साथ-साथ व्यावसायिक वाहन चालकों के लिए भी एक बड़ी राहत लेकर आएगी।
सरकार ने यह बदलाव क्यों किया?
सरकार का मुख्य उद्देश्य आम जनता पर यात्रा के खर्च को कम करना है। खासकर उन मार्गों पर जहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर की उच्च लागत के कारण टोल टैक्स अधिक होता था, वहां अब यात्रियों को राहत मिलेगी। यह कदम शहरों के बाहरी इलाकों में बने बाईपास और रिंग रोड जैसे मार्गों पर सफर करने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगा।
सरकार का मुख्य उद्देश्य आम जनता पर यात्रा के खर्च को कम करना है। खासकर उन मार्गों पर जहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर की उच्च लागत के कारण टोल टैक्स अधिक होता था, वहां अब यात्रियों को राहत मिलेगी। यह कदम शहरों के बाहरी इलाकों में बने बाईपास और रिंग रोड जैसे मार्गों पर सफर करने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगा।
क्या यह नियम सभी नेशनल हाईवे पर लागू होगा?
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह नई टोल टैक्स कटौती का नियम केवल उन्हीं राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू होगा, जिनका 50% से अधिक हिस्सा विशेष संरचनाओं (जैसे पुल, सुरंग, फ्लाईओवर) से बना है। सामान्य सड़कों और राजमार्गों पर टोल टैक्स की दरें पहले की तरह ही रहेंगी।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह नई टोल टैक्स कटौती का नियम केवल उन्हीं राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू होगा, जिनका 50% से अधिक हिस्सा विशेष संरचनाओं (जैसे पुल, सुरंग, फ्लाईओवर) से बना है। सामान्य सड़कों और राजमार्गों पर टोल टैक्स की दरें पहले की तरह ही रहेंगी।
यह बदलाव कब से दिखेगा?
यह नया नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसलिए, अब इन विशिष्ट राजमार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को बहुत जल्द कम टोल चुकाना शुरू करना होगा। द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे महत्वपूर्ण और महंगे टोल वाले मार्गों पर इस बदलाव का असर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
यह नया नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसलिए, अब इन विशिष्ट राजमार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को बहुत जल्द कम टोल चुकाना शुरू करना होगा। द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे महत्वपूर्ण और महंगे टोल वाले मार्गों पर इस बदलाव का असर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
एक और खुशखबरी: ₹3000 में पूरे साल टोल फ्री! फास्टैग के लिए नया सालाना पास
सरकार ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक और महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए सालाना पास का विकल्प भी उपलब्ध होगा, जिसकी कीमत मात्र ₹3,000 निर्धारित की गई है। यह सुविधा 15 अगस्त से शुरू हो जाएगी। वर्तमान में, फास्टैग में केवल मासिक पास या आवश्यकतानुसार रिचार्ज करने की सुविधा ही मिलती है।
सरकार ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक और महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब फास्टैग उपयोगकर्ताओं के लिए सालाना पास का विकल्प भी उपलब्ध होगा, जिसकी कीमत मात्र ₹3,000 निर्धारित की गई है। यह सुविधा 15 अगस्त से शुरू हो जाएगी। वर्तमान में, फास्टैग में केवल मासिक पास या आवश्यकतानुसार रिचार्ज करने की सुविधा ही मिलती है।
यह सालाना पास निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए मान्य होगा और यह एक साल तक या फिर 200 बार टोल प्लाजा पार करने तक इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस हिसाब से, एक बार टोल क्रॉस करने की औसत लागत केवल ₹15 आएगी। सरकार का मानना है कि इस नई सुविधा से देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी और यात्रियों का समय बचेगा।
इन दो बड़े फैसलों से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वाले आम नागरिकों और व्यावसायिक वाहन चालकों को काफी राहत मिलेगी, जिससे यात्रा और भी सुगम और किफायती हो जाएगी।
