लहूलुहान पहलगाम की चीखें बनीं 'ऑपरेशन सिंदूर' की ज्वाला: भारत के प्रहार से काँपा आतंक का दिल, सरहद पर बारूद का तांडव! बंकरों में सिमटी ज़िंदगी!

आधी रात PoK और पाक के 9 ठिकाने ध्वस्त; बौखलाए पाकिस्तान की तोपें उगलीं आग, सहमे सीमावासी बंकरों और पलायन को मजबूर।
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OP-SINDOOR
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए उस monstrous आतंकी हमले के ज़ख्म अभी ताज़े ही थे, जब भारत ने अपने martyrs और पीड़ित परिवारों की tears को action की शक्ति में बदल दिया। जिस terror ने उस दिन मासूमों का खून बहाया था, उस पर प्रहार करने के लिए भारतीय सेना ने एक ऐतिहासिक और निर्णायक अभियान चलाया - 'ऑपरेशन सिंदूर'। यह नाम सिर्फ एक सैन्य कोड नहीं, बल्कि देश के collective grief, resolve और vengeance का प्रतीक बन गया है। 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के बाद, शांति की उम्मीदों पर सीमा पर बढ़ रहे तनाव के बादल मंडरा रहे हैं, जहाँ गोलीबारी और धमाकों ने जीवन को एक बार फिर अस्त-व्यस्त कर दिया है।READ ALSO:-आतंक के आकाओं पर 'सिंदूर' स्ट्राइक: भारत ने PAK/PoK में दहशतगर्दों के 9 गढ़ ज़मींदोज़ किए, थर्राया आतंक का साम्राज्य!, वायरल हो रहे वीडियो

 

रात 2 बजे का कहर: जब थर्रा उठा आतंक का अभेद्य किला
6 और 7 मई, 2025 की दरमियानी रात, ठीक 2 बजे के आसपास, जब पाकिस्तान और PoK की धरती पर आतंकी आका अपने नेटवर्क के साथ बेखबर थे, भारतीय सुरक्षाबलों के सटीक और devastating strike ने उन्हें गहरे झटके दिए। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत, intelligence द्वारा identify किए गए 9 महत्वपूर्ण आतंकी infrastructure sites पर lightning speed से हमले किए गए। ये वो अड्डे थे जहाँ भारत के खिलाफ साजिशें रची जाती थीं, fidayeen squads को तैयार किया जाता था और हथियारों की smuggling होती थी। बहावलपुर, जिसे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्य गढ़ माना जाता है, इन हमलों का प्रमुख निशाना रहा। माना जा रहा है कि इस strike से JeM और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे संगठनों की कमर टूट गई है। सुबह की पहली किरण के साथ जब इस सफल ऑपरेशन की खबर फैली, तो पूरे भारत में गर्व और संतोष की लहर दौड़ गई।

 Indian Army Air Strike

प्रहार के बाद का मंज़र: पाकिस्तान में दहशत और अफरा-तफरी
ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद पाकिस्तान में जो हालात बने, उनके video testimonials सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और वे सरकारी दावों से बिलकुल उलट कहानी कह रहे हैं।

 

  • बहावलपुर: chaos का epicentre: बहावलपुर से सामने आए वीडियोज़ में हमले के बाद पूर्ण अराजकता का माहौल दिखा। अस्पतालों में घायलों को ले जाने के लिए एंबुलेंस की सायरन गूँज रही थी और सड़कों पर दहशत में भागते लोगों की भीड़ थी। सूत्रों के अनुसार, नुकसान इतना बड़ा था कि जानकारी को बाहर जाने से रोकने के लिए बहावलपुर और आस-पास के इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं प्रभावित हुईं।
  • पाकिस्तानी नागरिक का आक्रोश: एक वायरल वीडियो में बहावलपुर के एक निवासी ने अपनी सरकार और सेना की निष्क्रियता पर तीखा हमला किया। उसने भारत द्वारा Jaish-e-Mohammed के मदरसों पर मिसाइल हमले का दावा किया और गुस्से में पूछा कि जब भारत हमला कर रहा था तब पाकिस्तान की सेना कहाँ थी? यह वीडियो पाकिस्तानी अवाम के भीतर से भी उठ रहे सवालों और सुरक्षा व्यवस्था पर अविश्वास को दर्शाता है।
  • लाहौर एयरपोर्ट पर lockdown: हमलों के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण लाहौर के अल्लामा इकबाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर emergency लागू कर दी गई। कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें रद्द कर दी गईं, और एयरपोर्ट को कथित तौर पर 41 घंटे तक बंद रखा गया। इस स्थिति ने न केवल यात्रियों को परेशानी में डाला, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत की कार्रवाई का प्रभाव पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्सों तक महसूस किया गया।

 

सीमा पर बारूद की गंध: सहमे उरी और तंगधार
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सबसे ज्यादा तनाव नियंत्रण रेखा (LoC) पर महसूस किया जा रहा है। पाकिस्तान की सेना ने भारत की कार्रवाई के जवाब में सीमा पार से भारी गोलाबारी शुरू कर दी है। बारामुल्ला और कुपवाड़ा जिलों के उरी और तंगधार सेक्टर इस गोलाबारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

 

  • बंकरों में कैद जीवन: उरी और तंगधार के निवासियों ने बताया कि गोलाबारी इतनी तीव्र है कि उन्हें अपने घरों को छोड़कर भूमिगत बंकरों में शरण लेनी पड़ रही है। तंगधार के एक निवासी के अनुसार, यह पिछले कुछ सालों में हुई सबसे भीषण गोलाबारी है। गोलाबारी के कारण कई जगहों पर आग भी लग गई है।
  • घरों को पहुंचा नुकसान, पलायन को मजबूर लोग: उरी के निवासियों ने बताया कि रात 11 बजे के आसपास शुरू हुई पाकिस्तानी गोलाबारी में उनके कई घर सीधे तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं, और कुछ में आग लग गई। जान बचाने के लिए लोगों ने तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया। एक निवासी ने बताया कि पाकिस्तानी गोले उरी शहर के मुख्य इलाके सलामाबाद के करीब गिरे। जो लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें पाकिस्तानी सेना ने भी रोका, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
Pakistan Attack
भारत का दृढ़ संकल्प और आगे की चुनौती
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि उनके हमले केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे और उनका उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुंचाना नहीं था। इस कार्रवाई ने जहां भारत में खुशी और संतोष का माहौल पैदा किया है, वहीं सीमा पर बढ़ते तनाव ने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। भारतीय सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है, लेकिन सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा और सामान्य जीवन की बहाली सरकार के सामने एक महत्वपूर्ण कार्य है। 'ऑपरेशन सिंदूर' आतंकवाद के खिलाफ भारत की unwavering stance का powerful प्रदर्शन है, लेकिन यह भी underscores करता है कि इस लड़ाई की कीमत सीमा पर रहने वाले हमारे ही नागरिकों को चुकानी पड़ सकती है। देश अपने सैनिकों के शौर्य को सलाम कर रहा है, लेकिन सीमा पर रहने वालों की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करना अब अगली प्राथमिकता है।
SONU

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