देश में फिर बढ़ रहा कोरोना का खतरा! 10 दिन में 15 गुना उछाल, 34 मौतें, 3976 एक्टिव केस, सबसे ज्यादा 1435 केरल में; नए वैरिएंट्स की दस्तक
केरल, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा एक्टिव केस; केंद्र और राज्यों ने बढ़ाई सतर्कता; दिल्ली हाईकोर्ट ने भी जताई चिंता
Jun 2, 2025, 20:35 IST
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नई दिल्ली/देशभर: भारत में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं, जिसने देश भर में चिंता की लहर फैला दी है। आंकड़ों के मुताबिक, महज 10 दिनों में एक्टिव केसों की संख्या 15 गुना बढ़कर 3976 तक पहुँच गई है! स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट के ताजा आंकड़े बताते हैं कि केरल में सबसे ज्यादा 1435 एक्टिव केस हैं, जबकि महाराष्ट्र 506 मरीजों के साथ दूसरे नंबर पर है। यह वृद्धि एक गंभीर संकेत है कि हमें अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।READ ALSO:-🚍🔌उत्तर प्रदेश: डीजल बसों को अब मिलेगी 'इलेक्ट्रिक नई ज़िंदगी'! UPSRTC की ऐतिहासिक पहल से बदलेगी परिवहन की तस्वीर
'जानलेवा' हो रहा वायरस? युवाओं की मौतें बढ़ा रहीं फिक्र!
इस नई लहर में मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है, जो अब तक 34 पहुंच चुका है। बीते 24 घंटों में 6 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जिसमें चौंकाने वाली बात यह है कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। सोमवार को अहमदाबाद में 18 साल की एक गर्भवती लड़की और 47 साल की एक महिला की मौत हुई। इससे पहले रविवार को दिल्ली में एक 22 साल की लड़की और तमिलनाडु में 25 साल के एक लड़के की भी कोरोना से मौत हुई थी। यह दिखाता है कि वायरस किसी भी आयु वर्ग को नहीं छोड़ रहा है।
राज्य अलर्ट पर, दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से माँगा 'ब्लूप्रिंट'!
बढ़ते मामलों के मद्देनजर, कर्नाटक सरकार ने तुरंत पब्लिक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें नागरिकों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया गया है। लोगों को बुखार, खांसी, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी गई है। कर्नाटक में इस समय 253 एक्टिव केस हैं।
दूसरी ओर, दिल्ली हाईकोर्ट ने भी स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा, "अगली कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।" इसने केंद्र सरकार को कोविड सैंपल कलेक्शन, कोविड सेंटर्स और ट्रांसपोर्ट पॉलिसी की तैयारियों का पूरा विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष राज्य मंत्री, प्रतापराव जाधव ने देश को आश्वस्त किया है कि स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय पूरी तरह से सतर्क हैं और सभी राज्यों के हालात पर बारीक नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली लहरों के दौरान बने ऑक्सीजन प्लांट, ICU बेड आदि की समीक्षा हो चुकी है, और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमारी तैयारियां पूरी हैं।
मिजोरम में 7 महीने बाद लौटे केस; महाराष्ट्र में टेस्ट बढ़े, चिंता भी!
देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना की वापसी देखने को मिल रही है:
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मिजोरम में 7 महीने बाद पहला केस: 30 मई को मिजोरम में 2 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई, जो पिछले साल अक्टूबर के बाद पहला मामला है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से घबराने के बजाय कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है।
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महाराष्ट्र में उछाल: महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि 31 मई को कोविड के 68 नए मामले सामने आए। मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक 411 केस मिल चुके हैं। राज्य में जनवरी से अब तक 10,324 टेस्ट किए गए, जिनमें 681 पॉजिटिव निकले।
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जम्मू-कश्मीर में नए मामले: गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 के दो नए मामले सामने आए, जो केरल के रहने वाले छात्र हैं।
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इटावा सफारी पार्क खुला: उत्तर प्रदेश का इटावा सफारी पार्क, जिसे कोविड के बढ़ते मामलों के कारण 14 मई को बंद कर दिया गया था, उसे 29 मई को कोविड प्रोटोकॉल के साथ फिर से खोल दिया गया है।
भारत में 4 नए वैरिएंट्स की पहचान: JN.1 सबसे बड़ा खतरा, इम्यूनिटी को भी दे रहा चुनौती!
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच देश में चार नए वैरिएंट्स की पहचान की गई है: LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के वैरिएंट। हालांकि उन्होंने कहा कि मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए। WHO ने भी इन्हें 'चिंताजनक' नहीं माना है, बल्कि 'निगरानी में रखे गए वैरिएंट' के रूप में वर्गीकृत किया है।
JN.1 वैरिएंट सबसे आम: भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है, टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यही वैरिएंट मिलता है। यह ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है, जिसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन हैं, जो मानव शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करने में सक्षम हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है।
NB.1.8.1 की चुनौती: NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। चिंताजनक बात यह है कि इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।
विशेषज्ञों का कहना है कि JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह 'लॉन्ग कोविड' का संकेत हो सकता है। ऐसे में, सभी नागरिकों को एक बार फिर से मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता जैसे कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना होगा ताकि इस नई चुनौती का सामना किया जा सके।
