ड्यूटी पर शहीद हुए CRPF जवानों के परिजनों को अब मिलेंगी 35 लाख की मदद, बेटी की शादी में मिलने वाली सहायता में भी वृद्धि

  नए नियमों के मुताबिक संघर्ष के दौरान यदि कोई CRPF जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को अब 35 लाख रुपये की अनग्रह राशि मिलेगी।

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CRPF
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CRPF) ने ड्यूटी पर तैनात जवानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि किसी संघर्ष के दौरान या अन्य कारणों से ड्यूटी पर शहीद होने वाले CRPF के जवानों के परिवारों को मिलने वाली अनुग्रह राशि में वृद्धि की गई है। नए नियमों के मुताबिक संघर्ष के दौरान यदि कोई CRPF जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को अब 35 लाख रुपये की अनग्रह राशि मिलेगी।

 

जोखिम निधि भी बढ़ाई

वहीं जोखिम निधि को भी बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। यह राशि उस वक्त जवान के परिवार को मिलती है जब बीमारी, आत्महत्या या किसी अन्य कारण से उनकी ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है। इसके साथ ही शहीद होने वाले जवानों की बेटी या बहन की शादी के लिए वित्तिय सहायता बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। Read Also : राशन कार्ड धारकों के लिए अच्छी खबर : सरकार की निशुल्क राशन योजना जारी रहेगी, अगले साल इस महीने तक मिलेगा, जानें

 

अभी तक इतना था रिस्क रिफंड

बता दें कि अभी संघर्ष में शहीद CRPF जवान की मौत पर मिलने वाला रिस्क रिफंड 21.5 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक था, जो डायरेक्टोरेट जनरल द्वारा तय होने के बाद जवान के परिवार को दिया जाता था, लेकिन अब इस रिस्क रिफंड 35 लाख रुपये तय कर दिया गया है, जो संघर्ष में शहीद होने वाले जवानों के परिवार को मिलेगा। 

 

इसी तरह सेवा के दौरान दुर्घटना, आत्महत्या या बीमारी जैसे किसी अन्य कारण से मारे जाने वाले सैनिकों के परिवारों को 16.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। अधिकतर एयरपोर्टों पर तैनात CISF के शहीद जवानों के परिवार लिए रिस्क फंड 15 लाख रुपये था। भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करने वाली आईटीबीपी का कोई जवान यदि ड्यूटी पर शहीद होता था तो यह राशि 25 लाख रुपये थी।

 

ये अनुग्रह भुगतान बल के कर्मियों द्वारा दो मदों, जोखिम निधि और केंद्रीय कल्याण कोष के तहत स्वैच्छिक योगदान से लिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) या अर्धसैनिक बलों में भी इसी तरह का निर्णय लिया जा रहा है।

 

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