केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 'नो डिटेंशन पॉलिसी' खत्म, अब 5वीं-8वीं क्लास में फेल होने वाले छात्र अगली क्लास में प्रमोट नहीं होंगे
अब 5वीं और 8वीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है। इन कक्षाओं में फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा।
Updated: Dec 23, 2024, 19:22 IST
|
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आज यानी 23 दिसंबर को बड़ा फैसला लेते हुए 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है। अब 5वीं और 8वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को पास नहीं किया जाएगा। पहले फेल होने वाले छात्रों को पास करके अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा, लेकिन अगर वे दोबारा फेल होते हैं तो उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा। स्कूल 8वीं कक्षा तक किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकालेंगे।READ ALSO:-मेरठ : गंगा एक्सप्रेसवे के पास 1500 एकड़ में बन रही है नई टाउनशिप, 750 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी नई टाउनशिप, नोएडा जैसा होगा मेट्रो शहर
शिक्षा मंत्रालय ने पढ़ाई के स्तर को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए 5वीं और 8वीं कक्षा के लिए 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है, जिसके तहत स्कूलों को साल के अंत में होने वाली परीक्षा में सफल नहीं होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने की अनुमति थी।
16 राज्यों ने पहले ही खत्म कर दी थी 'नो-डिटेंशन पॉलिसी'
वहीं, 2019 में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) में संशोधन के बाद 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दोनों कक्षाओं के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' खत्म कर दी थी।
अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा नीति खत्म किए जाने के बाद अगर कोई छात्र 5वीं और 8वीं में फेल होता है तो उसे दो महीने के अंदर परीक्षा पास करनी होगी। अगर छात्र परीक्षा में सफल नहीं होता है तो उसे अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।
बच्चे स्कूल से बाहर नहीं होंगे
जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बच्चे को हिरासत में रखने के दौरान शिक्षक बच्चे के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर अभिभावक को भी गाइड करेंगे। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्राथमिक शिक्षा पूरी होने तक किसी भी बच्चे को किसी भी स्कूल से नहीं निकाला जाएगा।
जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बच्चे को हिरासत में रखने के दौरान शिक्षक बच्चे के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर अभिभावक को भी गाइड करेंगे। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्राथमिक शिक्षा पूरी होने तक किसी भी बच्चे को किसी भी स्कूल से नहीं निकाला जाएगा।