कारों के हॉर्न में बजेगा तबला-ढोलक और बांसुरी! गडकरी की अनोखी योजना जल्द बनेगी कानून
भारतीय वाद्य यंत्रों की धुनों से होगा सड़कों पर हॉर्न का संगीत, ध्वनि प्रदूषण को कम करने की पहल
Apr 23, 2025, 07:00 IST
|

नई दिल्ली। देश की सड़कों पर जल्द ही आपको वाहनों के कर्कश हॉर्न की जगह भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की मधुर धुनें सुनने को मिल सकती हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपनी एक अनूठी योजना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिसके तहत अब गाड़ियों के हॉर्न में ढोलक की थाप, बांसुरी की धुन और सितार के सुर जैसे भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाजों का इस्तेमाल किया जाएगा।READ ALSO:-इंदौर में फिर लौटता दिखा कोरोना का साया, बुजुर्ग महिला की मौत, एक अन्य की हालत नाजुक, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ साल पहले इस विचार को साझा किया था और अब उन्होंने हाल ही में इस संबंध में एक कानून लाने की अपनी मंशा जाहिर की है। ईटी की एक खबर के मुताबिक, नितिन गडकरी का मंत्रालय एक ऐसे कानून पर विचार कर रहा है जो सभी प्रकार के वाहनों के हॉर्न के लिए भारतीय वाद्य यंत्रों की धुनों के इस्तेमाल को अनिवार्य कर देगा। इस पहल का उद्देश्य सड़कों पर होने वाले अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण को कम करना और लोगों को हॉर्न के अप्रिय शोर से राहत दिलाना है।
उनका कहना है कि यह कानून लागू होने के बाद गाड़ियों के हॉर्न में तबला, बांसुरी, वायलिन, ढोलक और हारमोनियम जैसे पारंपरिक भारतीय वाद्य यंत्रों की धुनों को शामिल किया जा सकेगा। यह कदम निश्चित रूप से ध्वनि प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
हालांकि, इस अनोखे प्रस्ताव पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा कर चुटकी भी ली है।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना भी लक्ष्य:
नितिन गडकरी ने इस पहल को देश में वायु गुणवत्ता सुधारने के बड़े लक्ष्य से भी जोड़ा है। उन्होंने कहा कि देश के कुल वायु प्रदूषण में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण की होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि इसी कारण मोदी सरकार लगातार ऐसे वाहनों को बढ़ावा दे रही है जो ग्रीन या बायोफ्यूल जैसे वैकल्पिक ईंधनों से चलते हैं। मेथेनॉल और एथेनॉल जैसे जैव ईंधनों के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाने के लिए सब्सिडी भी प्रदान कर रही है ताकि स्वच्छ गतिशीलता को बढ़ावा मिले।
केंद्रीय मंत्री ने देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रगति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया है, केवल अमेरिका और चीन ही हमसे आगे हैं। उन्होंने बताया कि यह सेक्टर देश के एक्सपोर्ट में भी बड़ी हिस्सेदारी रखता है।
नितिन गडकरी की यह पहल ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण, दोनों समस्याओं से निपटने की दिशा में एक साथ काम करने का प्रयास है, हालांकि हॉर्न की धुन बदलने का विचार अपने आप में काफी अनूठा और चर्चा का विषय बना हुआ है।
