NGO की आड़ में लड़कियों की तस्करी का सनसनीखेज खुलासा, फेसबुक से फंसाकर लाखों में बेचते थे बेटियां
'सर्वसमाज गायत्री फाउंडेशन' नाम के NGO का भंडाफोड़, संचालिका समेत 4 गिरफ्तार, शादी से पहले देती थीं नशीली दवाएं, 1500+ शादियों का कबूलनामा
Apr 11, 2025, 17:23 IST
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जयपुर, शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025: राजस्थान की राजधानी जयपुर में मानव तस्करी के एक बड़े और बेहद खौफनाक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। बस्सी थाना पुलिस ने एक एनजीओ की आड़ में चलाए जा रहे नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त और तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह 'सर्वसमाज गायत्री फाउंडेशन' नाम का एनजीओ चलाता था और पिछले करीब आठ सालों से सक्रिय था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एनजीओ की मुख्य संचालिका गायत्री विश्वकर्मा सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का तरीका बेहद शातिराना था – ये फेसबुक पर गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी में आर्थिक मदद करने का झांसा देते थे, फिर उन्हें बहला-फुसलाकर जयपुर लाते और यहां लाखों रुपये में बेच देते थे।READ ALSO:-इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला: 'संतान के लिए बिना शादी भी साथ रह सकते हैं स्त्री-पुरुष', लिव-इन कपल को सुरक्षा का आदेश
ऐसे दिया जाता था वारदात को अंजाम:
मामले की जानकारी देते हुए आईपीएस अधिकारी अभिजीत पाटिल ने बताया कि पुलिस को इस एनजीओ की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में एक मुखबिर से पुख्ता सूचना मिली थी। जांच में पता चला कि 'सर्वसमाज गायत्री फाउंडेशन' फेसबुक पर विज्ञापन पोस्ट करता था, जिसमें गरीब लड़कियों की शादी करवाने में आर्थिक सहायता देने का वादा किया जाता था। इन विज्ञापनों के जाल में फंसने वाले गरीब परिवारों से गिरोह के एजेंट संपर्क करते थे। ये एजेंट मुख्यतः उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सक्रिय थे। वे लड़कियों को अच्छी नौकरी दिलाने या अमीर घर में शादी करवाने का लालच देकर, और कभी-कभी कोलकाता घुमाने के बहाने, जयपुर ले आते थे।
जयपुर पहुंचने पर लड़कियों की असल परीक्षा शुरू होती थी। उन्हें एनजीओ में बंधक बनाकर रखा जाता था। अगर कोई लड़की उनकी बात मानने से इनकार करती या भागने की कोशिश करती, तो उसके साथ बेरहमी से मारपीट की जाती थी और उसे कमरों में बंद कर दिया जाता था। मुख्य आरोपी गायत्री विश्वकर्मा इन लड़कियों के फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार करवाती थी। इसके बाद वह खरीदारों से संपर्क करती और लाखों रुपये लेकर इन लड़कियों की अवैध 'शादियां' करवा देती थी, जो असल में उन्हें बेचना होता था।
एक पीड़िता के भागने से खुला राज:
इस पूरे घिनौने कांड का खुलासा तब हुआ जब अजमेर के रहने वाले दो दलाल 16 साल की एक नाबालिग लड़की को इसी तरह फंसाकर जयपुर लाए। वे इस लड़की का सौदा उत्तर प्रदेश के किसी व्यक्ति से 2.5 लाख रुपये में करने की फिराक में थे और उस पर दबाव बना रहे थे। जब लड़की ने इसका कड़ा विरोध किया और काफी परेशान हो गई, तो पकड़े जाने के डर से दलाल उसे इसी एनजीओ में गायत्री विश्वकर्मा के पास छोड़कर फरार हो गए। किस्मत से, यह लड़की एनजीओ में ही मौजूद एक अन्य महिला की मदद से किसी तरह वहां से भाग निकली।
छापेमारी, गिरफ्तारी और चौंकाने वाले खुलासे:
एनजीओ के चंगुल से आजाद होने के बाद पीड़िता सीधे पुलिस के पास पहुंची और अपनी दर्दनाक आपबीती सुनाई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जीरो एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पीड़िता के बयान और मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने एनजीओ के ठिकाने पर छापा मारा। मौके से पुलिस ने मुख्य संचालिका गायत्री विश्वकर्मा और उसके तीन पुरुष साथियों - भगवानदास, महेंद्र और हनुमान सिंह - को गिरफ्तार कर लिया। एक अन्य महिला को भी पूछताछ के लिए राउंडअप किया गया है।
पुलिस द्वारा की गई शुरुआती जांच और पूछताछ में दिल दहला देने वाले तथ्य सामने आए हैं। पता चला है कि बेची जाने वाली लड़कियों की 'कीमत' उनके रंग, रूप और शारीरिक डील-डौल के हिसाब से तय की जाती थी। इससे भी ज्यादा खौफनाक खुलासा यह हुआ कि जिन लड़कियों का सौदा पक्का हो जाता था, उन्हें 'शादी' की रस्मों से ठीक पहले नशीली दवाएं (संभवतः नींद या बेहोशी की दवा) खिला दी जाती थीं। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि लड़की शादी के दौरान पूरी तरह होश में न रहे और किसी भी तरह का विरोध या हंगामा न कर सके, जिससे खरीदार को कोई शक न हो।
मुख्य आरोपी का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड, 1500+ 'शादियां':
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार की गई मुख्य आरोपी गायत्री विश्वकर्मा एक आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ जयपुर और अन्य जगहों के विभिन्न थानों में पहले से ही धोखाधड़ी, अपहरण और अन्य धाराओं में 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस की कड़ी पूछताछ में गायत्री ने यह बात कबूल की है कि वह पिछले आठ सालों से यह एनजीओ चला रही थी और इस दौरान उसने 1500 से भी ज्यादा लड़कियों की इस तरह से तस्करी कर उनकी 'शादियां' करवाई हैं। पुलिस अब इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का पता लगाने, इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान करने और पीड़ित लड़कियों का पता लगाकर उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है।
