Supreme Court के वकीलों को धमकी, पंजाब में PM Modi की सुरक्षा चूक से जुड़े केस से दूर रहो

PM Modi security breach : रिकॉर्ड किए गए संदेश यह भी था कि 1984 के दंगों के दौरान सिख समुदाय के सदस्यों की हत्याओं के संबंध में शीर्ष अदालत ने पर्याप्त न्याय नहीं किया।
 | 
punjab
PM Narendra Modi की सुरक्षा में लापरवाही का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। अब इसी में एक नया मामला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के अधिवक्ताओं ने कहा है कि उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से रिकार्ड मैसेज मिला जिसमें पीएम की सुरक्षा मामले में सरकार की मदद से दूर रहने की बात कही है।

 

1984 दंगों में सुप्रीम कोर्ट ने न्याय नहीं किया

अधिवक्ताओं का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय नंबरों से आए रिकॉर्डिड मैसेज में संदेश था कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) (Sikh for Justice) ने पंजाब में पीएम के सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी ली है। रिकॉर्ड किए गए संदेश में कहा गया है कि 1984 के दंगों के दौरान सिख समुदाय के सदस्यों की हत्याओं के संबंध में शीर्ष अदालत ने पर्याप्त न्याय नहीं किया।

 pm modi in punjab

एसोसिएशन के सदस्यों को मिला मैसेज

जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन अध्यक्ष शिवाजी एम. जाधव (Shivaji M. Jadhav President Supreme Court Advocate-on-Record Association) ने बताया कि एसोसिएशन के कुछ कार्यकारी सदस्यों को यह रिकॉर्डिड मैसेज मिला है। जिसमें इस पूरे मामले से दूर रहने की बात कही गई। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मामले में किसी प्रकार की मदद ना करने की बात कही गई है।

 

एनआईए से जांच कराने की मांग

वहीं, इस पूरे मामले पर वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी (Senior Advocate Mahesh Jethmalani) ने कहा कि इस मैसेज की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए। जेठमलानी ने इस मामले पर ट्वीट भी किया है। जिसमें उन्होंने लिखा कि सिख फॉर जस्टिस यूएसए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एओआर (एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड) को भेजे गए ऑडियो को सावधानीपूर्वक लेना चाहिए। यह हरकत प्रचार से प्रेरित या दोषियों का बचाव करने के लिए एक धोखा हो सकती है। बावजूद इसके, यह उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों/ एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के लिए परोक्ष खतरा उत्पन्न करने वाला लगता है, इसलिए तत्काल इस मामले की एनआईए से जांच करवाई जानी चाहिए।

pm modi in punjab

सुप्रीम कोर्ट जांच समिति गठित करने को माना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में लापरवाही मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। मांग पर सुप्रीम कोर्ट मामले की जांच के लिए एक पूर्व शीर्ष न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर सहमत हो गया।

 

वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने किया याचिका का उल्लेख

सुरक्षा में चूक या लापरवाही को लेकर दिल्ली के याचिकाकर्ता लॉयर्स वॉयस का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका का उल्लेख किया था। उन्होंने देश के पीएम को सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।

punjab

याचिका में पंजाब में प्रधानमंत्री के सुरक्षा उल्लंघन की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। इसने जिला न्यायाधीश बठिंडा को प्रधानमंत्री के दौरे के संबंध में पंजाब पुलिस की आवाजाही और तैनाती से संबंधित सभी सामग्री एकत्र करने, संरक्षित करने और पेश करने और डीजीपी और पंजाब के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश देने की मांग की है।

 

गृहमंत्रालय की यह है जांच समिति

जानकारी हो कि इस पूरे मामले में गृह मंत्रालय ने जांच समिति गठित की है। जिसमें समिति का नेतृत्व सुधीर कुमार सक्सेना, सचिव (सुरक्षा), कैबिनेट सचिवालय और बलबीर सिंह, संयुक्त निदेशक, आईबी (IB Joint Director, Balbir Singh) और एसपीजी आईजी एस. सुरेश (SPG IG S. Suresh) करेंगे।

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।