RBI Governor S. Das ने कहा - क्रिप्टोकरेंसी बड़ा खतरा, इसे नहीं मिलनी चाहिए अनुमति

RBI :  कुछ दिन बाद आरबीआई (RBI) की आंतरिक समिति की क्रिप्टोकरेंसी पर रिपोर्ट आनी है। गवर्नर के इस बयान को लेकर सरकार का रुख क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्पष्ट देखा जा सकता है।
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RBI Governor
रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा है कि यह वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन रहा है। इस सब को लेकर आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आपत्ति दिखाई है। 

 

एक कार्यक्रम के दौरान आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में अपनी राय स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि हमें बिटकाइन (bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति नहीं देखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मुद्रा केंद्रीय बैंकों (central bank) के नियमन के दायरे में नहीं आती है। जिसके चलते यह वित्त प्रणाली के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। Read also :  Nykaa IPO: शेयर बाजार में 'नायका' की बंपर लिस्टिंग, पहले दिन ही किया आईपीओ ने मालामाल

 

क्रिप्टोकरेंसी पर अगले माह आ सकती है आरबीआई की रिपोर्ट

जानकारी हो कि कुछ दिन बाद आरबीआई (RBI) की आंतरिक समिति की क्रिप्टोकरेंसी पर रिपोर्ट आनी है। गवर्नर के इस बयान को लेकर सरकार का रुख क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्पष्ट देखा जा सकता है। वैसे आरबीआई की यह रिपोर्ट अगले महीने आने की उम्मीद है।  Read Also : Paytm IPO: कमाई का शानदार मौका, लॉन्च हुआ देश का सबसे बड़ा IPO, जानें कैसे करें निवेश

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RBI monetary policy के पुनर्संतुलन में लगा है

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने महामारी से बेहाल क्षेत्रों को तरलता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए मौद्रिक कदमों को फलदायक बताया। दास ने बुधवार को कहा कि मौद्रिक नीति का पुनर्संतुलन एक जटिल एवं लंबी प्रक्रिया है। Read Also : 4000 से भी कम खर्च कर शुरू करें ये बिजनेस और हर महीने करें 50 से 80 हजार रुपये तक कमाई

 

दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी (covid-19 pandemic) का प्रकोप बढ़ने के साथ ही केंद्रीय बैंक ने तरलता बनाए रखने की दिशा में जो भी कदम उठाए, वे हालात के अनुकूल साबित हुए। दास ने कहा, ‘‘हम वित्तीय व्यवस्था में तरलता का संतुलन साधने की कोशिश कर रहे हैं।’’ रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति (monetary policy) को सामान्य करना काफी गलत समझ लिया जाता है। एक लंबे संकट काल के बाद इसे सामान्य स्थिति में लाना किसी कालीन को लपेटने जैसा नहीं होता है।’’ 

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