1 मई से संभावित नियम बदलाव: गैस सिलेंडर से लेकर ATM निकासी तक, जानें आपकी जेब पर कैसा होगा असर
मई महीने की शुरुआत सिर्फ गर्मी ही नहीं लाती, बल्कि हर साल कुछ जरूरी बदलाव भी साथ लाती है जो आम आदमी की जेब और जीवनशैली पर सीधा असर डालते हैं। 1 मई 2025 से देशभर में कुछ अहम नियमों में बदलाव होने जा रहा है जिनमें LPG सिलेंडर की कीमत, बैंकिंग सेवा, रेलवे टिकट, एटीएम ट्रांजेक्शन और ग्रामीण बैंकिंग सिस्टम शामिल हैं।
Apr 30, 2025, 23:23 IST
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जैसे ही नया महीना शुरू होने वाला है, कई ऐसे नियम हैं जिनमें बदलाव देखने को मिल सकता है, जिसका सीधा असर आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी और जेब पर पड़ सकता है। खासकर मई महीने की पहली तारीख से गैस सिलेंडर की कीमतों से लेकर बैंकिंग और रेलवे सेवाओं तक में कुछ संभावित परिवर्तन बताए गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इन बदलावों और उनके प्रभाव के बारे में।READ ALSO:-मई में 12 दिन बैंकों पर लगेगा ताला, शेयर बाजार भी रहेगा शांत; जानें छुट्टियों की पूरी लिस्ट और कैसे करें काम
LPG गैस की कीमतें:
हर महीने की पहली तारीख को तेल विपणन कंपनियां रसोई गैस सिलेंडर (घरेलू और वाणिज्यिक दोनों) की कीमतों की समीक्षा करती हैं। इस बार भी 1 मई से पहले कीमतों में संशोधन की संभावना है। यह बढ़ोतरी या कटौती के रूप में हो सकता है। पिछले महीने, अप्रैल में घरेलू सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी, जिससे आम जनता पर आर्थिक बोझ पड़ा था। मई में क्या बदलाव होगा, यह 1 तारीख की सुबह ही स्पष्ट होगा।
भारतीय रेलवे के टिकट नियम:
रेल यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग से जुड़े नियमों में बदलाव की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि मई महीने से वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को स्लीपर और AC कोच में यात्रा करने की अनुमति नहीं मिल सकती है। यदि यह नियम लागू होता है, तो वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को कंफर्म टिकट के बिना इन कोचों में यात्रा करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
ATM से कैश निकालना होगा थोड़ा महंगा:
अगर आप अक्सर एटीएम से कैश निकालते हैं, तो यह बदलाव आपकी जेब पर असर डाल सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के तहत 1 मई से एटीएम से मुफ्त निकासी की सीमा के बाद लगने वाले शुल्क में वृद्धि हो सकती है। वर्तमान में मेट्रो शहरों में 3 बार तक कैश निकालना मुफ्त है, जिसके बाद प्रति लेनदेन 21 रुपये का शुल्क लगता है। बताया गया है कि अब इस शुल्क को बढ़ाकर 23 रुपये प्रति लेनदेन किया जा सकता है। यानी, यदि आप महीने में तीन से अधिक बार एटीएम से कैश निकालते हैं, तो आपको हर अतिरिक्त निकासी पर 23 रुपये का शुल्क देना होगा, जो सीधे आपके बैंक खाते से कट जाएगा।
FD और सेविंग खाते से जुड़े लोन:
अगर आपने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या सेविंग अकाउंट के बदले लोन लिया हुआ है, तो 1 मई से इसकी ब्याज दरों में बदलाव देखने को मिल सकता है। दरअसल, आरबीआई द्वारा रेपो रेट में लगातार दो बार गिरावट की गई है (नोट: यहाँ दी गई जानकारी में रेपो रेट में गिरावट का उल्लेख है, जो नवीनतम RBI घोषणाओं के विपरीत हो सकता है; यह जानकारी प्रदान किए गए टेक्स्ट पर आधारित है)। रेपो रेट में बदलाव का सीधा असर बैंकों की लोन ब्याज दरों पर पड़ता है। कई बैंकों ने पहले ही लोन की ब्याज दरों में संशोधन किया है, और मई से FD या सेविंग अकाउंट पर लिए गए लोन की ब्याज दरों में भी बदलाव हो सकता है।
ग्रामीण बैंकों का होगा विलय:
देश के बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा ढांचागत बदलाव भी संभावित है। आरबीआई द्वारा 11 राज्यों में अलग-अलग ग्रामीण बैंकों को मिलाकर एक बड़ा बैंक बनाने की योजना है। यह कदम इन बैंकों की कार्यप्रणाली और ग्राहकों सेवाओं पर असर डाल सकता है, हालांकि इसका सीधा वित्तीय बोझ आम जनता पर तत्काल पड़ने की संभावना कम है। यह बदलाव मुख्य रूप से बैंकिंग संरचना को सुव्यवस्थित करने पर केंद्रित होगा।
आम लोगों की जेब पर संभावित असर:
कुल मिलाकर, 1 मई से होने वाले ये संभावित बदलाव आम आदमी की वित्तीय योजना को प्रभावित कर सकते हैं। यदि एलपीजी सिलेंडर महंगा होता है, तो रसोई का बजट बिगड़ सकता है। एटीएम से अधिक बार निकासी करने पर बढ़ा हुआ शुल्क छोटे-मोटे खर्चों को बढ़ाएगा। रेलवे टिकट नियमों में बदलाव यात्रा को प्रभावित कर सकता है। जबकि, लोन की ब्याज दरों में बदलाव (टेक्स्ट के अनुसार गिरावट) लोन लेने वालों के लिए राहत की बात हो सकती है, लेकिन यह आरबीआई की वास्तविक नीति पर निर्भर करेगा। ग्रामीण बैंकों का विलय लंबी अवधि में बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता और दक्षता को प्रभावित कर सकता है। इन सभी बदलावों पर नजर रखना आम जनता के लिए महत्वपूर्ण होगा।
